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मेगा ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट पर भारत और मालदीव के बीच होगा समझौता


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नई दिल्ली – जल्द ही भारत और मालदीव देश की सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना मेगा ग्रेटर मेल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (जीएमसीपी) पर एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करेंगे। यह परियोजना 6.74 किमी लंबा पुल और सेतु लिंक है जो राष्ट्रीय राजधानी माले को विलिंगली, गुल्हिफाल्हू और थिलाफुशी द्वीपों से जोड़ेगा।

इसे 100 मिलियन डॉलर के अनुदान और भारत की ओर से 400 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत यह प्रोजेक्ट पूरा होगा। हस्ताक्षर समारोह सुबह 11 बजे होगा और इसमें मालदीव के चार मंत्री शामिल होंगे। इस समारोह में भारत समेत मालदीव के राष्ट्रीय योजना और बुनियादी ढांचे के मंत्री मोहम्मद असलम, आर्थिक विकास मंत्री फैयाज इस्माइल, वित्त मंत्री इब्राहिम अमीर, परिवहन मंत्री ऐशथ नहुला, मालदीव के विदेश सचिव, भारतीय उच्चायुक्त संजय सुधीर और AFCONS के वरिष्ठ प्रबंधन शामिल होंगे। यह प्रोजेक्ट भारत के AFCONS और मालदीव सरकार के बीच हस्ताक्षर किए जाएंगे।

इससे पहले इस परियोजना पर पहली बार EAM जयशंकर की सितंबर 2019 की देश यात्रा के दौरान चर्चा की गई थी। यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति सोलिह और विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने एक ऐसी परियोजना का अनुरोध किया था, जो न केवल एक संपर्क कड़ी होगी बल्कि देश की आर्थिक जीवन रेखा बनेगी। यह परियोजना अनिवार्य रूप से देश के चार मुख्य द्वीपों को जोड़ती है, जहां मालदीव की लगभग आधी आबादी रहती है। यह परियोजना प्रकाश के प्रयोजनों के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करेगी। माले को हुलहुले और हुलहुमले से जोड़ता है। चीन की मदद से बनाया गया ब्रिज 2018 में बनकर तैयार हुआ था।

भारत देश की अन्य बुनियादी परियोजनाओं में हनीमाधू और गण में हवाई अड्डे का विस्तार, अड्डू में सड़कें और सुधार, मत्स्य पालन संयंत्रों का विस्तार, हुलहुमले में क्रिकेट स्टेडियम, 34 द्वीपों में पानी और स्वच्छता परियोजना और दक्षिणी शहर अड्डू में सड़क परियोजना शामिल है। भारतीय ऋण सहायता का उपयोग 10 परियोजनाओं में किया जा रहा है जिसमें एक कैंसर अस्पताल भी शामिल है जिसका सर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है।

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