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गंगा के विकराल रूप से पानी में समाया मणिकर्णिका घाट, नावों से पहुंचाए जा रहे शव


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वाराणसी – देश भर में इन दिनों कई राज्यों पर बारिश है। पहाड़ों पर हो रही बारिश की वजह से यूपी के 23 जिलों में बाढ़ आ गई है। बनारस में गंगा-यमुना इन दिनों पूरी तरह से उफान पर हैं। इसी वजह से गंगा के घाट भी बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। मोक्ष की चाह में लोग बड़ी संख्या में अपनों का अंतिम संस्कार करने काशी पहुंचते हैं। लेकिन, गंगा का पानी मोक्ष की राह में बाधा बन रहा है।

बनारस का मणिकर्णिका घाट इन दिनों पूरी तरह से जलमग्न हो गया है, हालात ये हो गए हैं कि शव दाह के लिए जगह तक नहीं बची है। लोगों को पानी में घुसकर शवों को घाट तक ले जाना पड़ रहा है। गंगा के रौद्र रूप से परेशान लोग शवों को नावों में रखकर घाट पर लेकर पहुंच रहे है। वहीं हर तरफ पानी भरे होने की वजह से घाट की छत पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है। वहीं अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां भी नाव के जरिए ही पहुंचाई जा रही हैं। मान्यता है कि काशी की धरती पर मोक्ष मिलता है. इसीलिए देश-विदेश से लोग बनारस की धरती पर पहुंचते हैं। लेकिन, इन दिनों शहर बाढ़ के प्रकोप से जूझ रहा है।

बनारस के लोगों का कहना है कि गंगा के रौद्र रूप को कोई भी नहीं रोक सकता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल यहां पर गंगा का पानी घरों में भर जाता है। लोगों को इसकी आदत हो चुकी है इसीलिए किसी को कोई भी परेशानी नहीं होती है। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंच चुका है। इसी वजह से 12 करोड़ रुपये की लागत से बना बाईपास चैनल भी पानी में डूब चुका है।

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