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दर्दनाक मंजर : श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए नहीं बची जगह, 24 घंटे में 49 लोगों की कोरोना से मौत


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भोपाल – कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर चिंता पैदा कर रही है। देशभर में रोजाना 1 लाख से अधिक नए संक्रमण केस सामने आ रहे हैं, जिनमें महाराष्‍ट्र सर्वाधिक प्रभावित है। संक्रमण के नए मामलों में लगभग आधे केस महाराष्‍ट्र से सामने आ रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि देश के कई राज्यों में लॉकडाउन के बावजूद कोरोना थमने का नाम नहीं ले रहा हैं।

पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 1,45,384 नए मामले सामने आए हैं। कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा और भयानक हो चला है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोरोना के चलते 794 लोगों की मौत हुई है। नए आंकड़ों के अनुसार देश में अब कुल कोरोना संक्रमण के मामले 13,205,926 हो गए हैं। वहीं देश में एक्टिव केस की संख्या हो गई है। वहीं डिस्चार्ज मरीजों की संख्या 1,19,90,859 हो चुकी है। इसके साथ ही मृतकों की संख्या 1,68,436 हो गई है।

इधर, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हालात कुछ ऐसे हो गए हैं कि यहां के श्मशान घाट और कब्रिस्तानों में शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए जगह की कमी पड़ने लगी है। यहां के भदभदा विश्राम घाट को कोविड-19 से मरे लोगों के शव जलाने के लिए निर्धारित किया गया है, लेकिन शुक्रवार को यहां 41 शवों का अंतिम संस्कार किए जाने के बाद आठ शवों को लौटा दिया गया। उन्हें शनिवार की सुबह आने के लिए कहा गया।

उल्लेखनीय है कि भोपाल में ऐसा दर्दनाक मंजर 37 साल के बाद देखने को मिला है। इसके पहले साल 1984 में हुई गैस त्रासदी के दौरान भी यहां के श्मशान घाट और कब्रिस्तान में शवों के अंतिम संस्कार के लिए जगह की कमी पड़ने लगी थी। 2, दिसंबर 1984 की रात को भोपाल में हुए गैस कांड में 10 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। तब भोपाल में विश्राम घाटों में शवों को जलाने के लिए जगह की भारी कमी पड़ गई थी।

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