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CBDT से इन ट्रस्ट और इंस्टीट्यूशन को मिली राहत


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नई दिल्ली – आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2023-24 के लिए गलत फॉर्म में ऑडिट रिपोर्ट दायर करने वाले न्यास (ट्रस्ट) एवं संस्थानों को 31 मार्च तक सही फॉर्म में दस्तावेज दाखिल करने की मंगलवार को मंजूरी दे दी.किसी भी कोष या संस्थान या ट्रस्ट या किसी विश्वविद्यालय या अन्य शैक्षणिक संस्थान या किसी अस्पताल की आय कुछ शर्तों को पूरा करने पर आयकर से मुक्त होती है.छूट का दावा करने के लिए पात्र होने की एक शर्त यह है कि उस ट्रस्ट या संस्थान को अपने खातों का ऑडिट करवाना होगा और निर्दिष्ट समय से पहले निर्धारित फॉर्म नंबर 10बी/ 10बीबी में ऑडिट रिपोर्ट पेश करनी होगी.

सीबीडीटी ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां ट्रस्ट और इंस्टीट्यूशंस ने AY 2023-24 के लिए अपनी ऑडिट रिपोर्ट फॉर्म नंबर 10 बी में पेश की है. हालांकि उन्हें रिपोर्ट 10बीबी में करनी थी. वहीं कुछ ट्रस्ट या इंस्टीट्यूशन ने रिपोर्ट 10बीबी में पेश की हालांकि उन्हें रिपोर्ट 10बी में प्रस्तुत करनी थी .ऐसे मामलों को देखते हुए सीबीडीटी ने राहत दी है और ऐसे ट्रस्ट या इंस्टीट्यूशन को असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए तय 10 बी या 10बीबी में ऑडिट रिपोर्ट को 31 मार्च 2024 तक या उससे पहले पेश करने की छूट दी है जो 31 अक्टूबर 2023 या उससे पहले 10 बी की जगह 10बीबी में या फिर 10बीबी की जगह 10बी में ऑडिट रिपोर्ट पेश कर चुके हैं.

सीबीडीटी ने ट्रस्‍ट अथवा संस्‍थान द्वारा दूसरे ट्रस्‍ट अथवा संस्‍थान को दान देने के प्रावधानों पर स्‍पष्‍टीकरण दिया है.सीबीडीटी के अनुसार आयकर अधिनियम 1961 की धारा 10 (23सी) के अनुसार वर्णित संस्‍थान, ट्रस्‍ट, शैक्षिक संस्‍थान, अस्‍पताल अथवा चिकित्‍सीय संस्‍थान जो धारा 12/एए या धारा 12/एबी के तहत पंजीकृत हैं, ऐसे संस्‍थानों को आयकर में छूट पाने के लिए इस अधिनियम के विभिन्‍न प्रावधानों को पूरा करना अनिवार्य होगा.वित्‍त अधिनियम 2023 के प्रावधानों के अनुसार ट्रस्‍ट या संस्‍थान द्वारा दूसरे संस्‍थानों को दिए गए दान की 85 प्रतिशत राशि ही छूट के दायरे में आएगी.विभिन्‍न संस्‍थानों द्वारा बाकी 15 प्रतिशत की धनराशि के बारे में जानने के लिए सीबीडीटी ने यह स्‍पष्‍टीकरण जारी किया है.

क्या है फॉर्म 10 B

आयकर नियम के सेक्शन 12 ए के अनुसार फॉर्म 10 B ऐसे चैरिटेबल फंड्स, यूनिवर्सिटी, एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन, मेडिकल इंस्टीट्यूशन से जुड़ा है जिनकी पिछले वित्त वर्ष में कुल आय 5 करोड़ रुपये को पार कर गई है. इसके अलावा विदेशों से धन पाने वाले या फिर भारत से बाहर धन का इस्तेमाल करने वालों को भी 10 B फॉर्म में ऑडिट रिपोर्ट पेश करनी होती है.

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