Diwali 2021 : भारत के इन शहरों में नहीं मनाई जाती है दिवाली
मुंबई – भारत अनेकों त्योहारों का देश है, जहां अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग त्योहार अलग-अलग दिलचस्प तरीकों से मनाए जाते हैं। लाइट्स का त्योहार दिवाली भी इस लिस्ट में सबसे ऊपर आता है। भारत के कई हिस्सों में लोग विभिन्न प्रथाओं, अनुष्ठानों और कई चीजों के साथ भिन्न-भिन्न तरीकों से दिवाली मनाते हैं। भारत के अधिकांश हिस्सों में, दीवाली को देवी लक्ष्मी की पूजा करके, घरों को दीयों से रोशन करके, प्रियजनों को उपहार देकर और पटाखे फोड़कर मनाया जाता है।
लेकिन क्या आप जानते कि भारत में कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां दिवाली नहीं मनाई जाती। जी हां, यहां दिवाली की कोई रोनक नहीं होती। ना पूजा-पाठ होती है ना ही कोई धूम। आइये आपको बताते हैं किन जगहों पर दिवाली फीकी होती है। भारत के केरल राज्य में इस त्योहार का कोई खास उत्साह नहीं देखा जाता। केरल में ओणम, विशु क्रिसमस और शिवरात्रि जैसे त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं। लेकिन यहां दिवाली सिर्फ बड़े शहरों में ही मनाया जाता है। इस राज्य में सिर्फ कोच्ची जैसे शहर में ही दिवाली मनाई जाती है।
केरल में क्यों नहीं मनाई जाती दिवाली –
इसके पीछे कई कारण हैं। इसमें सबसे बड़ा कारण है कि केरल में लंबे समय तक महाबली ने राज किया था। महाबली असुर था, जिसे वहां के लोग पूजते हैं। चूंकि दिवाली रावण पर विजय के कारण मनाया जाता है, जो खुद एक राक्षस था, इसलिए केरल के लोग इस त्योहार को नहीं मनाते। केरल में ही हिन्दू धर्म प्रमुख नहीं है। यहां काफी कम हिन्दू रहते हैं। इस कारण भी यहां दिवाली की धूम देखने को नहीं मिलती। साथ ही इस समय केरल में मानसून का दूसरा दौर चलता है, जिस कारण यहां इस समय भारी बारिश होती है। ऐसे में पटाखे नहीं जलाए जाते।
वैसे भी केरल के लोगों को शांति पसंद होती है। इस कारण वो पटाखे ऐसे भी नहीं जलाते। इन वजहों के अलावा एक और कारण भी है। दरअसल, ओणम में यहां लोग अपना पूरा पैसा खर्च कर देते हैं। ऐसे में इनके पास दिवाली में खर्च करने के लिए पैसे ही नहीं बचते। केरल के अलावा तमिलनाडु में भी दिवाली की रोनक नहीं दिखाई देती। यहां दिवाली से ठीक एक दिन पहले नरक चतुर्दर्शी मनाई जाती है। लोग इसे ही उत्साह से मनाते हैं ना कि दिवाली।