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तमिलनाडु का बृहदेश्वर मंदिर जिस पर नहीं पड़ती परछाई

नई दिल्ली – तमिलनाडु के एक रहस्यमयी मंदिर के बारे में बताया। यूं तो तमिलनाडु में कई मंदिर हैं। बृहदेश्वर मंदिर भी तमिलनाडु के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यह मंदिर तमिलनाडु के तंजौर में स्थित है। इस मंदिर से जुड़े कई कारण हैं जिन्हें जानने और देखने के लिए यहां जरूर आना चाहिए। इस मंदिर से जुड़ा एक सबसे बड़ा रहस्य है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। यह रहस्य कुछ ऐसा है जिसे आप तभी अनुभव कर सकते हैं जब आप इस मंदिर में जाएंगे।

बृहदेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण चोल सम्राट राजराज प्रथम की देखरेख में हुआ था। यह मंदिर चोल वंश की स्थापत्य प्रतिभा को दर्शाता है। इस मंदिर के निर्माण में वास्तुकला के साथ-साथ उन्नत इंजीनियरिंग समेत कई बातों का ध्यान रखा गया है। हालाँकि, इस मंदिर के बारे में एक बात ऐसी है जो रहस्यमयी है और इसके बारे में आज तक कोई नहीं जान पाया है।

यह मंदिर ऐसा है जिसकी छाया कभी भी जमीन पर नहीं पड़ती। मंदिर सहित कोई भी संरचना दिन के किसी न किसी हिस्से में अपनी छाया डालती है। लेकिन दोपहर के समय जब सूरज की तपिश तेज होती है तब भी इस मंदिर की परछाई जमीन पर नहीं पड़ती है। वैज्ञानिकों के लिए भी यह रहस्य आज भी रहस्य ही है। यह मंदिर दुनिया के सबसे ऊंचे मंदिरों में से एक है, फिर भी दोपहर के समय इसकी छाया जमीन पर नहीं पड़ती। इस मंदिर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इस पर किसी की छाया नहीं पड़ती।

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