नई दिल्ली – हालही में विश्व स्वास्थ्य संगठन और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा एक अध्ययन किया गया। जिसमे पता चला है कि प्रचलित कोविड -19 वायरस संस्करण द्वारा भारत में तीसरी संभावित लहर वयस्कों की तुलना में बच्चों को असमान रूप से प्रभावित करने की संभावना नहीं है।
पांच चयनित राज्यों में 10,000 के कुल नमूना सर्वेक्षण में वयस्क आबादी के साथ तुलना की गई। इस सर्वेक्षण में 4,500 प्रतिभागियों का डेटा लिया गया था। जिसमे बच्चों के बीच SARS-CoV-2 सीरो-पॉजिटिविटी दर अधिक मालूम हुयी। अगले दो से तीन महीनों में और परिणाम आने की संभावना है।
Possible 3rd COVID wave not more likely to affect children, WHO-AIIMS survey reveals
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— ANI Digital (@ani_digital) June 18, 2021
डॉ मिश्रा ने कहा “दिल्ली और एनसीआर (फरीदाबाद) के इन क्षेत्रों में तीव्र दूसरी लहर के बाद उच्च सर्पोप्रवलेंस हो सकता है। संभवतः, सीरोप्रवलेंस के ये स्तर किसी भी ‘तीसरी लहर’ के खिलाफ सुरक्षात्मक हो सकते हैं। दिल्ली के भीड़भाड़ वाले शहरी इलाकों में, चूंकि बच्चों में पहले से ही उच्च स्तर का प्रसार है, स्कूल खोलना, आखिरकार बहुत जोखिम भरा प्रस्ताव नहीं हो सकता है। दूसरी लहर के दौरान, फरीदाबाद (ग्रामीण क्षेत्र) के एनसीआर क्षेत्र में 59.3 प्रतिशत की व्यापकता है ( दोनों आयु समूहों में लगभग समान), पिछले राष्ट्रीय सर्वेक्षणों की तुलना में उच्च माना जा सकता है।”