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नेपाल में यति एयरलाइंसप्‍लेन क्रैश की वजह आई सामने,पायलट की गलती ने ली 70 लोगो की जान


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नई दिल्ली – जनवरी माह में नेपाल के पोखरा में यति एयरलाइंस के विमान हादसे में जांच आयोग की रिपोर्ट में कहा गया कि नेपाल में यह दुर्घटना मानवीय भूल से हुई थी। बात दें विमान में पांच भारतीयों सहित 72 लोगों मौजूद थे, जिनकी हादसे में मौत हो गई थी। यति एयरलाइंस का 9एन-एएससी एटीआर-72 विमान 15 जनवरी को लैंडिंग से कुछ मिनट पहले पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त विमान

यति एयरलाइंस का 9N-ANC ATR-72 विमान 15 जनवरी को लैंडिंग से कुछ मिनट पहले पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. नेपाल की आधिकारिक समाचार एजेंसी आरएसएस ने बताया कि दुर्घटना के बाद गठित पांच सदस्यीय जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 15 जनवरी, 2023 को विमान दुर्घटना मानवीय भूल के कारण हुई थी। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर उसमें सवार 72 लोगों में पांच भारतीय – अभिषेक कुशवाहा (25), बिशाल शर्मा (22), अनिल कुमार राजभर (27), सोनू जयसवाल (35) और संजय जयसवाल (26) शामिल थे। पूर्व सचिव नागेंद्र प्रसाद घिमिरे के समन्वय में गठित आयोग ने संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री सूडान किराती को रिपोर्ट सौंपी। आयोग को जांच करने और रिपोर्ट तैयार करने में आठ महीने और तीन दिन लगे।

लैंडिंग से कुछ ही सेकेंड पहले हुआ था हादसा

15 जनवरी को कासकी जिले के पोखरा में पुराने एयरपोर्ट और पोखरा एयरपोर्ट के बीच ये हादसा हुआ था। विमान ने काठमांडू से पोखरा जाने के लिए उड़ान भरी थी। पोखरा एयरपोर्ट पर लैंडिंग से महज 10 सेकेंड पहले विमान पहाड़ी से टकरा गया। इससे प्लेन में आग लग गई और वह खाई में जा गिरा। यह विमान हादसा नेपाल के सबसे बड़े विमान हादसों में से एक था। जिसमें विमान में सवार 72 लोगों में कोई भी जिंदा नहीं बच सका था।

पांच सदस्यीय जांच आयोग का गठन

विमान हादसे के दिन ही सरकार ने पांच सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था। नेपाली सेना के सेवानिवृत्त कैप्टन दीपक प्रकाश बस्तोला, सेवानिवृत्त कैप्टन सुनील थापा, एयरोनॉटिकल इंजीनियर एकराज जंग थापा और संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव बुद्धि सागर लामिछाने जांच आयोग के सदस्य थे। मंत्री किराती ने अधीनस्थ निकायों को जांच आयोग के सुझावों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया। पोखरा में यति एयरलाइंस की दुर्घटना नेपाली आसमान में 104वीं दुर्घटना थी और हताहतों की संख्या के मामले में तीसरी सबसे बड़ी दुर्घटना थी।

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