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भारतराजनीति

यूपी में सबसे बड़ा उलटफेर : इंडिया गठबंधन ने भाजपा को दिया जोर का झटका ,दिखा दो लड़कों का जादू

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में बढ़त बनाए हुए हैं. हालांकि, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे पीछे हैं. प्रधानमंत्री मोदी के अलावा, राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश से 11 केंद्रीय मंत्री चुनावी मैदान में हैं. यहां लोकसभा की 80 सीट हैं. आज सुबह आठ बजे शुरू हुई मतगणना के रुझानों में फिलहाल I.N.D.I.A गठबंधन आगे चल रहा है.

भारतीय जनता पार्टी को तगड़ा झटक लगा

लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में मतगणना जारी है. इस बीच रुझानों में भारतीय जनता पार्टी को तगड़ा झटक लगा है. यहां समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के अलायंस ने भारतीय जनता पार्टी को पछाड़ दिया है. ताजा रुझानों में बीजेपी यूपी में 36 और इंडिया अलायंस 43 सीटों पर आगे है. इसमें से सात सीटें कांग्रेस की हैं. वहीं राष्ट्रीय लोकदल अपनी दोनों सीटों बागपत और बिजनौर में आगे है.कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रायबरेली सीट पर बढ़त बनाई हुई है.अखिलेश यादव भी अपनी सीट कन्नौज पर आगे चल रहे हैं. इलाहाबाद सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी भी अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के उज्ज्वल रमण सिंह से आगे हैं.

उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं

उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं. इस बार कुल 851 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी ने राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से 75 पर चुनाव लड़ा है. जबकि गठबंधन सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज (सुरक्षित) सीट, सुभासपा ने घोसी और रालोद ने बिजनौर और बागपत से चुनाव लड़ा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Varanasi Election Result 2024) ने प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ा हैं. जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी प्रदेश की रायबरेली सीट (Raebareli Election Result 2024) से उम्मीदवार हैं. सपा प्रमुख अखिलेश ने कन्नौज से चुनाव लड़ा है.

रुझानों में कौन किस सीट पर आगे?

कांग्रेस जिन सात सीटों पर आगे है उसमें सहारनपुर, अमरोहा, सीतापुर, रायबरेली, अमेठी, इलाहाबाद और बाराबंरी शामिल है. वहीं सपा जिन सीटों पर आगे है उसमें कैराना, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, रामपुर, मेरठ, अलीगढ़, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, खीरी, धौरहरा, मोहनलालगंज, सुल्तानपुर प्रतापगढ़, इटावा शामिल है. इसके अलावा कन्नौज, जालौन, बांदा, कौशांबी, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, बस्ती, संतकबीरनगर, लालगंज, आजमगढ़ पर भी सपा आगे है.

इन सीटों पर बीजेपी आगे

12.26 बजे तक बीजेपी संभल, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, हाथरस, मथुरा, आगरा, फतेहपुर सीकरी, बदायूं, आंवला, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, हरदोई पर आगे है.रुझानों में यूपी में सपा को 32.87 फीसदी वोट, बसपा को 9.16 फीसदी वोट, कांग्रेस को 10.40 फीसदी वोट और बीजेपी को 41.53 फीसदी वोट मिले हैं. रुझानों में सपा 37, बीजेपी 32, कांग्रेस 8, रालोद 2 और एक सीट पर चंद्रशेखर आजाद आगे हैं.

रुझानों में इंडिया गठबंधन आगे

यूपी में मतदान जारी है. सपा की साइकिल दौड़ लगा रही है. तो वहीं बीजेपी पीछे दिख रही है. चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने दावा किया था कि बीजेपी यूपी की 80 सीटों पर जीत दर्ज करेगी, हालांकि ऐसा बिल्कुल नहीं दिख रहा है. सपा और कांग्रेस गठबंधन की जोड़ी यूपी में फिलहाल बढ़त बनाई हुई है. तीन बजे तक के रुझानों की बात करें तो इंडिया गठबंधन 43 सीटों के साथ आगे चल रही है तो वहीं एनडीए 36 सीटों पर आगे हैं.

