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ब्रेकफास्ट और रात के खाने में देरी से पड़ सकता है दिल का दौरा, आज ही हो जाएं सावधान


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नई दिल्लीः दिल की बीमारी के खतरे से बचने के लिए अब सिर्फ सही खानपान ही नहीं, बल्कि खाने का समय भी उतना ही महत्वपूर्ण है. हाल ही में हुए एक शोध से पता चला है कि सुबह जल्दी नाश्ता करने और रात को जल्दी डिनर दिल की बीमारी से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. यह शोध नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है, जिसमें एक लाख से अधिक लोगों के डाइट और सेहत पर करीब सात साल तक अध्ययन किया गया.

जल्दी खाना खाने से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है

शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि जल्दी खाना खाने से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है. नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने भोजन सेवन पैटर्न और हृदय रोग के बीच संबंधों का अध्ययन करने के लिए न्यूट्रीनेट-सांटे समूह में 1,03,389 प्रतिभागियों के डेटा का उपयोग किया. जिनमें से 79 प्रतिशत महिलाएं थीं, जिनकी औसत आयु 42 वर्ष थी.संभावित पूर्वाग्रह के जोखिम को कम करने के लिए, शोधकर्ताओं ने बड़ी संख्या में भ्रमित करने वाले कारकों, विशेष रूप से सामाजिक जनसांख्यिकीय कारकों (उम्र, लिंग, पारिवारिक स्थिति, आदि), आहार पोषण गुणवत्ता, जीवन शैली और नींद चक्र को ध्यान में रखा.

डिनर टाइम

डिनर का समय भी दिल की सेहत को प्रभावित करता है. शोध में पाया गया कि रात को 9 बजे के बाद खाना खाने से स्ट्रोक या ट्रांजिएंट इस्केमिक अटैक (TIA) का खतरा 28% तक बढ़ जाता है. इससे जुड़ा कारण माना जाता है कि हमारा नेचुरल भोजन पैटर्न जल्दी भोजन करने के अनुकूल है. पशुओं पर किए गए शोधों में भी पाया गया है कि देर से पचने वाला भोजन ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकता है.

ब्लड वेसेल्स को नुकसान

शोध यह भी बताता है कि शाम के समय ब्लड प्रेशर का बढ़ना (जब आमतौर पर यह गिरता है) ब्लड वेसेल्स को लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे संभावित रूप से खून के थक्के, दिल का दौरा और स्ट्रोक हो सकते हैं. हालांकि, अध्ययन में यह भी जोर दिया गया है कि इस विषय पर और शोध की आवश्यकता है और खाने का समय उतना प्रभावी नहीं हो सकता जितना कि अस्वस्थ आहार.

महिलाएं रहे अधिक सतर्क

शोध में यह भी पाया गया कि रात 9 बजे के बाद खाना खाने से गंभीर दिल की बीमारी का खतरा नहीं बढ़ता है. हालांकि, रात के खाने में हर घंटे की देरी के साथ स्ट्रोक या TIA का खतरा 8% बढ़ जाता है. अध्ययन में महिलाओं पर इसका विशेष प्रभाव पाया गया, जो अध्ययन प्रतिभागियों का लगभग 80% थीं. पुरुषों में कम महत्वपूर्ण परिणाम देखे गए, लेकिन नाश्ता करने में देरी से गंभीर दिल की बीमारी का खतरा 11% बढ़ जाता है.

उपवास का असर

अध्ययन यह भी बताता है कि रात भर लंबे उपवास के संभावित स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं. हर अतिरिक्त घंटे के उपवास के साथ स्ट्रोक के खतरे में 7% की कमी का संकेत दिया गया है. यह संबंध मुख्य रूप से उन व्यक्तियों से संबंधित है जो जल्दी खाना खाते हैं और नाश्ते से पहले लंबे समय तक उपवास करते हैं, बजाय देर से भोजन करने और देर से नाश्ता करने की रणनीति अपनाने के. तो कुल मिलाकर, यह शोध इस बात को रेखांकित करता है कि दिल की बीमारियों से बचने के लिए न केवल स्वस्थ आहार अपनाएं, बल्कि खाने का समय भी ध्यान में रखें. सुबह जल्दी नाश्ता करें और रात को जल्दी खाएं, ताकि आपका शरीर ठीक तरह से काम करे और स्वस्थ रहें.

स्ट्रोक का खतरा 28 प्रतिशत बढ़ जाता है

निष्कर्षों से पता चला कि नाश्ता छोड़ने और दिन में पहला भोजन देर से करने में हृदय रोग का खतरा अधिक होता है, प्रति घंटे की देरी से जोखिम में 6 प्रतिशत की वृद्धि होती है.अध्ययन में कहा गया, ”उदाहरण के लिए, जो व्यक्ति पहली बार सुबह 9 बजे खाता है, उसमें हृदय रोग विकसित होने की संभावना सुबह 8 बजे खाने वाले व्यक्ति की तुलना में 6 प्रतिशत अधिक होती है. जब दिन के डिनर की बात आती है, तो रात 8 बजे से पहले खाने की तुलना में रात 9 बजे के बाद खाने से सेरेब्रोवास्कुलर रोग जैसे स्ट्रोक का खतरा 28 प्रतिशत बढ़ जाता है, खासकर महिलाओं में.”

हृदय रोग दुनिया में मृत्यु का प्रमुख कारण

इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने पाया कि दिन के आखिरी भोजन और अगले दिन के पहले भोजन के बीच रात के समय के उपवास की लंबी अवधि सेरेब्रोवास्कुलर रोग के कम जोखिम से जुड़ी होती है, जो दिन में पहले और आखिरी भोजन को पहले खाने के विचार का समर्थन करता है.ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज अध्ययन के अनुसार, हृदय रोग दुनिया में मृत्यु का प्रमुख कारण है. साल 2019 में 18.6 मिलियन वार्षिक मौतें हुईं, जिनमें से लगभग 7.9 मौतें आहार के कारण हुईं.

