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जो बाइडेन ने भारत के खिलाफ उगला जहर,भारत को ‘जेनोफोबिक’ बताने पर जयशकंर ने दिया जवाब


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नई दिल्ली – केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा भारत को ‘जेनोफोबिक’ (विदेशियों के प्रति नापसंदगी) कहने और उसे आर्थिक रूप से संकटग्रस्त देशों की श्रेणी में रखने को खारिज कर दिया। उन्होंने शुक्रवार को ईटी राउंडटेबल में कहा, ‘सबसे पहले हमारी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा नहीं रही है। भारत हमेशा से बहुत ही अनोखा देश रहा है… जो अपनी मेहमाननवाजी के लिए जाना जाता है। मैं वास्तव में कहूंगा कि दुनिया के इतिहास में भारत ऐसा देश रहा है, जिसने जरूरतमंद की हमेशा मदद की है। अलग-अलग समाजों से अलग-अलग लोग भारत आते हैं।’

बाइडेन ने क्या दिया था बयान?

दरअसल, 2 अप्रैल को, बाइडेन ने कहा था कि भारत, चीन, जापान और रूस की जेनोफोबिक प्रकृति उनकी आर्थिक समस्याओं के लिए जिम्मेदार है और तर्क दिया कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है क्योंकि वह अपनी धरती पर अप्रवासियों का स्वागत करता है। उन्होंने तर्क दिया कि अगर देश आप्रवासन को अधिक अपनाते हैं तो रूस और चीन के साथ जापान आर्थिक रूप से बेहतर प्रदर्शन करेगा। बाइडन मे कहा कि जापान, रूस और भारत को परेशानी क्यों हो रही है? क्योंकि वे जेनोफोबिक हैं वे आप्रवासियों को नहीं चाहते।

भारत जैसे देश अप्रवासियों को बोझ समझते हैं’

दरअसल, अमेरिका में इस साल नवंबर में राष्ट्रपति का चुनाव है. बाइडेन भी चुनाव रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। बुधवार को बाइडेन एशियाई और दूसरे गैर अमेरिकी मूल के लोगों को संबोधित कर रहे थे।इस दौरान उन्होंने अप्रवासियों का मुद्दा उठाया. बाइडेन ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था के बढ़ने का एक कारण आप जैसे अनेक लोग हैं।हम अप्रवासियों का स्वागत करते हैं, लेकिन कई देश प्रवासियों को बोझ समझते हैं।आज चीन आर्थिक रूप से इतनी बुरी तरह क्यों रुक रहा है, जापान को परेशानी क्यों हो रही है, रूस को क्यों दिक्कत है, भारत क्यों नहीं बढ़ रहा है, क्योंकि वे जेनोफोबिक हैं।वे अप्रवासियों को नहीं चाहते, लेकिन सच ये है कि आप्रवासी ही हमें मजबूत बनाते हैं।

सीएए की आलोचना करने वालों को लगाई फटकार

इसके बाद विदेश मंत्री ने सीएए की आलोचना करने वालों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा, ‘ऐसे लोग हैं जिन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि सीएए की वजह से इस देश में दस लाख मुसलमान अपनी नागरिकता खो देंगे। उनसे जवाब क्यों नहीं लिया जा रहा है? क्या अब तक किसी की नागरिकता गई है?’

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