x
लाइफस्टाइल

क्या है चिकन गुनिया?,जानें लक्षण, कारण और इलाज के तरीके


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्लीः यह एक वायरस है जो इंफेक्टेड मादा मच्छर (Aedes aegypti and Aedes albopictus) के काटने से होता है। चिकनगुनिया का प्रसार आमतौर पर घर के बाहर और दिन के समय में होता है। खासकर, तड़के सुबह या दोपहर बाद अंधेरा होने से पहले मच्छर बहुत ज़्यादा सक्रिय होते हैं और इसीलिए, इस समय चिकनगुनिया बहुत तेज़ी से फैलता है। इस वायरल इंफेक्शन की पहचान तेज़ बुखार के साथ मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द से होती है। इसके अलावा सिर दर्द, चक्कर, थकान और रैशेज़ जैसी समस्याएं भी इसके अन्य लक्षण हो सकते हैं।

क्या है चिकन गुनिया?

आमतौर पर मच्छर काटने के 3-7 दिनों के बीच चिकनगुनिया की शुरुआत होती है। वैसे तो यह समस्या खुद-ब-खुद ठीक हो जाती है, लेकिन बुज़ुर्गों और किसी अन्य प्रकार की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए यह इंफेक्शन जानलेवा भी साबित हो सकता है। चिकनगुनिया का कोई इलाज या वैक्सीन नहीं है। हालांकि, इस समस्या का इलाज, इसके लक्षणों जैसे बुखार, दर्द और सूजन से आराम दिलाने के आधार पर होता है।

चिकनगुनिया के लक्षण क्या है ?

चिकनगुनिया के लक्षण और संकेत 10-12 दिनों तक रहते हैं, जो धीरे-धीरे खुद ठीक होने लगते हैं। बुखार और जोड़ों में असहनीय दर्द के अलावा चिकनगुनिया में कुछ और भी समस्याएं महसूस हो सकती हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार है-

  • तेज बुखार (102 डिग्री फारेनहाइट या इससे ज्यादा)
  • मांसपेशियों में दर्द (Myalgia)
  • गठिया (Arthritis)
  • आंखा आना (Conjunctivitis)
  • जी मिचलाना (Nausea)
  • उल्टी (Vomiting

अक्सर, चिकनगुनिया के लक्षणों को लोग मच्छरों की वजह से होने वाली अन्य बीमारियों जैसे मलेरिया और डेंगू के लक्षण मान लेते हैं। लेकिन, इनका प्रभाव शरीर पर अलग तरीके से होता है। जैसे, इसमें होने वाले बुखार की गम्भीरता अन्य बीमारियों से अलग होता है। इसी तरह डेंगू में कई बार मरीज़ को ब्लीडिंग जैसे लक्षण भी दिखायी पड़ते हैं। जबकि, मलेरिया में मरीज़ों में तेज़ बुखार होता है जो, शाम में काफी बढ़ जाता है। जिसके बाद बार-बार और जल्दी-जल्दी ठंड और पसीना जैसी समस्याएं होती रहती हैं। तो वहीं दूसरी तरफ चिकनगुनिया में मरीजों को तेज बुखार के साथ तेज़ दर्द (खासकर, जोड़ों में असहनीय दर्द) महसूस होता है। इन तीनों ही स्थितियों में मरीज़ों को 102’oF डिग्री बुखार हो सकता है।

चिकनगुनिया के कारण

चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है, जो संक्रमित मच्छरों से इंसानों में फैलती है. यह समस्या चिकनगुनिया वायरस (CHIKV) से फैलता है. चिकनगुनिया से संक्रमित व्यक्ति सीधे किसी अन्य व्यक्ति को संक्रमित नहीं कर सकता है. चिकनगुनिया से संक्रमित व्यक्ति को यदि कोई मच्छर काट ले और वही मच्छर किसी दूसरे व्यक्ति को काट ले तो दूसरा व्यक्ति भी चिकनगुनिया से संक्रमित हो सकता है. मच्छरों के काटने से इस तरह से वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है.

चिकनगुनिया का निदान क्या है?

ज्यादातर डॉक्टर्स इस बीमारी का पता लगाने के लिए पहले डेंगू और मलेरिया का टेस्ट करते हैं। फिर, चिकनगुनिया का टेस्ट किया जाता है। इस मच्छर जनित बीमारी का पता लगाने के लिए एक साधारण सा ब्लड टेस्ट (CHIKV) किया जाता है।इसके अलावा आपको ELISA (Enzyme-linked immunosorbent assays) जैसे अन्य ब्लड टेस्ट कराने की भी ज़रूरत पड़ सकती है। जिसकी मदद से शरीर में चिकनगुनिया से लड़ने वाली एंटी-बॉडीज़ (Immunoglobulin M and Immunoglobulin G) का पता लगाया जा सकता है। आपका डॉक्टर आपको खून की जांच के लिए आरटी-पीसीआर नामक एक और ब्लड टेस्ट कराने की सलाह भी दे सकता है। जिसे, इंफेक्शन होने के सप्ताहभर के अंदर ही किया जाता है।

चिकनगुनिया में डायट कैसी होनी चाहिए ?

दवाइयों के साथ-साथ कुछ विशेष फूड्स का सेवन चिकनगुनिया से जल्द ठीक होने में मदद कर सकता है। इसीलिए, इन्हें अपनी डायट में शामिल करें-

तरल: जब किसी व्यक्ति को चिकनगुनिया जैसे वायरल इंफेक्शन्स होते हैं। तो, शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसीलिए, मरीज़ को अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए ताकि शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सके। सूप, छाछ, नींबू पानी और नारियल पानी जैसे हेल्दी ड्रिंक्स का सेवन करें।

विटामिन-सी युक्त फल: ऐसे फल आपके इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाकर इंफेक्शन से लड़ने के लिए शरीर की क्षमता बढ़ाते हैं। संतरा,अमरूद और नींबू जैसे फल इसके अच्छे उदाहरण हैं।

सब्ज़ियां: आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ-साथ ये पचने में भी आसान होती हैं। जिससे, गैस्ट्रोइंस्टेटाइनल ट्रैक्ट को इंफेक्शन के दौरान सही तरीके से काम करने में मदद होती है। हरी सब्ज़ियों के सेवन से भी चिकनगुनिया के लक्षणों से जल्द राहत मिलती है।

चिकनगुनिया से बचाव

चिकनगुनिया उन बीमारियों में से एक है, जिनका अभी तक वैज्ञानिक इलाज नहीं खोज पाए हैं. इसके लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है. इसलिए चिकनगुनिया से बचाव ही इसका इलाज है. यदि आप स्वयं को मच्छरों के काटने से बचा सकते हैं तो आप चिकनगुनिया से भी बच सकते हैं.

जहां मच्छरों का प्रकोप हो वहां आने-जाने से बचें
मच्छरों या कीड़ों से बचाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें
लंबी बाजू की शर्ट और पैंट पहनें
घर के अंदर और बाहर मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए जरूरी कदम उठाएं
मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और मच्छर मारने या भगाने वाली दवा का छिड़काव करें
अपने घर और आसपास, खाली जगहों पर गमलों, बाल्टियों, टायर आदि में पानी इकट्ठा न होने दें
खिड़की के पास तुलसी का पौधा रखने से भी घर में मच्छर कम आते हैं
घर में कपूर जलाने से भी मच्छर दूर रहते हैं
खूब सारा पानी पिएं और स्वयं को हाइड्रेटेड रखें.

Back to top button