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नीदरलैंड में ओमीक्रॉन के बढ़ते प्रभाव के तहत लग सकता है लॉकडाउन


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हेग – चीन की वुहान लेब से फैला हुआ वायरस कोरोना वायरस के दो साल पुरे होने को आये। अभी तक इस वैश्विक महामारी से दुनिया पूरी तरह से छुटकारा नहीं पा चुकी। उसी बीच में अब कोरोना वायरस के नए डेल्टा वेरिएंट ओमीक्रॉन का खतरा बढ़ता जा रहा है। कोरोना का उत्पात देखने के बाद अब देश-विदेश को इसके ओमिक्रॉन वैरिएंट का डर सताने लगा है।

कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के कई मामलों की पुष्टि होने के बीच वायरस के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर नीदरलैंड में इससे बचने के लिए अब लाकडाउन लग सकता है। नीदरलैंड की सरकार को नए वैरिएंट की रणनीति पर सलाह देने वाले स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यहां पर सख्त लाकडाउन लगाने की सिफारिश की है। स्वास्थ्य मंत्री ह्यूगो डी जोंग ने शुक्रवार को कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार ओमिक्रान के बढ़ते प्रसार को लेकर चिंतित है। मंत्री ने कहा की मैं यह नहीं कहूंगा कि अतिरिक्त उपायों की आवश्यकता हो सकती है। सरकार स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह का पालन करेगी।

प्रधान मंत्री मार्क रूट की सरकार शनिवार को स्वास्थ्य सलाहकारों के साथ बैठक करने वाली है ताकि नए निर्णय लिया जा सके। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में विश्व को कोवोवैक्स वैक्सीन के रूप में एक और हथियार मिल गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को इस वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दे दी। भारत में स्थित पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (SII) अमेरिकी जैव प्रौद्योगिकी कंपनी Novavax के लाइसेंस के तहत भारत में इस वैक्सीन का उत्पादन कर रही है।

WHO ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए ये जानकारी दी थी की Covovax के लिए एक आपातकालीन उपयोग सूची (EUL) जारी की है, जिसमें कोरोना के खिलाफ WHO से मान्य टीकों का विस्तार किया गया है। यह वैक्सीन Novavax के लाइसेंस के तहत सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया द्वारा उत्पादित की गई है। भारत में अभी कोवोवैक्स को इमरजेंसी उपयोग की स्वीकृति नहीं मिली है।

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