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राजनीति

ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका,संदेशखाली मामले में तुरंत सुनवाई से इनकार


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नई दिल्लीः संदेशखाली मामले में पश्चिम बंगाल की ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी. अब इस मामले में उसे सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को झटका लगा है. फिलहाल इस मामले पर पश्चिम बंगाल सरकार को राहत नहीं मिली है. सुनवाई का समय अभी तय नहीं किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सुनवाई कब हो, ये CJI तय करेंगे.

ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका

प्राप्त जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की याचिका पर सुनवाई का समय देने से इनकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सुनवाई कब हो, ये CJI तय करेंगे. बता दें कि शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंपे जाने के हाईकोर्ट खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मे पश्चिम बंगाल सरकार ने की जल्द सुनवाई की मांग की थी.

सुप्रीम कोर्ट ने ममता को उल्टे पांव लौटा दिया

संदेशखाली मामले को लेकर पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. ममता सरकार टॉप कोर्ट के पास जल्द सुनवाई के लिए पहुंची थी पर सुप्रीम कोर्ट ने उसे उल्टे पांव लौटा दिया. बुधवार (6 मार्च, 2024) को सुप्रीम कोर्ट ने केस में तुरंत सुनवाई करने से साफ इनकार कर दिया.

मनु सिंघवी ने जल्द सुनवाई की मांग की

संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हुए हमले से जुड़े मामले को लेकर सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर फिर से जल्द सुनवाई की मांग की थी, जिस पर जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने सुनवाई पर कोई आदेश देने से मना किया. अभिषेक मनु सिंघवी से इस दौरान चीफ जस्टिस के पास जाने को कहा गया.पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जल्द सुनवाई की मांग की. सिंघवी ने कहा कि जल्द सुनवाई की जाए नहीं तो हमें हाईकोर्ट के आदेश के अवमानना का सामना करना होगा. वहीं जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि चीफ जस्टिस से संपर्क करे वो मामले को जल्द लिस्ट करने पर फैसला लेंगे. लंच के समय चीफ जस्टिस तय करेंगे कि कब सुनवाई हो.

कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को ममता सरकार ने दी चुनौती

ममता सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। बता दें कि मंगलवार (5 मार्च) को कलकत्ता हाईकोर्ट ने ईडी टीम पर हमले की जांच को सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए थे।दरअसल, ममता सरकार का कहना है कि एसआईटी इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। सीबीआई को मामला सौंपना बिल्कुल गलत है।

CBI के पास है संदेशखाली मामले की जांच

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को दी है, जबकि टीएमसी से जुड़े आरोपी शाहजहां शेख समेत दूसरे आरोपियों की हिरासत भी सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है. अब तक राज्य पुलिस ने इसका पालन नहीं किया है, जबकि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के संविधान पीठ में होने के चलते यह मामला उनके सामने नहीं रखा जा सका है.

संदेशखाली में चरमरा गई व्यवस्था- NCW

इस बीच, संदेशखाली मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजी है जिसमें राष्ट्रीय महिला आयोग ने बंगाल के हालात का जिक्र किया है और वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है. राष्ट्रपति को भेजी रिपोर्ट में आयोग की ओर से कहा गया कि वहां पर कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है.

“आरोपियों को मिला हुआ है राजनीतिक संरक्षण”

राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट में कहा गया कि पश्चिम बंगाल सरकार वहां महिलाओं और नागरिकों को सुरक्षा नहीं दे पा रही है और कानून व्यवस्था की समस्या है. ऐसे में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है. राज्य सरकार के संरक्षण में अपराध हो रहा है और वहां पर जो आरोपी हैं उनको राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है.

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