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प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय मास्टर प्लान ‘गति शक्ति’ करेंगे अनावरण, यह योजना से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर


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नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 अक्टूबर को मेगा पीएम ‘गति शक्ति’ राष्ट्रीय मास्टर प्लान का अनावरण करेंगे. इसके जरिए 2025 तक सभी इंफ्रास्ट्रक्चर कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स की योजना बनाने के लिए केंद्र सरकार के 16 विभागों को एक साथ लाया जाएगा. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeITY) के तहत भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान ने पूरे देश के जीआईएस मैपिंग की 200 परतों के साथ मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान के लिए भू-स्थानिक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया है.

हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताय था कि सरकार जल्द ही प्रधानमंत्री का राष्ट्रीय मास्टर प्लान ‘गति शक्ति’ को शुरू करने जा रही है. समग्र और एकीकृत बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की यह योजना रोजगार के बड़े अवसर पैदा करेगी. इस साल सरकार ने बुनियादी ढांचे में पूंजीगत व्यय को पिछले साल के मुकाबले 34 फीसदी बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ रुपए कर दिया है, बुनियादी ढांचे में इस तरह का बढ़ा हुआ निवेश अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करेगा और निकट भविष्य में रोजगार पैदा करेगा.

राज्य सरकारों से भी सभी बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट की योजना के लिए भागीदार के रूप में मंच से जुड़ने के लिए संपर्क किया जा रहा है. इस योजना में 2020-21 तक निर्मित सभी प्रोजेक्ट्स की डिटेल है और 16 विभागों की सभी केंद्रीय परियोजनाओं के साथ फीड किया गया है, जिनकी वर्ष 2025 तक कल्पना की गई है. मोदी ने इस साल अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में गति शक्ति योजना की घोषणा की थी. रेलवे, सड़क और राजमार्ग, पेट्रोलियम और गैस, बिजली, दूरसंचार, नौवहन, विमानन और औद्योगिक पार्क बनाने वाले उपयोगकर्ता विभागों सहित केंद्र सरकार के सोलह विभागों को इसमें शामिल किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगले पांच वर्षों में भारत को एक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की एक सोच रखी है. हमारा यह दृढ़ विश्वास है कि बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ने से न केवल अर्थव्यवस्था में मांग पैदा होगी, बल्कि यह विकास को टिकाऊ, न्यायसंगत और समावेशी बनाएगा. यह साबित हो गया है कि गुणक प्रभाव के कारण, बुनियादी ढांचे पर खर्च किया गया एक रुपया अर्थव्यवस्था में 2.5 रुपये पैदा करता है. इस संदर्भ में सरकार ने देश में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास को अत्यधिक महत्व दिया है.

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