सावधान! Made in PRC भी Made in China ही हैं, भारतीयों को बेवकूफ बना रहा हैं चालाक चीन
दिल्ली : पिछले कुछ सालों से भारत-चीन के बीच चल रहे तनावपूर्ण माहौल की चिंगारी आम नागरिकों तक पहुंच चुकी हैं। चीन के खिलाफ भारत में भड़की गुस्से की लहर अब चीन के बाज़ार पर भी वार कर रही है. कई दुकानदारों ने चाइनीज सामान बेचना भी बंद कर दिया है। बता दें, भारत मे चीनी सामान खरीदने वाला एक बहुत बड़ा वर्ग हैं और भारत मे चीनी सामानों की बिक्री कम होने पर चीन को बहुत बड़ा आर्थिक झटका लगता हैं।
इतना ही नहीं, केंद्र सरकार ने भारत में चीनी सरकारी उपकरणों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। आम लोग भी अब ‘मेड इन चाइना’ वाली चीजों से परहेज कर रहे हैं। लेकिन, इस पर भी चालाक चीन ने बनावटी रूट का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। अब चीन अपने चीनी उत्पादों पर ‘मेड इन चाइना’ की जगह ‘मेड इन पीआरसी’ लिख कर बेच रहा है। ‘मेड इन पीआरसी’ में ‘पीआरसी’ का मतलब है ‘पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ यानी चीन!
डोकलाम में चीनी घुसपैठ की कोशिश के बाद भारत में फैले आक्रोश के बाद 2017 में चीन में निर्मित सामानों का बहिष्कार शुरू किया गया था। हालांकि डोकलाम विवाद में कोई जानहानि नहीं हुई थी इसलिए विवाद भी तीव्र नही हुआ, लेकिन, चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने वाला देश का जागरूक वर्ग बढ़ता गया। 15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के मारे जाने के बाद भारत में चीन के खिलाफ गुस्से की एक नई लहर दौड़ गई है. ऐसे संकेत हैं कि इसका सबसे बड़ा आर्थिक झटका चीन पर पड़ा।
इस बीच, चीन ने भारत में चीनी उत्पादों पर डोकलाम के बाद के बहिष्कार अभियान में भारतीयों को गुमराह करने के लिए चीनी उत्पादों पर “मेड इन चाइना” के बजाय “मेड इन पीआरसी” लिखना शुरू कर दिया। हम में से अधिकांश को पता नहीं है कि ‘मेड इन पीआरसी’ का क्या अर्थ है! हम चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए ‘मेड इन चाइना’ लेबल वाले उत्पाद नहीं खरीदते हैं लेकिन ‘पीआरसी’ का लेबल लगा होता है वो सामान बिना कुछ सोचे समझे खरीद लेते है।
कभी-कभी विक्रेता ‘मेड इन पीआरसी’ का अर्थ ‘पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ है ये बात बताते हैं लेकिन कुछ विक्रेता जानबूझकर इसका उल्लेख करने से बचते हैं। बता दें, चालाक चीन अपने चीनी उत्पादों को भारतीय रूप देने के लिए भारतीय लोगों के चित्रों का उपयोग करता है। कई वस्तुओं पर हिंदी में भी विवरण छापा जाता है।