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World Malaria day 2024 : सर्दी-खांसी से अलग होते हैं मलेरिया के लक्षण,ऐसे पहचानें मलेरिया है या नॉर्मल सर्दी जुकाम -जानें


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नई दिल्लीः साल 2021 में दुनियाभर में मलेरिया के करीब 25 करोड़ केस आए थे. 5 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत भी हुई थी. इन आंकड़ों से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मच्छर के काटने से होने वाली ये बीमारी कितनी खतरनाक है. इसके बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है. मलेरिया की रोकथाम काफी आसान है, लेकिन फिर भी इस बीमारी से करोड़ों लोगों की मौत हो जाती है. भारत में भी हर साल मलेरिया के मामले आते हैं, हालांकि बीते कुछ सालों से केस में कमी दर्ज की जा रही है. लेकिन आज भी यह बीमारी बारिश के मौसम और तेज गर्मी में खतरनाक बन जाती है.

मलेरिया एक जानलेवा बीमारी

मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है. दुनियाभर में हर साल 24 करोड़ से ज्यादा लोग मलेरिया से पीड़ित होते हैं और आपको जानकर हैरानी होगी कि 6 लाख से ज्यादा लोगों की मौत इस बीमारी से होती है. मलेरिया एनोफिलीज प्रजाति के मच्छरों द्वारा फैलता है. इनके डंक के जरिए शरीर में फ्लैवी वायरस फैल जाता है. मच्छर के काटने के 10 से 15 दिन बाद मलेरिया के लक्षण दिखाई देने शुरू होते हैं. इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 25 अप्रैल को विश्‍व मलेरिया दिवस मनाया जाता है. आज हम अपने लेख में आपको मलेरिया के दौरान होने वाले लक्षणों के बारे में बताएंगे.

मलेरिया क्यों खतरनाक

ज्यादा गर्मी और बारिश के मौसम में मलेरिया ज्यादा खतरनाक बन जाती है. आज भी बहुत से लोग इस बीमारी के लक्षणों की पहचान नहीं कर पाते हैं. चूंकि बारिश के मौसम में कई और बीमारियां फैलती हैं. सर्दी-जुकाम, खांसी की वजह से मलेरिया के लक्षणों की सही तरह पहचान नहीं हो पाती है. इस कारण कई केस देरी से पकड़ में आते हैं और मौत का कारण बन जाते हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि मलेरिया के लक्षण क्या होते हैं.

मलेरिया की बीमारी की पहचान कैसे करें

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मलेरिया होने पर तेज बुखार के साथ हल्की-हल्की ठंड लगती है. कुछ लोगों को बहुत ज्यादा थकावट और उल्टी-दस्त की समस्या होती है. जब इसके लक्षण गंभीर होते हैं तो सांस लेने में परेशानी और लगातार खांसी आने लगती है. वहीं, नॉर्मल सर्दी या वायरल बुखार में सांस लेने में परेशआनी या उल्टी-दस्त की समस्या नहीं होती है. सामान्य बुखार में मांसपेशियों में दर्द या हल्की ठंड भी नहीं लगती है.

मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है

मलेरिया प्लास्मोडियम जीनस के सिंगल सेल पैरासाइट के कारण होता है। परजीवी आमतौर पर मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है।

मलेरिया कुछ अन्य कारणों से भी फ़ैल सकता है

मलेरिया फैलाने वाले परजीवी रेड ब्लड सेल्स को प्रभावित करते हैं। लोग संक्रमित ब्लड के संपर्क में आने से भी मलेरिया की चपेट में आ सकते हैं। यह हो सकता है —

मां से अजन्मे बच्चे तक

ब्लड ट्रांस्फ्यूजन के माध्यम से

नशीली दवाओं के लिए उपयोग की जाने वाली सुइयों को शेयर करने से

मरेलिया के दौरान दिखने वाले लक्षण

हाई फीवर और पसीना

हालांकि तेज बुखार किसी अन्य बीमारी का संकेत भी हो सकता है, लेकिन यह अक्सर उन लोगों में देखा जाता है जिन्हें मलेरिया होता है. यदि आपको तेज़ बुखार है तो तुंरत डॉक्टर से मिलें.

ठंड लगना

ठंड के मौसम के बिना भी ठंड महसूस हो रही है तो ये मलेरिया हो सकता है. बेहतर होगा कि आप अपने लक्षणों पर ध्यान दें और इसपर डॉक्टर से बात करें.

मांसपेशियों में दर्द और सिरदर्द:

मलेरिया से पीड़ित लोगों में मांसपेशियों में दर्द और सिरदर्द की समस्या देखी जाती है.

थकान

क्या आप लगातार थकान महसूस कर रहे हैं तो ये मलेरिया का संकेत हो सकता है. ऐसे में आपको डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए. अत्यधिक थकान का मतलब भी मलेरिया हो सकता है.

