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ये गलसुआ क्या होता है?,केरल में इस बीमारी ने मचाया हड़कंप,एक दिन में 190 केस-जानें


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नई दिल्लीः केरल में इन दिनों एक खतरनाक बीमारी फैल रही है. इस बीमारी का नाम गलसुआ (Mumps) है. राज्य में 10 मार्च (रविवार) को एक ही दिन में 190 मामले सामने आए हैं. केरल स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने वायरल संक्रमण के 2,505 मामले सामने आए हैं और इस साल दो महीने से कुछ अधिक समय में 11,467 मामले सामने आए हैं.

गलसुआ (Mumps) क्या होता है?

गलसुआ को कंठमाला के नाम से भी जाना जाता है। आसान भाषा में समझें तो यह संक्रामक रोग है जो ज्यादातर गाल के नीचे जबड़े के पास स्थित पेरोटिड ग्रंथियों में संक्रमण के फैलने से होता है। इसकी वजह से चेहरा बिगड़ जाता है और गालों और गर्दन में तेज दर्द रहता है। गलसुआ के लक्षण शुरुआत में नजर नहीं आते हैं। धीरे-धीरे इस रोग में कानों के एकदम सामने जबड़े में सूजन दिखाई देती है। ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है, इसलिए गंभीर है।

Galsua की पहचान कैसे होगी?

गले-गर्दन में सूजन, बुखार, सिर दर्द, भूख न लगना, चबाने और निगलने में दिक्कत गलसुआ के कुछ आम लक्षण हैं। गलसुआ के लक्षण टॉन्सिल के लक्षणों से कॉफी मिलते-जुलते हैं। यही कारण है कि पुष्टि के लिए डॉक्टर ब्लड की जांच करते हैं और इसके बाद इलाज करते हैं। जानकार बताते हैं कि गलसुआ को आमतौर पर ठीक होने में 10-12 दिनों का समय लगता है।

किसे लेता है चपेट में?

लक्षण प्रकट होने में दो से चार सप्ताह लगते हैं, जो हल्के बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द और अस्वस्थता से शुरू होते हैं. रोग का सबसे विशिष्ट लक्षण लार ग्रंथियों की सूजन है. यह आमतौर पर छोटे बच्चों को प्रभावित करता है लेकिन किशोर और वयस्क भी इससे संक्रमित हो सकते हैं. अधिकारियों के मुताबिक, ज्यादातर मामले मलप्पुरम जिले और उत्तरी केरल के अन्य हिस्सों से सामने आ रहे हैं.

गलसुआ के भीषण दर्द से कैसे बचें?

गलसुआ के लिए खास इलाज नहीं है। इस रोग में पेरोटिड ग्रंथि में सूजन की वजह से मरीज को बहुत दर्द होता है, जिसे कम करने के लिए दर्द निवारक दवाएं ली जा सकती हैं। इसके अलावा बर्फ या फ्रोजन मटर से सिकाई की जा सकती है। गलसुआ होने पर डॉक्टर खूब सारा पानी पीने की सलाह देते है। गलसुआ में गर्म पानी का गरारा करने से भी दर्द में आराम मिलता है।

गलसुआ के लक्षण

मम्प्स के लक्षण आम तौर पर दो से चार सप्ताह के भीतर दिखाई देते हैं, जो हल्के बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और थकान के साथ शुरू होते हैं।बीमारी का प्रमुख संकेत लार ग्रंथियों का बढ़ना है। हालांकि, यह आमतौर पर छोटे बच्चों में देखा जाता है पर बड़ों में भी ये इंफेक्शन हो सकता है। इसके अलावाइस दौरान शरीर में कई सारे लक्षण देखे जा सकते हैं जैसे-

-लार ग्रंथियों की सूजन जो कि चेहरे, जबड़े और कान के पास नजर आता है।
-मध्यम से तेज बुखार
-हल्के से लेकर गंभीर सिरदर्द
-कान में दर्द
-मांसपेशियों में दर्द और थकान
-भूख की कमी

गलसुआ का इलाज

मम्प्स को कोई विशिष्ट इलाज नहीं है और अधिकांश मामले कुछ हफ्तों में ठीक हो जाते हैं। लेकिन, बचाव का सबसे आसान तरीका ये है कि एमएमआर (mumps measles-rubella-MMR) वैक्सीन जरूर लें। खासकर कि बच्चों को ये टीका जरूर लगवाएं। इसके अलावा किशोरों और वयस्कों को रोग से लगातार प्रतिरक्षित रहने के लिए बूस्टर शॉट्स ले सकते हैं। हालांकि खसरा और रूबेला के साथ गलसुआ के खिलाफ गलसुआ-खसरा-रूबेला (MMR) टीका मौजूद है, लेकिन यह सरकार के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा नहीं है. ज्यादातर मामलों में, गलसुआ एक स्व-सीमित बीमारी है, लेकिन दुर्लभ मामलों में यह मस्तिष्क की सूजन, सुनने की हानि और वयस्क पुरुषों में वृषण की दर्दनाक सूजन जैसी जटिलताओं का कारण बन सकती.

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