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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 : सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी, महिलाएं इस तरह निकालें अपने लिए समय


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नई दिल्लीः हम सभी को अपने लिए एक घंटा अवश्य निकालना चाहिए। यह ठान लें तो स्वस्थ रहना कठिन नहीं होगा। अच्छा खाना समय पर खाना योग और ध्यान आदि को अपने रोज के दिनचर्या में शामिल कर लेना पर्याप्त है। आदत बनाने में थोड़ी कठिनाई जरूर आती है पर सेहत प्राथमिकता बन जाए तो यह आसान बन जाता है।

हर महिला के लिए सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी

आजकल हर महिला की दिनचर्या पूरी तरह से बदल गई है। वर्किंग वूमेन हो या हाउस वाइफ अपने से ज्यादा दूसरों की देखभाल करना अपना फर्ज समझती हैं। ऐसे में कई बार कुछ बुरी आदतें उनकी जीवनशैली को खराब कर देती हैं, जबकि काम के साथ हेल्थ का ध्यान रखना भी जरूरी है।अच्छी हेल्थ के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव बहुत जरूरी है और महिलाएं इन चीजों पर बिल्कुल ध्यान नहीं देती हैं। अच्छी हेल्थ के बिना कुछ भी मुमकिन नहीं है। महिलाएं खुद हेल्दी रहेंगी, तभी अपनों को हेल्दी रख पाएंगी। ऐसे में अगर आप सोच रही हैं कि अपने स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बनाया जाए तो इन टिप्स को अपनाकर डेली रुटीन में शामिल करें और फायदे खुद देखें।

महिलाएं इस तरह निकालें अपने लिए समय

इन दिनों महिलाएं हर मोर्चे पर आगे बढ़ रही हैं। हालांकि संपूर्ण सेहत प्राप्त करने के लिए उनका संघर्ष कहीं अधिक होता है। ऐसे में आवश्यक है कि वे स्वस्थ खानपान, योग और व्यायाम का भी ध्यान रखें, ताकि स्वयं और स्वजन की बेहतर देखभाल के साथ खुशहाल जीवन का आनंद उठा सकें। इस मौके पर जागरण की सीमा झा ने डॉ. सुशीला कटारिया (डायरेक्टर, इंटरनल मेडिसिन, मेदांता, गुरुग्राम) से बातचीत की।

डेली वर्कआउट

अगर नियमित रूप से व्यायाम नहीं कर पाते तो वर्कआउट को रूटीन बनाएं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। शरीर उस तरह काम करना बंद कर देता है, जैसे वह 20 की उम्र में करता था। 35 की उम्र के बाद महिला को वर्कआउट पर खास ध्यान देना चाहिए। समय के साथ-साथ हड्डियों का मांस भी कम होने लगता है। हड्डियां पतली और हल्की होने के कारण ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा भी ज्यादा हो जाता है। इसलिए डेली वर्कआउट करें। शरीर मजबूत रहेगा।

बैलेंस डाइट

डाइट में ढेर सारी सब्जियां, फल और साबुत अनाज शामिल करें। वे फाइबर, प्रोटीन और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। ज्यादा चीनी खाने से बचें, क्योंकि इसमें कोई जरूरी पोषक तत्व नहीं होता। मोटापा, हार्ट डिजीज होने का खतरा बढ़ सकता है।

हेल्दी फैट

हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करने के लिए सैचुरेटेड फैट की जगह जैतून का तेल, एवोकैडो तेल, फैटी फिश, नट्स और बीजों का इस्तेमाल करें। हेल्दी फैट से खराब कोलेस्ट्रॉल को और वजन को कम करने में भी मदद मिलेगी।

हाइड्रेट

भरपूर पानी पीने से वजन कम करने, पाचन को बढ़ावा देने, मूड में सुधार करने में मदद मिलेगी। कभी-कभी सादा पानी पीने की बजाय तरबूज या संतरे का जूस पी सकते हैं।

