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राजनीति

राज्यसभा चुनाव की वोटिंग के बीच मनोज पांडे ने चीफ व्हिप पद से दिया इस्तीफा


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नई दिल्लीः राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के बड़ा झटका लगा है। मनोज पांडेय के साथ ही उसके कई विधायक बागी हो गए हैं। सपा के विधायक मनोज पांडे ने मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेज दिया है। मनोज पांडेय ने भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में मतदान किया है। मतदान के पहले वह आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल के कक्ष में भी गए। बताया जा रहा है कि सपा के छह विधायकों ने भाजपा प्रत्याशी को वोट किया है।

मतदान के दौरान सपा के पांच विधायकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की मुलाकात

मतदान के दौरान सपा के पांच विधायकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इनमें अभय सिंह, राकेश सिंह, राकेश पांडेय, विनोद चतुर्वेदी और मनोज पांडेय शामिल रहे। बाद में सपा विधायक आशुतोष मौर्य ने भी भाजपा प्रत्याशी को वोट देने का एलान किया है।

मनोज पांडे ने चीफ व्हिप पद से दिया इस्तीफा

इसके पहले, सपा के विधायक मनोज पांडे ने पत्र में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को लिखा कि मैं मुख्य सचेतक के पद से इस्तीफा दे रहा हूं। इस्तीफा स्वीकार किया जाए। विधायक मनोज कुमार पांडे ने कहा कि “समाजवादी पार्टी विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक के पद से हमने इस्तीफा दे दिया है।

बीजेपी में शामिल हो सकते हैं मनोज पांडे

सूत्रों के मुताबिक मनोज पांडे बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं। वे विधायक पद से भी इस्तीफा दे सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, मनोज पांडे रायबरेली से बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवार हो सकते हैं या फिर योगी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं। उन्हें डिप्टी स्पीकर का पद भी दिया जा सकता है।

तीनों विधायकों ने भाजपा के पक्ष में किया मतदान

अमेठी गौरीगंज से समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह एक गाड़ी से सदन पहुंचे। अयोध्या जनपद के सपा विधायक अभय सिंह और अंबेडकरनगर से सपा विधायक राकेश पांडे भी मौजूद हैं। तीनों ने संयुक्त बयान में कहा कि अंतरात्मा की आवाज पर वोट देंगे।विधायक राकेश प्रताप सिंह अपनी पार्टी की दोनो मीटिंग में नहीं गए थे और उन्होंने बागी रुख अख्तियार कर रखा था। इन तीनों विधायकों ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया। राकेश पांडे के सांसद बेटे रितेश पांडे दो दिन पहले भाजपा में शामिल हुए हैं।

सपा के इन 8 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की

सूत्रों के अनुसार, समाजवादी पार्टी के आठ विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। बीजेपी के उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग करने वाले सपा विधायकों के नाम राकेश पांडे, अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह, मनोज पांडे, विनोद चतुर्वेदी, महाराजी प्रजापति, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य बताए जा रहे हैं।

पल्लवी पटेल क्रॉस वोटिंग नहीं की

अखिलेश यादव से नाराज चल रहीं पल्लवी पटेल ने सपा उम्मीदवार के लिए वोट डाला। उन्होंने सपा विधायकों के साथ वोट डाला। इससे पहले सूत्रों ने बताया था कि वोट डालने को लेकर अखिलेश यादव और पल्लवी पटेल की फोन पर बहस हो गई थी।

चेंज कर दिया था सोशल मीडिया का प्रोफाइल

वहीं, सपा विधायक अभय सिंह ने अपना सोशल मीडिया अकाउंट का प्रोफाइल भी चेंज कर दिया। उन्होंने भगवान श्री राम की तस्वीर लगाकर जय श्रीराम भी कहा। सपा विधायकों के इन इशारों से लग रहा है कि वे क्रॉस वोटिंग करेंगे। इंडिया टीवी ने पहले ही बता दिया था कि सपा के कुछ विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं।

सपा-बीजेपी के उम्मीदवारों का नाम

राज्यसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आठ और समाजवादी पार्टी (सपा) ने तीन उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। भाजपा ने अपने आठवें उम्मीदवार के रूप में संजय सेठ को मैदान में उतारा है। भाजपा के सात अन्य उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.पी.एन.सिंह, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह, पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के महासचिव अमरपाल मौर्य, पूर्व राज्य मंत्री संगीता बलवंत (बिंद), पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व विधायक साधना सिंह और आगरा के पूर्व महापौर नवीन जैन हैं। सपा ने अभिनेत्री-सांसद जया बच्चन, सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी एवं उप्र के पूर्व मुख्‍य सचिव आलोक रंजन और दलित नेता रामजी लाल सुमन को मैदान में उतारा है।

भाजपा नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह का दावा, सभी उम्मीदवार जीत रहे हैं

राज्यसभा चुनाव पर भाजपा नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि भाजपा के आठ उम्मीदवार हैं, सभी जीतकर दिल्ली जाने वाले हैं। जिनको डर था वे सुबह से ही गा रहे हैं कि भाजपा ने उनके विधायकों को छीन लिया है। उन लोगों को अपने घर को संभालना नहीं आया। किसी पर आरोप लगाने से पहले ये भी देख ले कि आपके घर के सदस्य क्यों आपसे भागना चाहते हैं? अखिलेश यादव को बहाना देने की आदत पड़ चुकी है। 2017 में बहाना दिया, 2019 में दिया और अब 2024 में भी एक और बहाना देंगे।

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