नई दिल्ली – ओडिशा ट्रेन हादसों में अबतक 288 लोग मारे गए तो वहीं 850 के करीब घायल हैं। यह हादसा भारत में आजादी के बाद से हुए घातक ट्रेन हादसों में से एक है। यह हादसा कितना घातक था इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि रेल की पटरी सीधे ट्रेन की फर्श को चीरते हुए अंदर घुस गई। आर्मी और एनडीआरएफ के जवान रेस्क्यू कार्य में जुटे हैं। बोगियों में फंसे हुए लोगों की तलाश भी जारी है।
क्या यह हादसा है या साजिश? रेलवे के अधिकारी के मुताबिक हावड़ा जा रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बाहानगा बाजार में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे। पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए। चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद एक मालगाड़ी से टकरा गए, जिससे मालगाड़ी भी दुर्घटना की चपेट में आ गई। अब इतने बडे़ हादसे को लेकर कई तरह की आशंका जताई जा रही है। जब जांच रिपोर्ट सामने नहीं आ जाती तब तक असली गुनहगार को पकड़ा मुश्किल है।
मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम अभी भी फंसे हुए लोगों को निकालने में जुटी हुई है। ट्रेन के बोगियों में यात्रियों के जूते-चप्पल, खाने पीने का सामान और पानी की बोतलें बिखरे हुए हैं। बचाव अभियान में सेना भी रेस्क्यू टीम का सहयोग कर रही है। इस हादसे में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। इस हादसे में घायल हुए लोगों को भुवनेश्वर, कटक और बालासोर के अस्पतालों में भेजा गया। रेल मंत्री अश्विनी वैश्नव बालासोर पहुंचकर दुर्घटना स्थल का जायजा लिया इस हादसे में मारे गए लोगों के लिए पीएम ने दो लाख रुपये तो रेल मंत्रालय की तरफ से 10 लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की गई है। वहीं घायलों को पीएम की तरफ से 50 हजार रूपये दिए जाएंगे।