माइंडफुलनेस

माइंडफुलनेस को कई हेल्थ बेनिफिट्स से जोड़ा गया है। यह तनाव और चिंता के लेवल को कम करने, फोकस पॉवर में सुधार करने, दिमाग में ग्रे मैटर को बढ़ाने और पुराने दर्द को मैनेज करने में मदद करता है

रेगुलर हेल्थ चेकअप

चाहे कितनी भी व्यस्त दिनचर्या हो, महिलाएं अपने डॉक्टर की अपॉइंटमेंट लें और अपनी रेगुलर प्रॉपर जांच करवाएं। महिलाओं को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि उन्हें पैप स्मीयर (गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर के शुरुआती लक्षणों की जांच के लिए एक टेस्ट होता है), टीकाकरण और ब्रेस्ट परीक्षण कब कराना चाहिए।

फैमिली हेल्थ हिस्ट्री

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, न केवल जानना जरूरी है, बल्कि उन बीमारियों पर नजर रखना भी जरूरी होता है, जिनके जेनेटिक रूप से विकसित होने का खतरा रहता है। महिलाओं को यह भी पता होना चाहिए कि परिवार के एक मेंबर को किस उम्र में कोई बीमारी हुई है तो उस उम्र से काफी पहले उन्हें अपनी और दूसरे मेंबरों की जांच करानी चाहिए।

स्वस्थ होगी दिनचर्या तभी आगे बढ़ पाएंगी

जब खुद स्वस्थ रहेगी स्त्री, तभी वह परिवार की सेहत को लेकर भी सजग प्रयास कर सकती है। न भूलें कि सेहत का पचास प्रतिशत अपने हाथ है और आधा चिकित्सक, दवा आदि के पास, पर अपने लिए समय नहीं है या परिवार पहले है, मैं ऐसी सफाई को स्त्री की सेहत की सबसे बड़ी चुनौती मानती हूं। बता दें महिलाओं में मोटापा, हड्डियों की कमजोरी बहुत आम बात होती है। वहीं, पुरुषों में प्रभावी रूप से देखी जाने वाली समस्याएं, जैसे-उच्च रक्तचाप, मधुमेह महिलाओं में भी उतनी ही तेजी से सामान्य होता जा रहा है। बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों, मांसपेशियों से जुड़ी समस्याएं बढ़ती ही हैं, लेकिन कम उम्र से ही अगर सजग रहें तो इससे बचाव संभव है।

एनीमिया गंभीर समस्या

हमारे देश में महिलाएं हीमोग्लोबिन की कमी से जूझ रही हैं। प्री-मेनोपॉज़ वाली महिलाओं में इसकी कमी पचास प्रतिशत तक होती है, जो चिंतनीय है। दस प्रतिशत महिलाएं गंभीर रूप से एनीमिया की शिकार होती हैं। क्या हुआ खून की कमी ही तो है, थोड़ा खाना अच्छा करेंगे बढ़ जाएगा या मेरा तो बस इतना ही कम है, ऐसी बातों से पता चलता है कि आज भी महिलाएं हीमोग्लोबिन की कमी को सामान्य मानती हैं। सामान्य कामकाज भी ठीक से नहीं हो पा रहा, चिड़चिड़ापन रहता है, घबराहट, चक्कर आने या सांस फूलने जैसी समस्या है, तो ये एनीमिया के लक्षण हो सकते हैं। यह अवसाद व गंभीर हृदय रोग का कारण भी बन सकता है।

दूध नहीं संपूर्ण आहार

कोई कमजोरी महसूस कर रहा है तो तुरंत कहते हैं कि दूध का सेवन करें। पर जान लें, दूध संपूर्ण आहार नहीं है। शरीर को दूध के साथ फल, सब्जियां, अनाज आदि सबकी आवश्यकता होती है। जन्म के एक साल के बाद से ही बच्चों को सभी प्रकार के आहार दें। इससे कुपोषण से बच सकेंगे। बच्चियों की सेहत अच्छी रहेगी, तभी वह स्वस्थ महिला बनेगी।

मानसिक सेहत की अनदेखी तो नहीं?

