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कतर में 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को सुनाई मौत की सजा,इस फैसले से सरकार हुई हैरान


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नई दिल्लीः कतर में 8 भारतीयों को मौत की सजा सुनाई गई है. कतर में कोर्ट के फैसले पर भारत सरकार का बयान आ गया है.विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारे पास प्रारंभिक जानकारी है कि कतर की अदालत ने आज अल दहरा कंपनी के 8 भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इन सभी को मौत की सजा सुनाई है. बता दें कि ये आठों भारतीय पिछले साल अक्टूबर से ही कतर में हिरासत में हैं.

हमें गहरा सदमा लगाः भारत सरकार

भारत सरकार ने कहा कि हम कोर्ट के फैसले से गहरे सदमे में हैं। बयान में कहा गया है कि भारत इस संबंध में सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है। हालांकि, न तो भारत और न ही कतर की सरकार ने आधिकारिक तौर पर बताया है कि आठ लोगों पर क्या आरोप लगाए गए थे।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम मृत्युदंड के फैसले से हम बेहद स्तब्ध हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं. हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं. हम इस मामले को बहुत महत्व देते हैं और इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. हम फैसले को कतर के अधिकारियों के समक्ष भी उठाएंगे. इस मामले की कार्यवाही की गोपनीय प्रकृति के कारण इस समय कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.’

कानूनी टीम के संपर्क में सरकार

विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि ये आठ लोग कतर में स्थित अल दहारा कंपनी (Al Dahra Company) में काम करते हैं. दरअसल, कतर (Qatar) में ये आठ भारतीयों पिछले साल अक्टूबर 2022 से कैद में हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारे पास प्रारंभिक जानकारी है कि कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने आज अल दहरा कंपनी के आठ भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में फैसला सुनाया है। मंत्रालय ने कहा कि हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं।

मंत्रालय ने कहा, ”हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं. इस मामले को बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं और इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. फैसले को कतर के अधिकारियों के सामने भी उठाएंगे.”

भारत के राजदूत ने इन कर्मियों से की थी मुलाकात

विदेश मंत्रालय का कहना है कि ये सभी भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मी रह चुके हैं. भारतीय कर्मी वहां अगस्त 2022 से हिरासत में हैं. उनके खिलाफ आरोपों को कतर के अधिकारियों ने सार्वजनिक नहीं किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बीते दिनों कहा था कि मामले में सातवीं सुनवाई तीन अक्टूबर को हुई थी और भारत ‘कोर्ट ऑफ फर्स्ट इन्स्टेंस’ में कार्यवाही पर नजर रख रहा है. आठों भारतीय निजी कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीस एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे. कतर में भारत के राजदूत ने एक अक्टूबर को जेल में इन कर्मियों से मुलाकात की थी.

आरोप क्या है?

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कतर ने नौसना के पूर्व जवानों पर आरोप लगाया है कि वो सबमरीन प्रोग्राम को लेकर जासूसी कर रहे थे. भारत इनको काउंसलर एक्सेस के जरिए रिहा कराने की कोशिश में लगा हुआ था.

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