x
टेक्नोलॉजी

Facebook की कंपनी अब जानी जाएगी ‘Meta’ के नाम से


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

वाशिंगटन – हालही में फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने एक बहोत बड़ी घोषण की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक (Facebook) अब मेटा के नाम से जाना जाएगा। बता दे की रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) मार्क जुकरबर्ग 28 अक्टूबर को कंपनी की कनेक्ट कॉन्फ्रेंस में नाम बदलने पर चर्चा कर रही थी। जिसका आज एलान हुआ।

लंबे समय से फेसबुक का नाम बदलने की अटकलें लग रही थीं। फेसबुक ने गुरुवार देर रात अपनी कंपनी के नए नाम का ऐलान कर दिया। अब यह मेटा (Meta) के नए नाम से जाना जाएगा। 17 साल बाद नाम में बदलाव के इस फैसले के बारे में फेसबुक ने ट्वीट कर जानकारी दी। नया नाम अलग पहचान देने औऱ कंपनी की नए सिरे से ब्रांडिंग के लिए उठाया गया कदम बताया जा रहा है।

फेसबुक ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सिलसिलेवार ट्वीट कर इस बारे में कहा की जिन एप्स- इंस्टाग्राम, मैसेंजर और वाट्सएप- को हमने बनाया है, उनके नाम वहीं रहेंगे।’ विभिन्न एप और तकनीकों को इस नए ब्रांड के तहत लाया जाएगा। हालांकि कंपनी अपना कारपोरेट ढांचा नहीं बदलेगी। रिब्रांडिंग के बाद फेसबुक का सोशल मीडिया ऐप एक पेरेंट कंपनी के तहत एक प्रोडक्ट बन जाएगा। इस पेरेंट कंपनी के अंदर दूसरे प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, Oculus आदि भी आएंगे।

‘मेटावर्स’ शब्द का प्रयोग तीन दशक पहले डायस्टोपियन उपन्यास में किया गया था। हालांकि फिलहाल यह शब्द सिलिकान वैली में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस शब्द का इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में वर्चुअल और इंटरेक्टिव स्पेस को समझाने के लिए किया जाता है। मेटावर्स दरअसल एक वर्चुअल दुनिया है, जहां एक आदमी शारीरिक तौर पर मौजूद नहीं होते हुए भी मौजूद रह सकता है। इसके लिए वर्चुअल रियल्टी का इस्तेमाल किया जाता है। इंटरनेट की इस नई दुनिया को मेटावर्स का नाम दिया गया है। मेटावर्स तकनीक का ऐसा ब्रह्मांड जिसमें आभासी तौर पर इंसान उन जगहों पर मौजूद हो सकता है, जिसे वर्चुअल एंड ऑगमेंटेड रियलिटी यानी संवर्धित वास्तविकता के जरिए हासिल किया जा सके। वैसे तो वीडियो गेम्स में इस तर्ज पर काफी काम हो चुका है, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए आम लोगों की दुनिया में इसके दाखिल होने की प्रक्रिया को लेकर काफी चर्चा हो रही है।

फेसबुक के फॉर्मर सिविक इंटीग्रिटी चीफ समिध चक्रवर्ती ने इस नए नाम का सुझाव दिया गया था, क्योंकि मार्क जुकरबर्ग पहले से ही वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी में भारी निवेश कर रहे थे। ऐसे में उनके लिए अपनी कंपनी का नाम बदल मेटा करना कोई बड़ी बात नहीं थी।

Back to top button