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लाइफस्टाइल

यूरिन सिस्टम से संबंधित संक्रमण से इस तरह रह सकते है सुरक्षित


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मुंबई – पेशाब के माध्यम से शरीर से तमाम प्रकार के अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकलते हैं। शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए इस प्रक्रिया का सही तरीके से चलते रहना आवश्यक माना जाता है। यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन या UTI एक बहुत ही आम समस्या है। ये समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही देखी जाती है लेकिन महिलाओं में इसका असर ज्यादा देखा जाता है।

UTI होने पर सबसे आम समस्या पेशाब करने में होती है। अधिकांशत UTI संक्रमण ई-कोलाई बैक्टीरिया के कारण होता है। यूरिनरी सिस्टम के किसी भी हिस्से में होने वाला इन्फेक्शन है, जो कई प्रकार की गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। UTI संक्रमण किडनी, यूरेटर्स या ब्लैडर जैसे मूत्र मार्ग से संबंधित अंगों में हो सकता है। अगर इसका समय पर निदान और इलाज न कराया जाए तो कई लोगों में यह किडनी की खराबी तक का भी कारण बन सकता है। इस समस्या के कुछ कारण है जैसे, सेक्स, लम्बे समय तक पेशाब रोके रखना, गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति और शुगर। मूत्र पथ के संक्रमण, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक आम है। आधी महिलाओं को उनके जीवन में कम से कम एक बार संक्रमण होता है।

डॉक्टर आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं के साथ संक्रमण का इलाज करते हैं। इस लेख में हम आपको उन उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनको प्रयोग में लाकर न सिर्फ UTI से सुरक्षित रहा जा सकता है, साथ ही यह UTI रोगियों की तेज रिकवरी में भी सहायक माना जाता है। यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने पर जीवनशैली और आहार में कुछ बदलाव लाने पर इस बीमारी से कुछ हद तक बचा जा सकता है।
-अधिक से अधिक पानी पीने और मूत्र त्याग करने की आदत डालनी चाहिए।
-शराब और कैफीन के सेवन से दूर रहे, ये मूत्राशय में संक्रमण पैदा कर सकते हैं।
-सम्भोग के पश्चात् तुरन्त बाद मूत्र त्याग करिये।
-जननांगो को साफ रखें।
-नहाने के लिए बाथ टब का उपयोग करने से बचे।
-माहवारी के दौरान, टेम्पॉन की जगह सेनेटरी पैड का उपयोग करें।
-जन्म नियंत्रण बनाए रखने के लिए शुक्राणु नाशकों का उपयोग न करें।

UTI के लिए घरेलू उपाय :
सेब का सिरका :
सेब का सिरका पोटेशियम और अन्य फायदेमंद खनिजों से समृद्ध होता है जो बैक्टीरिया से बचाता है, जिसकी वजह से यूरीन ट्रैक्ट इन्फेक्शन पनपने लगता है। जो लोग यूरिन इन्फेक्शन से पीड़ित होते है वह दो चम्मच सेब के सिरके को एक गिलास पानी में मिला कर इसका सेवन करने से लाभ मिलता है। इस मिश्रण में आप नींबू का जूस और शहद भी मिला सकते है।

प्रोबायोटिक्स का सेवन :
जिन लोगों को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन की समस्या हो, वह आहार में प्रोबायोटिक्स को शामिल करके लाभ प्राप्त कर सकते है। प्रोबायोटिक्स, आंत में बैक्टीरिया के स्वस्थ संतुलन को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते है। प्रोबायोटिक्स के लिए दही का सेवन करना सबसे फायदेमंद माना जाता है। एक सामान्य प्रोबायोटिक स्ट्रेन लैक्टोबैसिलस, वयस्क महिलाओं में UTI को रोकने में मदद कर सकते है।

आँवला :
आँवला विटामिन-सी से समृद्ध होता है और ये बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है। एक चम्मच आँवला पाउडर और हल्दी पाउडर को मिला लें। अब इस मिश्रण को एक कप पानी में उबालने को रख दें और तब तक उबालें जब तक मिश्रण आधा न हो जाए। इस मिश्रण को दिन में चार से पाँच बार पिएँ।

लहसुन का अर्क :
लहसुन और लहसुन के अर्क में रोगाणुरोधी गुण होते है जो UTI और इसके कारण बनने वाले बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मदद कर सकते है। भोजन में लहसुन की मात्रा को बढ़ाकर UTI सहित कई अन्य तरह के संक्रमण से भी बचाव किया जा सकता है।

अधिक मात्रा में पिएं पानी :
हाइड्रेशन की स्थिति को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के जोखिम से जोड़कर देखा जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक पेशाब के माध्यम से मूत्र पथ से बैक्टीरिया को बाहर निकल जाते है, ऐसे में अधिक मात्रा में पानी पीते रहना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। साल 2003 में 141 लड़कियों पर किए गए एक अध्ययन में पता चला कि कम तरल पदार्थों खासकर पानी का सेवन UTI के खतरे को बढ़ा सकता है।

अनानास :
अनानास में एन्जाइम होते हैं जिन्हें जिसमें सूजतरो धी गुण होते है। जिसके कारण UTI के लक्षणों को दूर किया जा सकता है। प्रतिदिन एक कप अनानास खाने से UTI से बचा जा सकता है। इसके अलावा आप इसका ताजा जूस भी पी सकते है।

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