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लाइफस्टाइल

आपके ब्रेन को भी चाहिए होता है आराम, इन तरीकों से दिमाग को करें दोबारा रीचार्ज


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नई दिल्लीः हम कभी अपनी पसंद-नापसंद को लेकर परेशान रहते हैं, तो कभी किसी प्राथमिकता या पूर्वाग्रह को लेकर। इसके कारण हमारा दिमाग तनावपूर्ण रहता है। यह सच है कि मन पर किसी का जोर नहीं चलता है। हम अपनी पसंद, नापसंद या राय को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। पर कई तरह की बातों और विचार से हमारा दिमाग थकान अनुभव करने लगता है। विशेषज्ञ हमें दिमाग को रिवाइव या रीबूट करने की सलाह देते हैं। इससे तनाव दूर हो जाता है। हमारे पास अपने मस्तिष्क को पुनर्जीवित या रिवाइव करने (Revive your mind) और नए न्यूरल पाथ बनाने की क्षमता है।

क्यों जरूरी है माइंड को रीबूट करना

मनोचिकित्सक डॉ. आरती आनंद के अनुसार, रीबूट या रिवाइव करने का मतलब है नकारात्मक विचारों और तनाव को खत्म कर देना। विचार शून्य दिमाग बिलकुल रिफ्रेश महसूस करता है। ब्रेन को रीबूट करने से नकारात्मक विचारों जैसे टोक्सिंस दिमाग से बाहर निकालने में मदद मिलती है। इससे मन शांत होता है और व्यक्ति इनर सेल्फ से जुड़ पाता है। यह तनाव और चिंता से राहत देकर आंतरिक शांति से भर देता है। इससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है।

अच्छी नींद लेने की आदत बनाएं

नींद शरीर को रिजुवेनेट करने में मदद करता है। इसमें माइंड विशेष रूप से शामिल है। जागने और सोने के समय में संतुलन रहने से मस्तिष्क में सिनैप्स (Synapse) का एक ठोस पैटर्न बनता है। ये सिनैप्स जागने के दौरान बढ़ते हैं । नींद के दौरान सिकुड़ते हैं। इससे अगले दिन के अनुभवों से और अधिक सीखने की क्षमता पैदा होती है। रोज सीखने से मस्तिष्क अधिक लचीला हो जाता है।जब हमें पर्याप्त गुणवत्ता वाली नींद नहीं मिलती है, विशेष रूप से रैपिड-आई-मूवमेंट (REM) नींद, तो हमारा मस्तिष्क खुद को रीसेट नहीं कर पाता है। यदि संभव हो तो हर रात लगभग एक ही समय पर बिस्तर पर जाएं। दोपहर के बाद से कैफीन जैसे उत्तेजक पदार्थों से बचें। सोने से 1 घंटा पहले इलेक्ट्रॉनिक्स बंद कर दें। सोने से पहले एप्सम साल्ट से स्नान करें। सोने से पहले गहरी सांस लेने का अभ्यास करें।

स्वस्थ आहार

डॉ. आरती कहती हैं, ‘मस्तिष्क और आंत हजारों न्यूरोट्रांसमीटरों से जुड़े हुए हैं, जो संदेशों को लेते और भेजते रहते हैं। अच्छा स्वाद वाला भोजन डोपामाइन सीक्रेट करता है। भोजन का मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। इसमें मूड में सुधार और अवसाद से बचाव भी शामिल है। प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार लें। शुगर और कार्ब्स के सेवन को कम करें। आहार में एंजाइम और प्रोबायोटिक्स शामिल करें।’

नेचर में समय बिताएं

नेचर में समय बिताना आपकी मेंटल हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसलिए कोशिश करें कि आप अपने दिन का थोड़ा समय या फिर हफ्ते में दो-तीन दिन किसी ऐसी जगह पर बिताएं, जहां आस-पास हरियाली हो। इससे आप काफी रिफ्रेशिंग महसूस करेंगे।

मेडिटेशन या माइंडफुलनेस एक्सरसाइज

जो लोग किसी प्रकार के ध्यान या माइंडफुलनेस का अभ्यास करते हैं, वे कम तनाव और अधिक जागरूकता का अनुभव करते हैं। ध्यान शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य और संज्ञानात्मक कार्य (Cognitive Function) को बेहतर बनाने में मदद करता है। ध्यान न्यूरॉन पाथवेज की क्षमता में सुधार कर सकता है।

सोशल कनेक्शन

सोशल कनेक्शन यानी अपने दोस्तों और परिवारजनों के साथ समय बिताएं। कहीं घूमने जा सकते हैं या बात-चीत करके उनके साथ समय बिता सकते हैं। इससे आप अकेलेपन, तनाव आदि जैसी फीलिंग्स को कम कर पाएंगे और आपको बेहतर महसूस होगा।

