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राजनीति

MP में हार के बाद कांग्रेस का बड़ा फैसला, जीतू पटवारी को बनाया MP का प्रदेश अध्यक्ष


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नई दिल्लीः मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हार के बाद कांग्रेस ने संगठन में बड़ा बदलाव किया है. पार्टी ने एमपी कांग्रेस अध्यक्ष पद से कमलनाथ को हटाकर ओबीसी नेता जीतू पटवारी को नया अध्यक्ष नियुक्त किया है. वहीं उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष और हेमंत कटारे को उप नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी है. इससे पहले गोविंद सिंह नेता प्रतिपक्ष थे.

जीतू पटवारी को मिला फायदा

पटवारी और उमंग दोनों ही कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के विरोधी खेमे के माने जाते हैं. मध्य प्रदेश चुनाव में हार के बाद से ही चर्चा थी की पार्टी बड़ा बदलाव करेगी.पूर्व मंत्री और राहुल गांधी के नजदीकी माने जाने वाले जीतू पटवारी को मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया है। वे कमलनाथ की जगह लेंगे। वहीं सदन में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका अब आदिवासी नेता और विधायक उमंग सिंघार संभालेंगे। जीतू पटवारी को आलाकमान और दिग्विजय सिंह के करीब होने का फायदा मिला।

कमलनाथ की जगह अब कमान जीतू पटवारी को सौंपी गई

कांग्रेस पार्टी ने नई नियुक्तियां के जरिए जातीय संतुलन साधने की कोशिश भी की है। पटवारी इंदौर के राउ सीट से विधायक रह चुके है। वे इस बार भाजपा के मधु वर्मा से चुनाव हार गए है। पटवारी अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी से आते है। कांग्रेस की यह नियुक्ति भाजपा के नए मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की काट के रूप में देखी जा रही है। क्योंकि यादव भी ओबीसी वर्ग से आते है। पटवारी राहुल गांधी के करीबी माने जाते है। वह कमलनाथ सरकार में मंत्री भी रह चुके है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में ओबीसी मतदाता को साधने के लिए यह नया प्रयोग किया है।बता दें कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की करारी हार के बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव की बात कही जा रही थी। अब कांग्रेस में बड़ा फेरबदल हुआ है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे कमलनाथ की जगह अब कमान जीतू पटवारी को सौंपी गई है। बता दें, जीतू पटवारी विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। उन्हें राऊ विधानसभा से भाजपा के मधु वर्मा ने हराया था।

जीतू पटवारी और उमंग सिंघार

उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। उनका नाम काफी समय से चर्चा में था। उन्हें जिम्मेदारी देकर कांग्रेस ने आदिवासियों को भी साधा है। वहीं हेमंत कटारे को उप नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। बता दें कि इन नियुक्तियों से पता चलता है कि कांग्रेस का अब भी मालवा निमाड़ पर फोकस है। जीतू पटवारी और उमंग सिंघार दोनों यहीं से आते हैं। गौरतलब है कि भाजपा ने भी मालवा के उज्जैन से मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया है। उसके जवाब में कांग्रेस ने भी मालवा से ही युवा नेता जीतू पटवारी को कमान सौंपी। वहीं उमंग सिंघार के जरिए आदिवासियों को साधा है। वहीं, हेमंत कटारे ब्राह्मण वर्ग से आते हैं।

जीतू पटवारी एग्रेसिव राजनीति करते हैं

प्रदेश के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि,पटवारी की छवि मध्यप्रदेश में तेज तर्रार नेता की है। संगठन की पसंद पटवारी गुटबाजी से दूर रहते हैं।भाजपा अक्सर युवाओं को मौका देती है। ऐसे में कांग्रेस ने इस नियुक्ति की जरिए यह संदेश देने की कोशिश की है कि कांग्रेस में भी युवाओं को मौका मिल सकता है। कांग्रेस पटवारी को जिम्मेदारी देकर यह संदेश देने की कोशिश कर रही है वंशवाद की राजनीति से अलग युवाओं को मौका दे रहे हैं।कांग्रेस ने कमलनाथ को 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था। कमलनाथ के नेतृत्व में दो बार चुनाव लड़ा गया लेकिन एक बार हार और एक बार जीत मिली। कांग्रेस को एमपी के लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था। कमलनाथ की राजनीति एग्रेसिव नहीं है। जबकि जीतू पटवारी एग्रेसिव राजनीति करते हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव को फोकस करते हुए उन्हें जिम्मेदारी दी गई है।

कमलनाथ ने दी बधाई

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पार्टी की ओर से किए गए बदलावों पर प्रतिक्रिया देते हुए बधाई दी है. उन्होंने अपने आधिकारिक X हैंडल पर लिखा, ”श्री जीतू पटवारी को मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष, श्री उमंग सिंघार को कांग्रेस विधायक दल का नेता एवं श्री हेमंत कटारे को उपनेता मनोनीत किए जाने पर हार्दिक शुभकामनाएं.”

जीतू पटवारी को करना पड़ा था हार का सामना

बता दें कि जीतू पटवारी को मध्य प्रदेश की राउ विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें बीजेपी के मधु वर्मा ने 35 हजार से अधिक वोटों से मात दी थी. इस सीट से 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में पटवारी ने जीत दर्ज की थी.मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से बीजेपी को 163 सीटों पर जीत मिली और पार्टी ने मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया है. इस चुनाव में कांग्रेस मात्र 66 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी.वहीं, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा. यहां पांच साल तक सत्ता में रही पार्टी को 90 सीटों में से 35 सीटें मिली. वहीं बीजेपी ने 54 सीटों पर जीत दर्ज की. पार्टी ने विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री बनाया है.दोनों ही राज्यों में हार के बाद दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने समीक्षा बैठक बुलाई थी. इस बैठक के बाद से ही संगठन में बदलाव की अटकलें लगाई जा रही थी. सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में भी पार्टी इसी तरह का बदलाव कर सकती है. आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के भीतर यह बदलाव अहम माना जा रहा है.

कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में चरणदास महंत को विधायक दल का नियुक्त किया

कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में चरणदास महंत को विधायक दल का नियुक्त किया है. वह पिछली विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष थे. वेणुगोपाल के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज को पद पर बनाए रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. हाल ही में हुए इन दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा.

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