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विज्ञान

चंद्रयान-2 ने चंद्रमा पर पानी के बर्फ की मौजूदगी का पता लगाया

नई दिल्ली

इसरो चेयरपर्सन ओके सिवन क्या दी जानकरी,
हाइब्रिड-पोलरिमेट्रिक एसएआर जानकारी का उपयोग करने वाले पहले के शोध ने पानी के बर्फ क्षेत्रों का अस्पष्ट पता लगाया क्योंकि इसमें फर्श खुरदरापन और पानी की बर्फ की तुलनीय संवेदनशीलता थी। चंद्र दक्षिणी ध्रुव पर कैबियस क्रेटर के अंदर ‘गंदी बर्फ’ के संभावित पैच, रडार उपकरण द्वारा भी पता लगाए गए हैं।पैची गंदे बर्फ में बर्फ की स्थिर चादरों के विपरीत, चंद्र रेजोलिथ के साथ मिश्रित बर्फ के क्रिस्टल शामिल हैं।

इसरो ने चंद्रमा पर पानी की बर्फ की मौजूदगी का पता लगाया है, दो दिवसीय चंद्र विज्ञान कार्यशाला के दूसरे दिन मंगलवार को सामने आए मिशन से मिली जानकारी। चंद्रयान -2 के कई आठ पेलोड में से एक ने चंद्रमा के पूरी तरह से छायांकित क्षेत्रों पर पानी की बर्फ की स्पष्ट उपस्थिति का पता लगाया।फुल पोलरिमेट्रिक डीएफएसएआर, जो आपूर्ति के {विद्युत} गुणों के माप का उपयोग करता है, पानी की बर्फ और फर्श की खुरदरापन के प्रभाव को कम कर सकता है।दो तरंग दैर्ध्य से पोलारिमेट्रिक रडार चित्रों को मिलाने की शक्ति ने उपसतह विकल्पों को भी सामने रखा है।

इमेजिंग इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर (आईआईआरएस) से प्रारंभिक सूचना मूल्यांकन स्पष्ट रूप से व्यापक चंद्र जलयोजन की उपस्थिति और चंद्रमा पर पानी की स्पष्ट पहचान को दर्शाता है। पूर्व भारतीय गृह विश्लेषण संगठन (इसरो) के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने उस पेपर का सह-लेखन किया है जो वर्तमान विज्ञान पत्रिका में छपा था, इमेजिंग इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर (IIRS) चंद्रयान -2 के पेलोड में से एक है। यह विश्व वैज्ञानिक जानकारी एकत्र करने के लिए 100 किमी ध्रुवीय कक्षा में स्थित है।

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