यह शख्स शुक्राणु दान कर 600 बच्चों के बन चुके हैं पिता,सरकार ने इस पर लगा दिया बैन-जानें
नई दिल्लीः 11 साल पहले यानी 2012 में रिलीज हुई आयुष्मान खुराना स्टारर फिल्म ‘विक्की डोनर’ तो आपने देखी ही होगी. इस फिल्म ने उस वक्त काफी चर्चा बटोरी थी। वजह यह थी कि उस वक्त दिल्ली-मुंबई जैसे ‘मेट्रो सिटीज’ में भी ‘स्पर्म डोनेशन’ का कॉन्सेप्ट काफी नया था। आज हम बात करेंगे एक ऐसे ‘पिता’ की जिन्होंने ‘स्पर्म डोनेशन’ के जरिए कई कपल्स को ‘संतान सुख’ दिया है। उनके ‘जर्नी ऑफ स्पर्म डोनेशन’ के बारे में पढ़कर चौंक जाएंगे आप.’जब मैं 22 साल का था, तो मेरे सहयोगी ने मुझे बताया कि वह ‘नपुंसक’ है। यह जानकर मुझे गहरा सदमा लगा। मुझे उसके लिए बहुत अफ़सोस हुआ। उसने मुझे विस्तार से बताया कि अब उसके और उसकी प्रेमिका के पास बच्चे के लिए क्या विकल्प हैं। उनके पास एकमात्र विकल्प गोद लेना, पालन-पोषण और ‘शुक्राणु दान’ थे। एक सहकर्मी से ‘स्पर्म डोनेशन’ के बारे में सुनने के बाद, मैं स्पर्म डोनेशन के बारे में अधिक से अधिक पढ़ने लगा।कहानी है नीदरलैंड्स के ‘स्पर्म डोनर’ जोनाथन जैकब मेसर की।
कोर्ट का फैसला डच डोनर चाइल्ड फाउंडेशन द्वारा मीजर पर मुकदमा दायर करने के बाद आया। अदालत ने बच्चों के लिए नकारात्मक मनोवैज्ञानिक नतीजों का हवाला दिया और कहा कि मीजर को शुक्राणु दान करने से रोकना बच्चों के सर्वोत्तम हित में है। इतने सारे जैविक सौतेले भाई-बहनों के साथ संबंध बनाना उनके लिए कठिन होगा और यह अनाचार की संभावना को बढ़ाता है। अदालत के रिकॉर्ड के अनुसार व्यक्ति ने हमेशा ही क्लिनिक में झूठ बोला है। शुक्राणु दान के लिए वह जिस भी क्लिनिक में जाता था वहां वह यही कहता था कि इससे पहले उसने कहीं भी शुक्राणु दान नहीं दिया है। 2017 के रिपोर्ट के अनुसार व्यक्ति ने 2007 से 2017 के बीच अपने शुक्राणु से 102 बच्चों को जन्म दिया था। वहीं 2015 से 2018 के बीच उसने डेनमार्क में भी अपने शुक्राणुओं का दान किया है। यही नहीं सोशल मीडिया के लिए वह नीदरलैंड्स और विदेशों में भी अपना शुक्राणु का ऑफर देता था। 41 वर्षीय जोनाथन जैकब मीजर के तौर पर की है। प्रवक्ता गेरिट-जेन क्लेनजान ने लिखा कि डोनर को हर क्लिनिक से समझौता कर लेना चाहिए कि वह अपने शुक्राणु का दान अन्य क्लिनिक में नहीं करेगा।
स्पर्म दान करने वाले शख्स के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने गर्भधारण करने में असमर्थ लोगों की एक तरह से मदद ही की है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. हालांकि कोर्ट ने माना कि जैकब ने जानबूझकर माता-पिता को उसके शुक्राणुओं का इस्तेमाल करने के लिए झूठ बोला. नीदरलैंड्स में स्पर्म दान करने के लिए ख़ास नियम हैं. यहां क्लीनिकल गाइडलाइन्स में कहा गया है कि एक स्पर्म डोनर को 12 परिवारों में 25 से अधिक बच्चों का पिता नहीं होना चाहिए. लेकिन जैकब के केस में कोर्ट ने माना कि आदमी ने 2007 में शुक्राणु दान करना शुरू करने के बाद से 550 से 600 बच्चे पैदा करने में मदद की. यह नियम के खिलाफ है.