चीन ताइवान पर हमला किया तो फिर 10 हजार चीनी सैनिक मारे जाएंगे
नई दिल्ली – आर्थिक महाशक्ति अमेरिका की मिलिट्री का क्या हश्र होगा? चीन और ताइवान के बीच अगस्त 2022 से ही तनाव इतना बढ़ गया है कि कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता। इस तनाव के बीच ही भविष्यवाणी की गई है कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ तो फिर सबकुछ खत्म हो जाएगा। न अमेरिका की ताकत बचेगी और न ही चीन का रूतबा। ताइवान और जापान तो पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे। इतनी मौतें होंगी कि गिनना मुश्किल हो जाएगा।
वाशिंगटन डीसी स्थित सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जो ‘द फर्स्ट बैटल ऑफ द नेक्स्ट वॉर’ के रूप में प्रकाशित हुई है। इसी रिपोर्ट में ताइवान-चीन के वॉरगेम की स्थिति को दर्शाया गया है। चीन के तानाशाह शी जिनपिंग चाहते हैं कि वे ताइवान को 2027 से पहले अपने क्षेत्र में शामिल कर इतिहास रच लें, लेकिन ऐसा करने के लिए उन्हें युद्ध तो जरूर करना पड़ेगा, जिसमें चीन का भारी नुकसान दर्ज किया जाएगा।
ताइवान पर युद्ध की वजह से अजेय मानी जाने वाली अमेरिकी मिलिट्री के भी छक्के छूट जाएंगे। इसकी हालत भी उस चीनी सेना के जैसी होगी जो युद्ध में बुरी तरह से टूट चुकी है। इस युद्ध के अंत में कम से कम दो अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर प्रशांत महासागर में डूब जाएंगे। जो चीनी नौसेना खुद पर इतना घमंड करती है, उसका भी कोई अस्तित्व नहीं बचेगा।
थिंक टैंक की मानें तो युद्ध की वजह से अमेरिका और जापान के दर्जन भर जहाज, सैंकड़ों एयरक्राफ्ट और हजारों सैनिक इस युद्ध पर कुर्बान हो जाएंगे। अगर ऐसा होता है तो फिर अमेरिका का महाशक्ति का दर्जा कई साल तक के लिए खो जाएगा। थिंक टैंक का कहना है कि तीन हफ्तों तक चलने वाले युद्ध में अमेरिका के करीब 3200 सैनिकों की मौत होगी। दो दशक तक चलने वाले अफगानिस्तान युद्ध में मारे गए सैनिकों की तुलना में यह संख्या आधी होगी।
चीन को भी इस युद्ध में काफी नुकसान होने वाला है। उसकी सेनाएं पूरी तरह से टूट जाएंगी और दस हजार सैनिकों को बंदी बना लिया जाएगा। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि ताइवान के साथ युद्ध में चीन के करीब 10,000 सैनिकों की मौत होगी। जबकि इस वॉर में उसक 155 फाइटर एयरक्राफ्ट और 138 बड़े जहाज खत्म हो जाएंगे।