बाहर घूमें

हमारा दिमाग सबसे अधिक प्राकृतिक वातावरण में ही कूल अनुभव करता है। कई अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि प्रकृति में बिताया गया समय मस्तिष्क की गतिविधि को कई तरीकों से बेहतर बनाता है। यह किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों को खत्म कर तनाव कम करता है। इससे मेंटल एबिलिटी में सुधार होता है और हमारी रचनात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

स्ट्रेचिंग करें

स्ट्रेस और थकान को दूर करने के लिए स्ट्रेचिंग काफी लाभकारी होता है। अगर आप थकान महसूस कर रहे हैं, तो इसके लिए रोजाना कम से कम 5 मिनट स्ट्रेचिंग करें। इससे आपकी मांसपेशियों को भी रिचार्ज होने का मौका मिलेगा। साथ ही सप्ताह में कम से कम दो से तीन बार योग करें। इससे आप काफी बेहतर महसूस कर सकते हैं।

डिजिटल डिटॉक्स

हमारे दिन का बहुत बड़ा हिस्सा फोन या लैपटॉप की स्क्रीन के सामने बीतता है, जिस वजह से मेंटल थकान बढ़ सकती है। इसके साथ ही, सोशल मीडिया पर होता इंफॉर्मेशन बॉम्बर्डमेंट भी आपको दिमागी तौर पर थकावट का शिकार बना सकती है। इसलिए सोशल मीडिया से ब्रेक और स्क्रीन टाइम कम करने से भी दीमाग को फ्रेश महसूस होगा।

व्यायाम

अत्यधिक तनाव में रहने के बावजूद यदि कुछ सेकंड के लिए शरीर को स्ट्रेच किया जाता है, तो फ्रेश महसूस होता है। यह एहसास होता है कि सभी तनाव खत्म हो गये। कई शोध में फिजिकल एक्टिविटी और बेहतर मेमोरी और मोटर स्किल सहित मस्तिष्क की बेहतर इलास्टिसिटी के बीच एक स्पष्ट संबंध देखा गया है। यहां तक कि हल्के स्ट्रेच एक्सरसाइज भी मस्तिष्क को रीबूट करने में मदद कर सकते हैं।

हॉट बाश लें

अगर आपका शरीर काफी ज्यादा थका हुआ महसूस करता है, तो इस स्थिति में हॉट बाथ लें। हॉट बाथ लेने से शरीर की थकान दूर होती है। नहाने के लिए गर्म पानी में एप्सम सॉल्ट का प्रयोग करें। एप्सम सॉल्ट में मौजूद गुण आपके शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जिससे आपकी मांसपेशियां बेहतर तरीके से कार्य करती हैं। साथ ही आपको थकान और तनाव काफी कम महसूस होता है। इसके अलावा यह शरीर के सूजन को कम करने में प्रभावी है।

अरोमा थेरेपी

माइंड को फ्रेश और रिजार्च करने केक लिए अरोमा थेरेपी काफी बेहतर ऑप्शन हो सकता है। खुशबूदार वातावरण से आप स्ट्रेस फ्री फील करते हैं। अरोमा थेरेपी के लिए अपने पसंदीदा एसेंशियल ऑयल के साथ वाहक तेल मिक्स करके सीधे तौर पर शरीर पर एप्लाई करके मालिश करेँ। इससे आपको काफी रिलैक्स महसूस होगा। अगर आप लंबे समय से काफी ज्यादा थकान महसूस कर रहे हैं, तो यह आपके शरीर के लिए सही नहीं है। ऐसे में आपको अपने लाइफस्टाइल में बदलाव की आवश्यकता होती है। शरीर की थकान को कम करने के लिए आप नियमित रूप से कुछ टिप्स फॉलो कर सकते हैँ। हालांकि, इन टिप्स से आपको रिलैक्स महसूस नहीं हो रहा है, तो इस स्थिति में डॉक्टर या किसी एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

पजल्स और गेम्स

अपने दिमाग को हेल्दी और एक्टिव बनाने के लिए आप अलग-अलग तरीकों के पजल्स और गेम्स की मदद ले सकते हैं। नए गेम और पहेलियों के साथ मस्तिष्क को चुनौती देने से आपका ब्रेन ज्यादा एक्टिव रहेगा।

लोगों से मिलेजुले

अपने ब्रेन को हेल्दी बनाने के लिए जरूरी है कि आप तनाव और डिप्रेशन को मैनेज करें। इसके लिए अपने आस-पास के लोगों के साथ बातचीत और मेलजोल बढ़ाएं। ऐसा करने से ब्रेन फंक्शन को गति देने में मदद मिलती है और अवसाद का खतरा भी कम हो जाता है।

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