x
रूस यूक्रेन युद्धविश्व

रूस-यूक्रेन युद्ध पर इन 4 देशों ने खुलकर किया रूस का समर्थन, पक्ष में की वोटिंग


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्ली – रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine Crisis) के बीच जारी जंग का गुरुवार को आठवां दिन है. रूस और यूक्रेन के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है. रूस ने यूक्रेन (Ukraine) के बड़े शहर खोर्सेन (Kherson) को अपने कब्जे में ले लिया है. करीब तीन लाख की आबादी वाले इस शहर में पिछले साल नाटो समर्थित युद्ध अभ्यासों की मेजबानी की गई थी, ऐसे में इसपर कब्जा करना रूस के लिए एक बड़ी बढ़त की तरह है. करीब 10 लाख लोग यूक्रेन छोड़कर भाग चुके हैं.

इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में जंग के मसले पर फिर बैठक हुई, जिसमें रूस के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया. इसमें रूस से कहा गया है कि वह यूक्रेन से अपनी सेना को वापस बुलाए. यह प्रस्ताव UNGA में पास तो हो गया लेकिन पांच देश (रूस समेत) इसके खिलाफ थे. इन चारों देशों को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस का दोस्त बताया है. इस मसले पर वोटिंग भी हुई, जिसमें भारत ने हिस्सा नहीं लिया. Aggression against Ukraine नाम का जो प्रस्ताव था उसपर 94 यूएन सदस्यों ने बात की. इसमें से 141 सदस्य सेना वापसी के समर्थन में थे. वहीं 34 ने वोट नहीं दिया. इसके अलावा पांच देशों ने इसके खिलाफ वोट किया.

किन देशों ने किया रूस का समर्थन –
रूस के अलावा बेलारूस, इरीट्रिया, उत्तर कोरिया और सीरिया ने इस प्रस्ताव के विरोध में वोट डाला. इसपर राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की का बयान भी आया था. उन्होंने कहा कि रूस का इन चारों के अलावा कोई दोस्त नहीं बचा है.

इस प्रस्ताव को करीब 100 देशों ने सह प्रायोजित किया था. इसमें यूक्रेन और अमेरिका के अलावा अफगानिस्तान, अल्बानिया, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इजरायल, इटली, जापान, कुवैत, म्यांमार, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं.

रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत ने न्यूट्रल रुख अपनाया है. भारत की तरफ से पहले ही साफ किया गया है कि हमारी प्राथमिकता यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों और छात्रों को निकालना है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत युद्धविराम का समर्थन करता है.

Back to top button