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भारत ने किया अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण, एक साथ तबाह हो जाएंगे कई टारगेट


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नई दिल्ली – अग्नि-5 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (Agni-V ICBM) का पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को हुआ था. उसके बाद 15 सितंबर 2013, 31 जनवरी 2015, 26 दिसंबर 2016, 18 जनवरी 2018, 3 जून 2018 और 10 दिसंबर 2018 को सफल परीक्षण हुए. जिसमें पता चला कि यह मिसाइल दुश्मन को बर्बाद करने के लिए बेहतरीन हथियार है. भारतीय सेना ने बुधवार को बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया. इस मिसाइल को एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से बुधवार को लॉन्च किया गया. इस मिसाइल की रेंज 5000 किलोमीटर बताई जा रही है. अग्नि-5 मिसाइल से न्यूक्लियर अटैक किया जा सकता है. इसके साथ ही यह 5000 किलोमीटर की दूरी में अकेले ही एक साथ गई टारगेट को तबाह कर सकता है.

अग्नि-5 मिसाइल शुद्ध रूप से भारत की बनाई हुई इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल यानी ICBM है. जो 5 हजार किलोमीटर दूर तक मार कर सकती है और दुश्मनों के ठिकानों को खाक कर सकती है. अग्नि-5 भारत की पहली और एकमात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है. ये भारत के पास मौजूद लंबी दूरी की मिसाइलों में से एक है. 10 दिसंबर 2018 को मिसाइल का आखिरी टेस्ट किया गया था. खास बात ये है कि इससे पहले मिसाइल के 7 टेस्ट किए जा चुके हैं, सभी सफल रहे हैं. अग्नि- 5 बैलिस्टिक मिसाइल एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम है. ये मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) से लैस है.

डीआरडीओ ने अग्नि सीरीज की जिस मिसाइल को 2008 में डेवलप करना शुरू किया था. उसका सॉलिड फ्यूल टेस्ट पहली बार 2012 में किया गया. उसके बाद 2013, 2015, 2016 और 2018 में हुए हर टेस्ट में इसकी नई ताकत सामने आती रही. अब अग्नि-5 को भी लॉन्‍च कर दिया गया है. इसे 2020 में ही लॉन्‍च करना था. लेकिन कोरोना वायरस महामारी के असर इसपर भी पड़ा था. देशव्‍यापी लॉकडाउन के कारण काफी समय तक मिसाइल का काम रूका रहा.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक अग्नि फाइव को डेवलप करने का आधार अग्नि 3 है. जिसमें पहले और दूसरे स्टेज के मोटर एक जैसे ही लगे हैं. लेकिन अग्नि फाइव में तीसरे स्टेज का मोटर बदल गया है. जिसने इसे बाकी मिसाइलों से अलग बना दिया है. यहां तक कि इसे रोड मोबाइल लांचर से भी लांच किया जा सकता है. जिससे तत्काल हमला करना मुमकिन है. इसकी लंबाई 17.5 मीटर, 2 मीटर की परिधि, 50000 किलोग्राम लॉन्च वेट और 1550 किलोग्राम पेलोड वाले इस ब्रह्मास्त्र को एंटी बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम से भी इंटरसेप्ट कर पाना मुश्किल है.

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