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लालकृष्ण आडवाणी को मिलेगा भारत रत्न सम्मान,वाजपेयी-देशमुख के बाद यह सम्मान पाने वाले तीसरे भाजपा नेता


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नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेता लाल कृष्‍ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) को सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान ‘भारत रत्‍न’ (Bharat Ratna) से सम्‍मानित करने का ऐलान किया है. कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल के क्षेत्र में देश के लिए असाधारण योगदान देने वाले लोगों को ‘भारत रत्‍न’ से नवाजा जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आडवाणी को सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान ‘भारत रत्‍न’ दिये जाने पर खुशी जाहिर की है.लालकृष्‍ण आडवाणी 5 बार लोकसभा और 4 बार राज्‍यसभा से सांसद रहे हैं. 3 बार भारतीय जनता पार्टी के अध्‍यक्ष भी रहे चुके हैं लालकृष्‍ण आडवाणी. 2002 से 2004 तक वह देश के उपप्रधानमंत्री भी रहे हैं.

पीएम मोदी ने ट्वीट करके दी बधाई

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर सोशल मीडिया पोस्‍ट में लिखा, “मुझे यह बताते हुए बेहद हर्ष हो रहा है कि श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. मैंने उनसे बात की और इस सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दी. हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक, भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है. उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर हमारे उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है. उन्होंने हमारे गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई. उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं.”

पाकिस्तान के कराची में जन्म

लालकृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर, 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम किशनचंद आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी देवी है। उनके पिता पेशे से एक उद्यमी थे। शुरुआती शिक्षा उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल से ग्रहण की थी। इसके बाद वह हैदराबाद, सिंध के डीजी नेशनल स्कूल में दाखिला लिया।2015 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्‍मानित किया गया था. 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 7वें उप-प्रधानमंत्री रहे. वह भाजपा के फाउंडर मेंबर्स में शामिल हैं. आडवाणी के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में हुई थी. यहां से उन्‍होंने देश के उपप्रधानमंत्री तक का सफर तय किया.

मोदी ने कहा- देश के विकास के लिए उनका योगदान कोई भूल नहीं सकता

PM ने लिखा, ‘वे हमारे समय के सबसे सम्मानित स्टेट्समैन हैं। देश के विकास के लिए उनका योगदान कोई भूल नहीं सकता। उन्होंने जमीनी स्तर से काम शुरू किया था और वे देश के उपप्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। वे देश के गृहमंत्री और सूचना-प्रसारण मंत्री भी रहे।उनकी संसदीय कार्यशैली हमेशा अनुकरणीय रहेगी।’ ‘सार्वजनिक जीवन में आडवाणी जी दशकों तक पारदर्शिता और अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्ध रहे। उन्होंने राजनीतिक नैतिकता में एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया है। उन्होंने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अभूतपूर्व प्रयास किए हैं।उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है। मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानूंगा कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनसे सीखने के अनगिनत मौके मिले।’

विभाजन के समय मुंबई आ गए

1947 में आडवाणी देश के आजाद होने का जश्न भी नहीं मना सके क्योंकि आजादी के महज कुछ घंटों में ही उन्हें अपने घर को छोड़कर भारत रवाना होना पड़ा। विभाजन के समय उनका परिवार पाकिस्तान छोड़कर मुंबई आकर बस गया। यहां उन्होंने लॉ कॉलेज ऑफ द बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। उनकी पत्नी का नाम कमला आडवाणी है। उनके बेटे का नाम जयंत आडवाणी और बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है।

आडवाणी ने संस्कृत का मंत्र सुनाया और वाजपेयी को याद किया

आडवाणी ने भारत रत्न मिलने पर कहा- मैं अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ भारत रत्न स्वीकार करता हूं जो आज मुझे प्रदान किया गया है। यह न सिर्फ एक व्यक्ति के रूप में मेरे लिए सम्मान की बात है, बल्कि उन आदर्शों और सिद्धांतों के लिए भी सम्मान है, जिनकी मैंने अपनी पूरी क्षमता से जीवन भर सेवा करने की कोशिश की।आडवाणी ने कहा- जब से मैं 14 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप में शामिल हुआ, तब से मैंने केवल एक ही कामना की है। जीवन में मुझे जो भी कार्य सौंपा गया है, उसमें अपने देश की समर्पित और निस्वार्थ सेवा की। जिस चीज ने मेरे जीवन को प्रेरित किया है वह आदर्श वाक्य है ‘इदं न मम’ ─ ‘यह जीवन मेरा नहीं है, मेरा जीवन मेरे राष्ट्र के लिए है।’उन्होंने कहा, आज मैं उन दो व्यक्तियों को कृतज्ञतापूर्वक याद करता हूं जिनके साथ मुझे करीब से काम करने का सम्मान मिला – पंडित दीनदयाल उपाध्याय और भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी।आडवाणी ने सम्मान के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी को भी धन्यवाद दिया। साथ ही भाजपा संघ और दिवंगत पत्नी कमला आडवाणी को भी याद किया।

2015 में आडवाणी को पद्म विभूषण सम्मान मिला

2015 में आडवाणी को देश के दूसरे सबसे नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसी साल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न दिया गया था। तब के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी खुद उनके घर गए थे और उन्हें यह सम्मान दिया।वाजपेयी तब 90 साल के थे और अस्वस्थ थें। मुखर्जी ने प्रोटोकोल से हट कर पूर्व प्रधानमंत्री के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित निवास पर जाकर उन्हें भारत रत्न दिया। वाजपेयी के अलावा इसी साल महामना मदन मोहन मालवीय को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया था। 2019 में प्रणब मुखर्जी को भी भारत रत्न से सम्मानित किया।

भाजपा के फाउंडर मेंबर्स, 7वें उपप्रधानमंत्री रहे

आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची में हुआ था।2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 7वें उपप्रधानमंत्री रहे। इससे पहले 1998 से 2004 के बीच NDA सरकार में गृहमंत्री रहे। वे भाजपा के फाउंडर मेंबर्स में शामिल हैं।

सबसे ज्यादा समय तक भाजपा में अध्यक्ष रहे

आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। कई वर्षों तक आडवाणी राजस्थान में आरएसएस प्रचारक के काम में लगे रहे। वह उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी।1980 से 1990 के बीच आडवाणी ने भाजपा को एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाने के लिए काम किया। लालकृष्ण आडवाणी तीन बार (1986 से 1990, 1993 से 1998 और 2004 से 2005) भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। 1984 में महज दो सीटें हासिल करने वाली पार्टी को अगले लोकसभा चुनावों में 86 सीटें मिलीं। पार्टी की स्थिति 1992 में 121 सीटों और 1996 में 161 पर पहुंच गई। आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस सत्ता से बाहर थी और भाजपा सबसे अधिक संख्या वाली पार्टी बनकर उभरी थी।

अटल सरकार में उप-प्रधानमंत्री

वह 1998 से 2004 के बीच भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में गृहमंत्री रह चुके हैं। लालकृष्ण आडवाणी 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के सातवें उप प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं। 10वीं और 14वीं लोकसभा के दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता की भूमिका बखूबी निभाई है। 2015 नें उन्हें भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

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