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इसरो प्रमुख एस सोमनाथ में कैंसर की पुष्टि,आदित्य L-1 की लॉन्चिंग वाले दिन पता चलने पर भी नहीं रोका मिशन


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नई दिल्लीः कैंसर वैश्विक स्तर पर बढ़ती गंभीर और जानलेवा स्वास्थ्य समस्या है। हालिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ में कैंसर का निदान हुआ है। जिस दिन भारत का आदित्य-एल1 मिशन अंतरिक्ष में लॉन्च हुआ था, उसी दिन इसरो प्रमुख में कैंसर का पता चला। मीडिया से एक बातचीत में सोमनाथ ने पुष्टि की है कि जांच के दौरान शरीर में अनियंत्रित कोशिकाओं की वृद्धि के बारे में पता चला जिसके आधार पर कैंसर का निदान किया गया है।

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ में कैंसर की पुष्टि

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन प्रमुख एस सोमनाथ को कैंसर होने का पता चला है. सोमनाथ को कैंसर होने का उस दिन पता चला, जिस दिन भारत का आदित्य-एल1 मिशन अंतरिक्ष में लॉन्च हुआ था. ‘टारमक मीडिया हाउस’ के साथ एक इंटरव्यू में सोमनाथ ने पुष्टि की है कि स्कैन में से एक कैंसर में बढ़ोतरी देखी गई थी. सोमनाथ ने कहा कि ‘चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च के दौरान कुछ स्वास्थ्य समस्याएं थीं. हालांकि, उस समय यह मेरे लिए साफ नहीं था, मुझे इसके बारे में साफ समझ नहीं थी.’

आदित्य-एल1 मिशन लॉन्च की सुबह हुई स्कैनिंग

तारमक मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, आदित्य-एल1 मिशन लॉन्च की सुबह मेरी स्कैनिंग की गई, इसमें पता चला कि पेट में अनियंत्रित रूप से कैंसर कोशिकाएं बढ़ रही हैं। मिशन लॉन्च के बाद मैं चेन्नई गया, वहां दोबारा स्कैनिंग और कई और जांच की गई। रिपोर्ट्स से पता चला कि ये वंशानुगत रोग है। डॉक्टर्स ने ऑपरेशन की सलाह दी। डॉक्टर्स की टीम ने कैंसर की सर्जरी और फिर कीमोथेरेपी की।

पेट में कैंसर का चला पता

उन्होंने कहा कि उनको कैंसर का पता उसी दिन चला था, जिस दिन आदित्य-एल1 मिशन लॉन्च किया गया था. यह डाइग्नोसिस न केवल उनके लिए बल्कि उनके परिवार और सहकर्मियों के लिए भी एक झटका था, जो इस चुनौतीपूर्ण अवधि में उनके साथ थे. खबरों के मुताबिक 2 सितंबर, 2023 को जब भारत की पहली अंतरिक्ष-आधारित सौर वेधशाला, आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने के लिए अपनी यात्रा पर निकली, तो एस सोमनाथ का नियमित स्कैन हुआ, जिसमें उनके पेट में कैंसर का पता चला.

‘मेरे और परिवार के लिए ये सदमा था’

उन्होंने कहा, ‘कैंसर के बारे में उसी दिन पता चला था जिस दिन आदित्य-एल1 मिशन लॉन्च किया गया था. ये न केवल मेरे लिए बल्कि मेरे परिवार और सहकर्मियों के लिए भी एक झटका था. ये सभी इस चुनौतीपूर्ण समय में उनके साथ थे.’इंटरव्यू में इसरो चीफ बताते हैं, ये मेरे और परिवार के लोगों के लिए काफी चौंका देने वाली स्थिति थी, पर उपचार ही इसका एकमात्र तरीका था जो समय पर होना भी जरूरी था। कैंसर का इलाज संभव है, ये लाइलाज नहीं है। निश्चित ही ये मेरे और परिवार के लिए कठिन समय था। डॉक्टर्स ने इसके नियमित स्कैनिंग की सलाह दी है। फिलहाल मैं ठीक हूं।

वंशानुगत बीमारी की मौजूदगी की पुष्टि हुई

इस अप्रत्याशित खोज के बाद उन्हें आगे के स्कैन के लिए चेन्नई ले जाया, जिससे वंशानुगत बीमारी की मौजूदगी की पुष्टि हुई. कुछ ही दिनों में यह साफ हो गया कि उन्हें अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौती का भी सामना करना पड़ा है. इसके बाद एस सोमनाथ का ऑपरेशन हुआ और उसके बाद कीमोथेरेपी हुई. अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘यह मेरे परिवार के लिए एक झटका था. लेकिन अब मैं कैंसर और इसके इलाज को एक समाधान मानता हूं.’ बीमारी और इसके इलाज के प्रति उनका व्यावहारिक नजरिया उनके चरित्र की उल्लेखनीय ताकत और अटूट भावना को दिखाता है.

ऑपरेशन और कीमोथेरेपी हुई

2 सितंबर, 2023 को, जब भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य एल1, सूर्य का अध्ययन करने के लिए अपनी यात्रा पर निकला, तो एस सोमनाथ का नियमित स्कैन हुआ, जिसमें उनके पेट में कैंसर का पता चला था. इस बीमारी की जानकारी मिलने के बाद वो आगे की जांच के लिए चेन्नई थे. इसके बाद एस सोमनाथ का ऑपरेशन हुआ और उसके बाद कीमोथेरेपी हुई.

‘रिकवरी किसी चमत्कार से कम नहीं’

अपने अनुभव के बारे में उन्होंने कहा, ‘यह परिवार के लिए एक झटका था, लेकिन अब मैं कैंसर और इसके इलाज को एक समाधान मानता हूं.’ उन्होंने कैंसर के खिलाफ अपनी लड़ाई को लेकर कहा कि मैं उस समय इलाज के बारे में अनिश्चित था, मैं इस प्रक्रिया से गुजर रहा था. फिर भी, उनकी रिकवरी किसी चमत्कार से कम नहीं है.

‘अब मैं पूरी तरह से ठीक हो गया’

कैंसर के खिलाफ अपनी लड़ाई के तरीके पर रोशनी डालते हुए उन्होंने कबूल किया कि ‘मैं उस समय पूर्ण इलाज के बारे में अनिश्चित था, मैं इस प्रक्रिया से गुजर रहा था.’ फिर भी उनकी रिकवरी किसी चमत्कार से कम नहीं है. अस्पताल में केवल चार दिन बिताने के बाद उन्होंने पांचवें दिन से बिना किसी दर्द के काम करते हुए इसरो में अपनी ड्यूटी फिर से शुरू कर दी. सोमनाथ ने कहा कि ‘मैं नियमित जांच और स्कैन से करवाऊंगा लेकिन अब मैं पूरी तरह से ठीक हो गया हूं और अपना काम फिर से शुरू कर दिया है.’अस्पताल में केवल चार दिन बिताने के बाद, उन्होंने पांचवें दिन से बिना किसी दर्द के काम करते हुए इसरो में अपनी ड्यूटी फिर से शुरू कर दी थी. एस सोमनाथ ने कहा, ‘मैं नियमित जांच और स्कैन से गुजरूंगा, लेकिन अब मैं पूरी तरह से ठीक हो गया हूं और अपनी ड्यूटी फिर से शुरू कर दी है.

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