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नीरव मोदी केस : नीरव मोदी को लाया जाएगा भारत,ब्रिटेन की कोर्ट ने खारिज की याचिका


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नई दिल्ली – पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) कर्ज घोटाले के मामले में करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी करने और काले धन को सफेद बनाने के आरोपों का सामना करने के लिए हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दे दिया है। न्यायाधीश जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और न्यायाधीश रॉबर्ट जे ने ये फैसला सुनाया।

भगोड़े हीरा कारोबारी (51) के पास ब्रिटेन और यूरोप की अदालतों में आगे अपील दाखिल करने का विकल्प है और भारत में मुकदमे के लिए उसे वापस लाने की प्रक्रिया बहुत तेज होने की संभावना नहीं लगती। फैसले में इस बात को भी स्वीकार किया गया है कि भारत सरकार अपने आश्वासनों को उचित गंभीरता से लेगी। इस तथ्य से भी यह बात पुष्ट होती है कि यह नामचीन मामला है इसलिए 51 वर्षीय नीरव को हर समय कड़ी सुरक्षा मिलनी चाहिए जो मार्च 2019 में अपनी गिरफ्तारी के बाद से दक्षिण-पश्चिम लंदन में वैंड्सवर्थ जेल में बंद है।

29 जनवरी, 2018- पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और अन्य के खिलाफ 2.81 अरब डॉलर की धोखाधड़ी के संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। 5 फरवरी 2018- केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने घोटाले की जांच शुरू की। 16 फरवरी 2018- प्रवर्तन निदेशालय ने नीरव मोदी के आवास और कार्यालयों से करोड़ों रुपये मूल्य के हीरा, सोना और जेवरात की जब्ती की। 17 फरवरी 2018- सीबीआई ने मामले में पहली गिरफ्तारी की। पीएनबी के दो कर्मचारियों और नीरव मोदी समूह के अधिकारी को हिरासत में लिया गया।

12 अक्टूबर, 2022- लंदन उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि भारत एक मित्र देश है और ब्रिटेन को भारत सरकार के इन आश्वासनों में खामियां नहीं ढूंढनी चाहिए कि धोखाधड़ी और धनशोधन से संबंधित मुकदमे के दौरान हीरा कारोबारी नीरव मोदी को मुंबई की आर्थर रोड जेल में पर्याप्त चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाएगी।09 नवंबर, 2022- ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों का सामना करने के लिए नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है।

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