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अब कैप्सूल से होगा कोरोना मरीजों का इलाज!


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नई दिल्ली – कोरोना के खिलाफ जंग में देश को एक और हथियार मिल गया है। कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अब कैप्सूल का इस्तेमाल किया जायेगा। दवा निर्माता ऑप्टिमस फार्मा ने गुरुवार को कहा कि उसने कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए मोलनुपिरावीर ओरल कैप्सूल के तीसरे फेज का क्लिनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है.

18 मई, 2021 को हैदराबाद की फर्म को CDSCO, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) की सिफारिशों के अनुसार परीक्षण करने के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI), डीजीएचएस और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से मंजूरी मिली थी. पांचवें दिन के अध्ययन के अनुसार, इलाज में शामिल में 78.4 प्रतिशत रोगियों को आरटी-पीसीआर निगेटिव पाया गया, जबकि प्लेसिबो समूह में यह संख्या 48.2 प्रतिशत थी.

इस मामले में सलाहकार समिति 30 नवंबर को बैठक करेगी, जिसमें हल्के से मध्यम कोविड संक्रमण के इलाज के लिए मोलनुपिरवीर को आपातकालीन मंजूरी देने के लिए मर्क और रिजबैक अनुरोध पर विचार किया जाएगा. इसी तरह इलाज करा रहे लोगों में स्टडी के 10वें दिन 91.5 प्रतिशत का आरटी-पीसीआर निगेटिव दर्ज किया गया. ऑप्टिमस फार्मा के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डी. श्रीनिवास रेड्डी ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य COVID-19 के लिए एक अत्याधुनिक और किफायती इलाज का विकल्प विकसित करना और न्यूनतम समय में बीमारी को बेअसर करना है.’

केंद्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरण के समक्ष ऑप्टिमस पहली फार्मा कंपनी है, जिसमें फेज 3 के क्लिनिकल ट्रायल पेश किए. दवा पर अध्ययन देश में 29 अलग-अलग जगहों पर आयोजित किया गया था. बता दें कि भारत में फिलहाल कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है. DCGI और SEC ने अब तक जॉनसन एंड जॉनसन, मॉडर्ना, स्पूतनिक वी और जाइडस कैडिला की वैक्सीन को अनुमति दी है.

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