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Helicopter Crash: अगर 90 सेकंड मिल जाते तो टल जाता हादसा!


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नई दिल्ली – तमिलनाडु में कुन्नूर के समीप बुधवार को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य लोगों की मौत हो गई. यह जानकारी भारतीय वायुसेना ने दी. इसने कहा कि दुर्घटना में एकमात्र बचे ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह का फिलहाल वेलिंगटन में सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘अत्यंत दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना’ में जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य की अचानक मृत्यु से उन्हें ‘गहरा दुख’ पहुंचा है. वायुसेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘बहुत ही अफसोस के साथ इसकी पुष्टि हुई है कि दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत, श्रीमती मधुलिका रावत और 11 अन्य की मृत्यु हो गई है.’ वायुसेना ने कहा, ‘जनरल बिपिन रावत डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज के दौरे पर जा रहे थे जहां उन्हें शिक्षकों एवं छात्रों को संबोधित करना था.’

इस हादसे से पूरा देश स्तब्ध है. सबसे पहले आपको हादसे की डिटेल्स बताते हैं. कल दोपहर जैसे ही जनरल रावत का हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के वेलिंगटन बेस पर लैंड करने वाला था, तभी मौत ने दस्तक दे दी. सीडीएस बिपिन रावत कल दिल्ली से वेलिंगटन डिफेंस कॉलेज के लिए निकले थे. पहले वो कोयंबटूर के सुलूर एयरफोर्स बेस पहुंचे और उन्होंने इंडियन एयरफोर्स के एम्ब्रेयर एयरक्राफ्ट से ये सफर पूरा किया. इसके बाद वो सुलूर से कुन्नूर के वेलिंगटन के लिए रवाना हुए, जिसके लिए उन्होंने MI-17V5 हेलीकॉप्टर को बोर्ड किया. सुलूर से वेलिंगटन का फ्लाइट डिस्टेंस 56 किलोमीटर है और आमतौर पर इसे पूरा करने के लिए करीब 34 मिनट का वक्त लगता है.

जनरल रावत के हेलिकॉप्टर ने 32 मिनट की उड़ान पूरी भी कर ली थी. सबकुछ तय वक्त पर था. लैंडिंग के लिए सिर्फ 90 सेकेंड का वक्त बचा था, वो अपनी डेस्टिनेशन से सिर्फ दस किलोमीटर की दूरी पर थे. उसी वक्त अनहोनी हो गई. कुन्नूर के जंगलों में जनरल रावत का MI 17 V5 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया. यानी अगर 90 सेकेंड और निकल जाते, तो सीडीएस रावत बच जाते. वो आज हमारे बीच होते, लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था. इस हेलीकॉप्टर में जनरल रावत के साथ उनकी पत्नी मधूलिका रावत भी मौजूद थीं. ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह भी साथ में ही उड़ान भर रहे थे. कुछ पर्सनल सिक्योरिटी अफसर भी शामिल थे. कुल मिलाकर 14 लोग थे, लेकिन हेलीकॉप्टर क्रैश होने के बाद उसमें आग लग गई.

हेलिकॉप्टर कई हिस्सों में टूट गया. हादसे के बाद लोकल पुलिस की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ. जनरल बिपिन रावत समेत सभी लोगों को वेलिंगटन के मिलिट्री बेस हॉस्पिटल में शिफ्ट किया. शुरुआत में खबर आई कि सीडीएस रावत को सीवियर बर्न इंजरी हुई. उन्हें रिवाइव करने की कोशिश की गई. लेकिन बदकिस्मती से उन्हें बचाया नहीं जा सका. इस हादसे के फौरन बाद एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी सुलूर एयरबेस पर पहुंचे. उन्होंने पूरी घटना की जानकारी ली.

इसी बीच डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह को भी सेना के अफसरों ने हादसे पर ब्रीफ किया. इंडियन एयरफोर्स ने इस हादसे के लिए इंक्वारी ऑर्डर कर दी है. सरकार इस पूरे मामले पर कल स्टेटमेंट देगी. ये एक ऐसी खबर है, जिसके बारे में किसी ने कल्पना नहीं की थी. जनरल रावत का पूरा रूट उनके प्रोग्राम पहले से तय थे. वैसे भी जब VVIP मूवमेंट होता है, तो जिन एयरक्राफ्ट में उन्हें ले जाया जाता है. तब उसकी कई लेयर पर तैयारी होती है. इसके बारे में हम आपको आगे बताएंगे, लेकिन इससे पहले आपको नीलगिरी के जंगलों से हमारे संवाददाता राम की रिपोर्ट दिखाते हैं.

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