कामकाजी हों या घरेलू, हर स्त्री को तनाव का बेहतर प्रबंधन करना जानना चाहिए। विचारों की उलझनों से बचने के लिए योग, ध्यान या कुछ ऐसे शौक भी रखें, जिनकी मदद से रचनात्मकता को बढ़ावा मिले। विचारों की उलझन से बाहर निकल उन्हें एक सकारात्मक रूप देना चाहिए। शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए मानसिक सेहत का अच्छा रहना आवश्यक है।

हर महिला के लिए अपनी जरूरतों पर भी ध्यान देना बेहद जरूरी

महिला घर के हर एक सदस्य के बारे में सोचती है. लेकिन उन्हें अपने लिए भी थोड़ा समय निकालना चाहिए और अपनी जरूरतों पर भी ध्यान देना चाहिए. पर वो अपने लिए समय ही नहीं निकाल पाती है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि अपने महिलाएं अपने बिजी शेड्यूल में से कुछ समय अपने लिए किस तरह मैनेज करें और थोड़ा खुद का भी ख्याल रखें.

अपना ख्याल रखें

उन एक्टिविटी के लिए समय निकालें जिसे करने से आपको खुशी, आराम और तरोताजा महसूस हो. अपनी इच्छा के मुताबिक म्यूजिक, डांस या फिर जो भी काम आपको पसंद है. उसके लिए समय निकालें. साथ ही अपने सेहत का ख्याल रखने के लिए हेल्दी डाइट लें, मेडिटेशन करें और दिन में 20 से 30 मिनट ही सही, लेकिन एक्सरसाइज जरूर करें.

मदद लें

अगर आपको किसी काम को करने में तकलीफ हो रही है, तो घर के किसी सदस्य से मदद मांगने में बिल्कुल भी न हिचकिचाएं. आप अपने पति, बच्चों या परिवार में किसी से भी मदद लें सकती हैं या फिर अगर काम ज्यादा जरूरी नहीं है तो उसे कल पर टाल सकती हैं. साथ ही रोजाना के अपने काम को परिवार के सदस्यों के साथ बाटें, इससे आपको बहुत मदद मिल सकती है.

समय निकालें

ऑफिस और घर के काम के बीच अपने लिए समय निकाल पाना मुश्किल हो जाता है. लेकिन कोशिश करें की थोड़ा समय अपने आप को जरूर दें. अगर वर्किंग डे में आपके समय नहीं मिल पा रहा है, तो छुट्टी वाले दिन अपने लिए समय जरूर निकालें और ब्रेक लें. आप इस दिन परिवार या फिर दोस्तों के साथ बाहर घूमने और लंच या डिनर करने भी जा सकती हैं.

नियम बनाएं

अगर आप सच में खुद को खुश रखना चाहती हैं. तो अपने लिए एक नियम बनाएं कि दिन में इस समय खुद के लिए जरूर निकालना है. अपने काम की लिस्ट में मी-टाइम शामिल करें. वैसे तो हर मां को अपने बच्चे के साथ समय बिताने पर खुशी मिलती है. ऐसे में आप और बच्चा दोनों कुछ नया या फिर किसी तरह के एक्टिविटी ट्राई कर सकते हैं. अपने पार्टनर के साथ फिल्म देख सकती हैं. लेकिन बस ध्यान रखें की मी-टाइन आपको रिफ्रेश होने का मौका देता है. तो आपको ये सब एक्टिविटी बोझ न लगें.बल्कि आप इसे एंजॉय करें.

जरूरतों को समझें

सबसे पहले को महिलाओं को अपनी जरूरतों को समझना बहुत जरूरी है. उन्हें किस काम को करने से खुशी मिलती है और उनके सेहत के लिए क्या सही है, ये उन्हें समझना चाहिए.

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