देर से खाना खाने के नुकसान और जल्दी खाने के फायदे बताने वाली स्टडी

इस स्टडी के लिए न्यूट्रीनेट-सांटे समूह में 1,03,389 लोगों के डेटा का विश्लेषण किया गया। इसमें 79 प्रतिशत महिलाएं थीं, जिनकी औसत आयु 42 साल थी। स्टडी के दौरान कई पहलुओं के आधार पर लोगों में हृदय रोगों के रिस्क को समझने की कोशिश की गयी, जिसमें उम्र, पारिवारिक स्थिति, आहार पोषण क्वालिटी, जीवन शैली और स्लीपिंग पैटर्न्स पर भी ध्यान दिया गया। स्टडी के अंत में पाया गया कि,ब्रेकफास्ट ना खाने और उठने के बाद देर से खाने की आदत के चलते हृदय रोगों का रिस्क अधिक होता है। ऐसे लोग दिन का पहला भोजन जितनी देर से खाते हैं उनमें हृदय रोगों का रिस्क प्रति घंटे/ 6 प्रतिशत के आधार पर बढ़ता जाता है। वहीं, रात 8 बजे से पहले डिनर खाने की तुलना में रात 9 बजे के बाद खाना खाने वालों में सेरेब्रोवास्कुलर रोग ( स्ट्रोक आदि) का खतरा 28 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। पुरूषों की तुलना में खाने-पीने का समय तय ना होने और देर-सवेर खाने की आदत का कारण हार्ट डिजिज का रिस्क महिलाओं में अधिक था।

इटिंग हैबिट्स और हार्ट डिजिज के बीच गहरा संबंध

ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (Global burden of disease) नामक स्टडी के अनुसार, हृदय रोग दुनियाभर में लोगों की मृत्यु का बड़ा और प्रमुख कारण है। साल 2019 में 18.6 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें से लगभग 7.9 मिलियन लोगों की मृत्यु आहार से जुड़े कारणों से हुईं।

दिनभर सुस्ती और थकान

अगर आप सुबह का नाश्ता छोड़ देते हैं तो आपको दिनभर सुस्ती और थकान महसूस होगी, भले ही आपने खाने में भरपेट भोजन कर लिया हो। असल में सुबह के समय पेट पोषक तत्वों को अवशोषित करने के लिए तैयार होता है। ऐसे में अगर आप नाश्ता छोड़ देते हैं तो इससे शरीर को दिनभर के लिए ऊर्जा नहीं मिल पाती है और आपको दिनभर सुस्ती और थकान महसूस होती है।

टाइप 2 डायबिटीज का हाई रिस्क

आपके खाने की आदत और आपकी सेहत का गहरा ताल्लुक होता है। जो लोग अक्सर सुबह का नाश्ता छोड़ देते हैं या जल्दबाजी में आधा-अधूरा करते हैं उन्हें टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बहुत ज्यादा होता है। इससे आपका ब्लड शुगर लेवल प्रभावित होता है और ब्लड शुगर के प्रभाव से आपको डिप्रेशन, टेंशन और बेचैनी भी हो सकती है। ब्लड शुगर के एक स्तर से ज्यादा गिर जाने से शरीर में एनर्जी लेवल प्रभावित होता है और इसके परिणाम घातक हो सकते हैं।

माइग्रेन हो सकता है

ब्लड शुगर के लो होने को मेडिकल की भाषा में हाइपोग्लीसीमिया कहते हैं। अगर आप अक्सर सुबह का नाश्ता छोड़ देते हैं तो आपके ब्लड में शुगर लेवल बहुत ज्यादा गिर जाता है क्योंकि आमतौर पर आपने 8-10 घंटे से कुछ नहीं खाया होता है। ब्लड शुगर का स्तर गिरने से आपके दिमाग में ऐसे हार्मोन्स का उत्सर्जन शुरू हो जाता है जो सिर दर्द और तनाव के लिए जिम्मेदार होती हैं।

इम्यूनिटी होती है प्रभावित

शरीर की इम्यूनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी नाश्ता न करने से प्रभावित होती है। भूखा रहने से आपके शरीर के अंदर की सेल्स डैमेज होने लगती हैं। इससे शरीर की इम्यूनिटी कम होती है और शरीर पर वायरस, बैक्टीरिया, फंगस और संक्रमण से फैलने वाले रोगों का प्रभाव आसानी से पड़ सकता है। अगर आप रोज समय से पर्याप्त नाश्ता करते हैं तो इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रहती है और शरीर हर तरह के रोगों से बचा रहता है। इससे आपका पाचन भी खराब हो सकता है और आपको पेट संबंधी छोटी-मोटी समस्याएं भी सकती हैं।

शरीर हो सकता है थुलथुला

कई लोग सोचते हैं कि कम खाने या न खाने से मोटापा घटता है इसलिए वो डाइटिंग करते हैं। लेकिन आपको बता दें कि सुबह का नाश्ता छोड़ देने या आधा-अधूरा करने से आपका शरीर थुलथुला होने की संभावना बढ़ जाती है। ये मोटापे से भी खराब है क्योंकि आमतौर पर मोटापे में आपका पेट निकलता है या शरीर की चर्बी बढ़ती है जबकि नाश्ता छोड़ने से होने वाले थुलथुलेपन में आपका शरीर अंदर से कमजोर होता जाता है और मांस हड्डियों को छोड़कर बाहर लटकने लगते हैं। इसकी वजह से कई बार लोगों में बुढ़ापे के लक्षण पहले ही दिखने लगते हैं।

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