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भारत

पीएम मोदी ने चुनावी बॉन्ड और काले धन पर विपक्ष को घेरा


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नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में चुनावी बॉन्ड योजना को लेकर विपक्षियों पर जमकर निशाना साधा था। अब उनकी टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बुधवार को आरोप लगाया कि यह योजना सबसे संस्थागत भ्रष्टाचार है, जिसे लोकतंत्र में अंजाम दिया जा सकता है।

विपक्ष के एजेंसियों और ईवीएम को लेकर किए सवालों पर क्या बोले पीएम?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले ईवीएम और एजेंसियों को लेकर सवाल पूछा गया। इस पर पीएम ने कहा कि ‘वास्तव में, वे अपनी हार का कारण खोजने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि हार का दोष सीधे तौर पर उन पर न डाला जाए।’

पीएम ने ईडी की तारीफ की

पीएम ने ईडी के काम की तारीफ करते हुए कहा कि ईडी ने ज्यादातर जो केस रजिस्टर किए हैं, वह उन लोगों के खिलाफ हैं, जिनका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि ईमानदार आदमी को कोई डर नहीं होता है। लेकिन जो लोग भ्रष्टाचार में शामिल हैं, उन्हें पाप का डर है।पीएम ने कहा कि कोई मुझे नहीं बताता कि कितने विपक्ष के नेता जेल में हैं। जब मैं सीएम था तो उन लोगों ने मेरे होम मिनिस्टर को जेल में डाल दिया था। देश को समझना चाहिए कि राजनीतिक दलों के नेता ईडी केसों में महज 3 फीसदी ही शामिल हैं। 97 फीसदी केस ऐसे लोगों के खिलाफ हैं, जो राजनीति से वास्ता नहीं रखते।

राहुल गांधी एक गंभीर नेता

उन्होंने आगे कहा, ‘चुनावी बॉन्ड योजना सबसे संस्थागत भ्रष्टाचार है, जिसे लोकतंत्र में अंजाम दिया जा सकता है। मैं शुक्रगुजार हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।’ इसके अलावा, तिवारी ने जोर देकर कहा कि राहुल गांधी एक बहुत ही गंभीर नेता हैं और भाजपा उन्हें नियमित रूप से निशाना बनाती है क्योंकि वे उनसे डरते हैं।

इलेक्टोरल बॉन्ड्स सरकार का था शुद्ध विचार

मोदी ने कहा, “हमारे देश में लंबे समय से चर्चा चल रही है कि काले धन के जरिए चुनावों में एक खतरनाक खेल होता है।देश के चुनावों में काले धन का खेल खत्म हो, यह चर्चा लंबे समय से चल रही है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “बेशक चुनाव में भारी मात्रा में पैसा खर्च होता है।मेरी पार्टी भी चुनाव में पैसे खर्च करती है।सभी पार्टियां और सभी उम्मीदवार पैसे खर्च करते हैं।पैसा चंदे के तौर पर लोगों से लेना पड़ता है।मैं चाहता था कि हम कुछ ऐसा करें, जिससे हमारा चुनाव में काले धन का इस्तेमाल न हो पाए। मेरे मन में एक शुद्ध विचार था।हम एक छोटा सा रास्ता ढूंढ रहे थे।हमने कभी यह दावा नहीं किया कि यह बिल्कुल सही रास्ता है।

प्राण जाए पर वचन ना जाए: पीएम

पीएम ने कहा कि मुझे लगता है कि राजनीतिक नेतृत्व संदिग्ध होता जा रहा है। ऐसी स्थिति में, हमें याद रखना चाहिए कि हमारे पास ‘प्राण जाए पर वचन न जाए’ की परंपरा है। मेरा मानना ​​है कि राजनेताओं को ऐसा करना चाहिए कि वह खुद स्वामित्व लें, उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मैं जो कहता हूं, वह मेरी जिम्मेदारी है और मैंने इसकी गारंटी भी दी है और मैं अनुच्छेद 370 का मामला लेता हूं, यह हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता रही है। मैंने साहस दिखाया और 370 को हटा दिया। और आज जम्मू-कश्मीर का भाग्य बदल गया है।

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