यूपी में बीजेपी को बड़ा झटका

दोपहर 2 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, सबसे बड़ा सियासी उलटफेर यूपी में दिख रहा है, जहां पर सपा और कांग्रेस वाले I.N.D.I.A गठबंधन ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। सपा 37, कांग्रेस सात सीटों पर आगे चल रही है, जबकि बीजेपी को बंपर नुकसान होते हुए महज 33 सीटों पर ही बढ़त हासिल है। बड़ी संख्या में सीटें घटने की वजह से बीजेपी 272 का बहुमत का आंकड़ा भी पार करती नहीं दिख रही। हालांकि, एनडीए गठबंधन जरूर सरकार बनाता दिख रहा है। यूपी में बीजेपी के बड़े सियासी उलटफेर के पीछे कई वजहें दिखाई दे रही हैं। आम चुनाव के दौरान सपा और कांग्रेस ने जिस तरह से संविधान, आरक्षण, बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाए, नतीजों से साफ लग रहा है कि जमीन पर यह सब काम कर गया। वहीं, बीजेपी जिस राम मंदिर मुद्दे के सहारे देशभर में 400 पार की उम्मीद लगाए बैठी थी, वो यूपी में भी काम नहीं कर सका।

पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी को बड़ा नुकसान

पश्चिम बंगाल की सभी 42 सीटों के रूझान आ गए हैं। चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक रूझानों में राज्य में सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस 31, बीजेपी 10, कांग्रेस एक सीट पर आगे चल रही है। ये रूझान बताते हैं कि तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में अपनी जड़े और गहरी की हैं। वहीं राज्य में बीजेपी ने कानून व्यवस्था और संदेशखाली का मुद्दा उठाया था। इसे जनता नकारती हुई दिख रही है। इस बार पश्चिम बंगाल में इस बार कुल 495 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। इस बार के चुनाव में प्रदेश में करीब 6.03 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।

खासकर यूपी में क्यों हुआ बीजेपी को नुकसान?

यूपी में भाजपा के सपनों पर पानी फेरने का सबसे बड़ा काम समाजवादी पार्टी (सपा) ने किया है। हालांकि, अभी काउंटिंग चल रही है इसलिए नतीजों को लेकर ज्यादा कुछ कहना सही नहीं होगा। दोपहर 2 बजे तक आए रूझानों के मुताबिक, अभी तक जो स्थिति दिख रही है उससे यही लगता है कि बीजेपी को बहुत बड़ा नुकसान होता दिख रहा है, न केवल 400 का सपना टूटता दिख रहा है, बल्कि सरकार बनाने के लिए एनडीए लड़ाई लड़ती हुई नजर आ रही है।

यूपी में दिखा दो लड़कों का जादू

उत्तर प्रदेश में दो लड़कों की जोड़ी ने बीजेपी का सामना करने के लिए साथ आना तय किया, और फिर सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश के साथ ही अखिलेश यादव की पीडीए (PDA) यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक की रणनीति काम कर गई. बीजेपी के लगातार स्वार्थ का गठबंधन के आरोप के बावजूद सपा और कांग्रेस ने सकारात्मक मुद्दों के साथ चुनाव प्रचार किया और लोगों के बीच उन मुद्दों को लेकर विश्वास बनाने में सफल रहे.

यूपी में 75 सीटों पर लड़ी थी बीजेपी

बीजेपी ने इस बार राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से 75 पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, जबकि गठबंधन सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज (सुरक्षित) सीट, सुभासपा ने घोसी और आरएलडी ने बिजनौर और बागपत से चुनाव लड़ा था. INDIA गठबंधन में शामिल कांग्रेस और सपा ने यूपी में साथ मिलकर चुनाव लड़ा. कांग्रेस ने 17 सीटों पर कैंडिडेट उतारे थे, तो वहीं बाकी सीटों पर सपा ने अपने उम्मीदवार खड़े किए थे.

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