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कल्पना सोरेन पहुंची गिरिडीह झारखंड के गांडेय विधानसभा उपचुनाव का सियासी खेल


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नई दिल्ली – झामुमो नेत्री सह पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन आज गिरिडीह पहुंची. गिरिडीह के उत्सव उपवन में वह गांडेय विधानसभा क्षेत्र के झामुमो पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगी. इस दौरान गांडेय विधानसभा उपचुनाव को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी. संवाद में कल्पना सोरेन के अलावा राज्यसभा सदस्य डॉ सरफराज अहमद, गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू भी मौजूद है.

प्रमुख हेमंत सोरेन जेल में

झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी प्रमुख हेमंत सोरेन जेल में हैं और उनकी जगह अब उनकी पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन चुनावी संग्राम में पार्टी का मोर्चा संभालने खुलकर सामने आ चुकी हैं. वह राज्य की गांडेय विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में झामुमो की प्रत्याशी होंगी. कल्पना सोरेन की सियासत में लॉन्चिंग के लिए झामुमो नेतृत्व गांडेय को सेफ सीट मान रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि यहां उन्हें भाजपा की तरफ की कड़ी चुनौती मिलेगी.कल्पना सोरेन के लिए यह लड़ाई कितनी चुनौतीपूर्ण है, यह पिछले चुनाव के वोटों के हिसाब-किताब और यहां के अब तक के इतिहास पर निगाह डालने से साफ हो जाता है.

गांडेय विधानसभा उपचुनाव 20 मई को

गांडेय विधानसभा उपचुनाव 20 मई को होगा. यह सीट झामुमो विधायक डॉ सरफराज अहमद के इस्तीफा देने के बाद से खाली है. भाजपा ने यहां से दिलीप कुमार वर्मा को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, झामुमो ने अभी तक आधिकारिक रूप से प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. हालांकि, यह स्पष्ट है कि कल्पना सोरेन पार्टी की प्रत्याशी होंगी. इस बीच उनके गिरिडीह आगमन को लेकर राजनीति गरम होने लगी है.बता दें कि हेमंत सोरेन की पत्नी सह झामुमो नेत्री कल्पना सोरेन ने गिरिडीह के हरसिंहरायडीह स्थित उत्सव उपवन में गांडेय विधानसभा उपचुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करेंगी, कल्पना सोरेन के साथ राज्यसभा सांसद डॉ. सरफराज अहमद, गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनु समेत झामुमो के कई पदाधिकारी ओर कार्यकर्ता मौजुद रहेंगे. गांडेय विधानसभा उपचुनाव से कल्पना सोरेन राजनीतिक पारी की शुरुआत कर रही है.

सीट का चुनावी इतिहास

इस सीट पर 1977 से लेकर अब तक का चुनावी इतिहास यह है कि यहां पांच बार झामुमो, दो बार कांग्रेस, दो बार भाजपा और एक बार जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है.यह किसी एक पार्टी का अभेद्य किला नहीं है. झामुमो की चुनावी सफलता की दर सबसे ज्यादा जरूर है, लेकिन भाजपा ने भी हाल के वर्षों में यहां खासा दम दिखाया है और दो बार जीत का परचम भी लहराया है. 2019 के चुनाव में यहां झामुमो के प्रत्याशी डॉ. सरफराज अहमद ने 65 हजार 23 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की थी.दूसरे स्थान पर रहे भाजपा के जयप्रकाश वर्मा को 56 हजार 168 वोट मिले थे। इस प्रकार वह 8,855 वोटों से पिछड़ गए थे.

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