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मोहिनी एकादशी व्रत आज,महिलाएं न करें ये गलतियां


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नई दिल्ली – मोहिनी एकादशी व्रत के दिन व्रती को रात्रि जागरण कर जगत के पालनहार की उपासना करनी चाहिए और फिर अगले दिन द्वादशी पर पूरे विधि विधान के साथ व्रत का पारण करना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार एकादशी व्रत खोलने के कई नियम है, इनका पालन न करने वालों को व्रत का फल नहीं मिलता. आइए जानते हैं मोहिनी एकादशी व्रत पारण समय, नियम।

एकादशी की पावन तिथि भगवान श्री हरि विष्णु की आराधना और उनके प्रति समर्पण के भाव को दर्शाती है। ऐसे में इस दिन अपने आचार और व्यवहार शुद्ध रखना चाहिए। साथ ही संयम और सात्विक आचरण का पालन करना चाहिए।एकादशी के दिन किसी को कटु शब्द न कहें। साथ ही इस दिन किसी से लड़ाई-झगड़ा भी नहीं करना चाहिए।

एकादशी व्रत तोड़ने के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रातःकाल होता है, व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को मध्याह्न के दौरान व्रत तोड़ने से बचना चाहिए। द्वादशी तिथि पर सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त में व्रत खोलें. हरि वासर के दौरान भूलकर भी व्रत पारण न करें नहीं तो पूजा और व्रत निष्फल हो जाएंगे। हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि है. साथ ही व्रत पारण में बैंगन, लहसून, प्याज, मसूर की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए।

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