x
लाइफस्टाइल

Disease X क्या है? जानें क्यों हर तरफ हो रही है इस नई मुसीबत की चर्चा


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्लीः दुनियाभर में लोग डिजीज एक्स को लेकर चर्चा कर रहे हैं। खुद रोग वैज्ञानिकों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे लेकर चिंता जताई है और देश-दुनिया के तमाम सरकारों को इस बारे में सोचने और तैयार रहने को कहा गया है। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरल की तुलना 7 गुना ज्यादा खतरनाक है और 5 करोड़ से ज्यादा लोगों की इस वजह से मौत हो सकती है। पर ये आम आदमी की समझ से परे है कि डिजीज एक्स है क्या? आखिरकार ऐसा क्या है कि सारी दुनिया को इससे डरने की जरूरत है।

Disease X क्या है?

डिजीज एक्स कोई विशिष्ट बीमारी का नाम नहीं है बल्कि एक संभावित नए इंफेक्शन फैलाने वाले एजेंट को दिया गया नाम है। यह एक ऐसी बीमारी का प्रतिनिधित्व करता है जो वर्तमान में अज्ञात है लेकिन भविष्य में मनुष्यों के लिए एक गंभीर सूक्ष्मजीवी यानी माइक्रोबियल खतरा पैदा कर सकती है।

‘Disease X’ का इतिहास?

डब्ल्यूएचओ के आधिकारिक वेबसाइट पर कहा गया है, “Disease X एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय महामारी, एक रोगजनक का कारण हो सकती है, जिसका फिलहाल मानव रोग का कारण अज्ञात है. आर एंड डी ब्लूप्रिंट स्पष्ट रूप से प्रारंभिक क्रॉस-कटिंग आर एंड डी को तैयार करने का प्रयास कर रहा है, जो एक अज्ञात ‘Disease X’ के लिए भी प्रासंगिक है.”

क्यों है डरने की बात?

इस बीमारी के लिए तैयार रहना इसलिए जरूरी है क्योंकि वन्यजीवों के बीच वायरस का एक विशाल भंडार घूम रहा है जो एक नई संक्रामक बीमारी का स्रोत बन सकता है जिसके प्रति मनुष्यों में इम्यूनिटी नहीं है। इसलिए ऐसा कभी भी हो सकता है कि किसी जानवर से कोई वायरस या बैक्टीरिया पैदा हो और वो मनुष्यों तक फैल जाए और उन्हें अपना शिकार बनाने लगे। इसलिए, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (एसएआरएस) और इबोला जैसे ज्ञात हत्यारों के साथ रोग एक्स को उन रोगजनकों की सूची में जोड़ा जिनपर रिचर्च करना सबसे ज्यादा जरूरी है।

Disease X के लिए टीका या दवा उपलब्ध नहीं है

इस संभावित खतरे को “डिजीज एक्स” के रूप में लेबल करने का मतलब उस बीमारी से निपटने की तैयारियों को प्राथमिकता देना है जिसके लिए अभी तक टीके या दवा उपचार नहीं हैं, और जो एक गंभीर महामारी को जन्म दे सकता है। तो, इन्हीं तमाम वजहों से दुनिया को डिजीज एक्स के प्रति सचेत रहने को कहा जा रहा है। तो, अभी घबराएं नहीं लेकिन, इस नई मुसीबत को लेकर जानकारी जरूर रखें।

हालिया निष्कर्ष क्या है?

साक्षात्कार में, यूके के स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने ‘Disease X’ पर कुछ अंतर्दृष्टि साझा की.बिंगमैन ने उल्लेख किया, “1918-19 फ्लू महामारी ने दुनिया भर में कम से कम 50 मिलियन लोगों की जान ले ली थी, जो प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए लोगों की तुलना में दोगुना है. आज, हम पहले से मौजूद कई वायरस में से एक से उसी तरह का जनहानि की उम्मीद कर सकते हैं, जो अस्तित्व में है.” यूके के स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने आगे बताया कि वैज्ञानिकों ने 25 वायरस समूहों की पहचान की है और इसके दस लाख अनदेखे वेरिएंट हो सकते हैं, जो एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में जा सकते हैं. उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि अधिकांश कोविड-19 मरीज़ ठीक हो गए. “…कल्पना कीजिए कि Disease X, इबोला की मृत्यु दर के साथ खसरे जितना ही संक्रामक है. दुनिया में कहीं न कहीं, इसकी पुनरावृत्ति हो रही है, और देर-सबेर कोई न कोई बीमार महसूस करने लगेगा.” बिंघम ने कहा, “प्रकोप में वृद्धि वो कीमत है जो हमें आधुनिक दुनिया में रहने के लिए चुकानी पड़ रही है. सबसे पहले, यह वैश्वीकरण के माध्यम से तेजी से जुड़ा हुआ है. दूसरा, अधिक से अधिक लोग शहरों में बस रहे हैं, जहां वे अक्सर दूसरों के साथ निकट संपर्क में आते हैं.”

Back to top button