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Coronavirus : Delta Plus वेरिएंट ने इन तीन राज्यों में पसार रहे पैर


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नई दिल्ली – कोरोना महामारी की दूसरी लहर में कहर मचाने वाले डेल्टा वेरिएंट में भी अब बदलाव आ चुका है। इसे डेल्टा प्लस वेरिएंट बताया जा रहा है। देश के तीन राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और केरल में डेल्टा प्लस ने पैर पसार दिए हैं। डेल्टा प्लस वेरिएंट के अब तक देश में कुल 22 मामले आए हैं। दिल्ली या उत्तर भारतीय इलाकों में अभी तक कोई संक्रमण दर्ज नहीं किया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जीनोम सिक्वेंसिंग के दौरान अब तक देश में 22 मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से 16 मामले महाराष्ट्र के रत्नागिरी एवं जलगांव जिलों में हैं। जबकि बाकी मामले केरल एवं मध्य प्रदेश में मिले हैं। भूषण ने कहा कि इस बाबत राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। ताकि यह संक्रमण बड़ा रूप नहीं ले पाए। उन्होंने कहा कि देश में प्रयोगशालाओं के एक कंसोर्टियम के जरिए वायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही हैं। इसमें 28 प्रयोगशालाएं शामिल की गई हैं तथा नवंबर से अब 45 हजार जीनोम सिक्वेंसिंग की जा चुकी है।

डेल्टा प्लस का संक्रमण अब तक भारत के अलावा आठ देश में पाया गया है जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, स्विटजरलैंड, पुर्तगाल, जापान, नेपाल, चीन तथा रूस शामिल हैं। जबकि डेल्टा वेरिएंट का संक्रमण 80 से अधिक देशों में पाया गया है। डेल्टा वेरिएंट को डब्ल्यूएचओ ने वेरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया है। लेकिन डेल्टा प्लस को फिलहाल कमतर श्रेणी के वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट में रखा गया है।

डेल्टा प्लस एंटीबॉडी और वैक्सीन प्रतिरक्षा के साथ-साथ उन उपचारों के लिए प्रतिरोधी हो सकता है जो कोविड को गंभीर होने से रोकते हैं। जैसे कि रोश और सिप्ला द्वारा भारत में उपलब्ध कराए गए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल उपचार जिसके प्रारंभिक परिणामों काफी अच्छे थे। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी संक्रमित होने पर यही दवा ली थी।

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