मतली, दस्त, उल्टी

ये ऐसे लक्षण हैं जो कई स्वास्थ्य समस्याओं और मलेरिया के साथ भी आते हैं. मलेरिया में मतली के साथ उल्टी करने की इच्छा महसूस होती है. ऐसे में इन लक्षणों को इग्नोर न करें और तुरंत इलाज कराएं.

खांसी

क्या आपको खांसी की समस्या हो रही है? क्या आपको खांसी के कारण अपने दैनिक काम आसानी से करने में कठिनाई हो रही है?तो यह मलेरिया हो सकता है. ऐसे में खांसी को नजरअंदाज न करें और इसका समय से उपचार कराएं.

तेजी से सांस लेना

कई बार तेजी से सांस लेने को हम इग्नोर कर देते हैं, लेकिन ये मलेरिया की दस्तक हो सकती है.

पेट दर्द

अगर पेट में असहनीय दर्द हो रहा है तो यह मलेरिया हो सकता है. अपने स्वास्थ्य से समझौता किए बिना बीमारी को ठीक करने के लिए सटीक निदान और उपचार कराएं.

पेशाब में खून आना

खैर, मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) के अलावा, यह मलेरिया का लक्षण भी हो सकता है. ऐसे में पेशाब में खून आने पर तुरंत सतर्क हो जाएं और समय रहते डॉक्टर के पास भागें.

पीठ दर्द

पीठ में दर्द कई कारणों से हो सकता है, लेकिन अगर ये ऊपर बताए गए लक्षणों के साथ आ रहा है तो ये मलेरिया के कारण हो सकता है.

मलेरिया फैलने का कारण

डॉक्टर के मुताबिक, मलेरिया मच्छर से होने वाली बीमारी है. हालांकि, इसके फैलने के दूसरे कारण भी हो सकते हैं. जैसे- अगर कोई गर्भवती महिला मलेरिया की चपेट में है तो उसके बच्चे में भी यह बीमारी आ सकती है. ब्लड ट्रांसफ्यूजन से भी मलेरिया होने का खतरा रहता है. बता दें कि भारत में अब पहले जैसे मलेरिया का खतरा नहीं है. मलेरिया के केस और मौतों में कमी आई है लेकिन फिर भी सावधानी बरतने की जरूरत है.

क्या है इलाज

डॉ किशोर बताते हैं कि मलेरिया की वैक्सीन भी मौजूद है. हालांकि अभी वैक्सीन का यूज अफ्रीका के देशों के लोगों के लिए किया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि अफ्रीकी देशों में मलेरिया के काफी केस सामने आते हैं. मलेरिया की वैक्सीन लगने के बाद इस बीमारी की रोकथाम हो जाती है. मलेरिया के इलाज की बात करें मेडिसिन होती है. दवाएं इस आधार पर दी जाती हैं कि शरीर में मलेरिया की बीमारी कौन से मलेरिया के पैरासाइट से हुई है और लक्षण कैसे हैं. अगर कोई महिला गर्भवती है तो अलग दवाएं होती हैं.

घातक भी हो सकता है

मलेरिया घातक भी हो सकता है, खासकर जब यह अफ्रीका में आम तौर पर पाई जाने वाली प्लास्मोडियम प्रजाति के कारण होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के मुताबिक मलेरिया से होने वाली लगभग 94% मौतें अफ्रीका में होती हैं और वह 5 साल से कम उम्र के बच्चों में ज्यादा।

मलेरिया के साथ ये स्वास्थ्य जटिलता हो सकती है

सेरेब्रल मलेरिया

यदि ब्लड सेल्स में मौजूद पैरासाइट मस्तिष्क के छोटे ब्लड वेसल्स को अवरुद्ध कर देते हैं, तो मस्तिष्क में सूजन हो सकती है या ब्रेन डीजेनरेशन हो सकता है। यह सेरेब्रल मलेरिया और कोमा का कारण बन सकता है।

सांस की परेशानी

फेफड़ों में जमा हुआ तरल पदार्थ सांस लेना मुश्किल बना सकता है।

ऑर्गन फेलियर

मलेरिया किडनी या लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है। यह स्प्लीन के फटने का कारण बन सकता है। इनमें से कोई भी स्थिति जीवन के लिए खतरा हो सकती है।

एनीमिया

मलेरिया के परिणामस्वरूप शरीर के ऊतकों को ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति के लिए पर्याप्त रेड ब्लड सेल्स नहीं मिल पाते हैं।

लो ब्लड शुगर

मलेरिया के गंभीर रूप हाइपोग्लाइसीमिया का कारण बन सकते हैं। मलेरिया से निपटने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली आम दवा कुनैन से हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है । बहुत कम ब्लड शुगर के परिणामस्वरूप कोमा या मृत्यु हो सकती है।

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