नई दिल्लीः भोजपुरी गायक पवन सिंह ने ऐलान किया है कि वह बिहार के काराकाट से चुनाव लड़ेंगे. पवन सिंह ने ट्वीट किया है कि माता गुरुतरा भूमेरू अर्थात माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती हैं और मैंने अपनी मां से वादा किया था कि मैं इस बार चुनाव लड़ूंगा. मैंने निश्चय किया है कि मैं 2024 का लोकसभा चुनाव काराकाट, बिहार से लड़ूंगा. जय माता दी. बता दें कि बीजेपी ने पवन सिंह को आसनसोल से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. इस सीट से राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने उपेंद्र कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है.
पवन सिंह ने लोकसभा चुनाव लड़ने का किया ऐलान
हालांकि बीजेपी का टिकट ठुकराने के बाद उन्होंने बाद में ट्वीट कर कहा था कि वह चुनाव लड़ेंगे, लेकिन यह साफ नहीं किया था कि वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगे.अब पवन सिंह ने ऐलान कर दिया कि वह पश्चिम बंगाल के आसनसोल की सीट से नहीं, बल्कि बिहार के काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि वह किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे. इस बीच, बीजेपी ने आसनसोल से पवन सिंह की जगह एसएस अहलूवालिया को उम्मीदवार घोषित कर दिया है.
आसनसोल सीट से न लड़ने की कही थी बात
दरअसल, जब भाजपा ने पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से पवन सिंह के नाम का एलान किया था। इसके बाद पवन सिंह ने खुद ही यह सूची सोशल मीडिया पर पोस्ट की। मिठाई खिलाते और भगवान का शुक्रिया अदा करते हुए वीडियो भी डाला गया। लेकिन, 24 घंटे से पहले ही खुद ही पवन सिंह ने कहा कि वह आसनसोल सीट से उम्मीदवार नहीं हो सकते। भोजपुरी अभिनेता-गायक ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के प्रति ‘आभार’ व्यक्त करते हुए यह घोषणा कर दी। इधर, जैसे ही पवन सिंह ने यह बातें कहीं उसके बाद ही तृणमूल के महसाचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने सोशल मीडिया पर भाजपा के खिलाफ सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल दिया। उन्होंने इसे पश्चिम बंगाल के लोगों की ‘अदम्य इच्छाशक्ति और शक्ति’ बताते हुए इसकी सराहना की।
आरा से चुनाव लड़ना चाहते थे पवन सिंह?
सूत्रों के मुताबिक पवन सिंह भले ही आसनसोल से टिकट मिलने से खुश थे, लेकिन उनकी पहली पसंद आरा थी। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, एक बार इस संबंध में पवन सिंह भाजपा के एक वरिष्ठ नेता से भी मिले थे। ताकि उनको आरा से टिकट मिल जाए, लेकिन भाजपा ने आरा से उनको टिकट नहीं दिया। आसनसोल के भाजपा नेताओं ने उनके इस निर्णय पर बयान जारी नहीं किया था। हालांकि, एक दिन बाद ही पवन सिंह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे। इसके बाद उन्होंने कहा था कि जो भी होगा सब ठीक होगा। लेकिन, भाजपा ने आरा सीट से केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को फिर से टिकट दे दिया। अब जब भाजपा ने आसनसोल का टिकट भी दूसरे को दे दिया तो पवन सिंह ने एलान के मुताबिक बिहार की काराकाट सीट से उतरने की घोषणा कर दी।
बिहार के काराकाट से चुनाव लड़ेंगे पवन सिंह
बता दें कि काराकाट लोकसभा सीट पर फिलहाल जदयू के महाबली कुशवाहा सांसद हैं. उन्होंने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में आरएलएसपी के उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा को पराजित कर जीत हासिल की थी.2014 के लोकसभा चुनाव में आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा ने यह सीट जीती थी. उन्हें 3,38,892 वोट मिले थे. उन्होंने आरजेडी के कांति सिंह को पराजित किया था. उन्हें 2,33,651 वोट मिले थे, जबकि जदयू के महाबली सिंह को मात्र 76709 वोट मिले थे.
क्या लिखा पवन सिंह ने, यह भी पढ़ें
पवन सिंह ने पार्टी की जानकारी नहीं शेयर की, लेकिन सोशल मीडिया पर यह जरूर लिखा है- “माता गुरुतरा भूमेरू” अर्थात माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती हैं और मैंने अपनी माँ से वादा किया था की मैं इस बार चुनाव लड़ूँगा । मैंने निश्चय किया है कि मैं 2024 का लोकसभा चुनाव।
उपेंद्र कुशवाहा से पवन सिंह का होगा मुकाबला
वहीं, लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाकपा माले में राजा राम सिंह कुशवाहा को, राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने उपेंद्र कुशवाहा को और एआईएमआईएम ने प्रियंका चौधरी को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है. एनडीए ने अभी तक इस सीट से अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है.बता दें कि नवादा लोकसभा सीट से लोकगायक गुंजन सिंह भी बीजेपी से टिकट चाह रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं होने पर वह यहां से निर्दलीय ही मैदान में उतर आए हैं। अब पवन सिंह भी बीजेपी से मनचाहा टिकट नहीं मिलने पर मैदान में उतरे हैं। इसके अलावा मनोज तिवारी दिल्ली से, रवि किशन गोरखपुर से दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ यूपी के आजमगढ़ से बीजेपी के प्रत्याशी हैं।