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IND vs ENG: कौन हैं ध्रुव जुरेल? ,जिसने शानदार पारी खेल क्रिकेट जगत में मचा दिया तहलका


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नई दिल्लीः इंग्लैंड के खिलाफ जारी चौथे टेस्ट में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे ध्रुव जुरेल ने भारत की पहली पारी में 90 रन बनाए। इससे पहले राजकोट टेस्ट में उन्होंने 46 रन की शानदार पारी खेली। ध्रुव ने अपने इस प्रदर्शन से क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया।

दिल छू लेने वाली है ध्रुव जुरेल की कहानी

भारत के लिए सिर्फ दूसरा टेस्ट खेल रहे जुरेल के लिए यहां तक पहुंचना बिल्कुल भी आसान नहीं था. उत्तर प्रदेश के आगरा से आने वाले जुरेल के पिता भारतीय आर्मी में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और वो चाहते थे कि उनका बेटा भी उन्ही के नक्शे कदम पर चलते हुए आर्मी में आए और देश की सेवा करे. पिता नेम सिंह कारगिल युद्ध में का हिस्सा रहे.लेकिन जुरेल के अंदर का क्रिकेट जुनून उन्हें कहीं और ही ले जाना चाह रहा था. पिता नेम सिंह बिल्कुल नहीं चाहते थे कि उनका बेटा क्रिकेट खेले. लेकिन बेटे के जज्बे के आगे किसी की नहीं चली. हालांकि जुरेल से पहले उनके परिवार से किसी ने भी क्रिकेट नहीं खेला था.आर्मी स्कूल में पढ़ाई के दौरान उन्होंने तैराकी के कैंप में भी जाना शुरु किया, लेकिन उन्हें स्विमिंग से ज्यादा क्रिकेट में रुचि थी। जब स्कूल में तैराकी की कक्षाएं चलती थीं तो ध्रुव क्रिकेट खेला करते थे। उन्हें क्रिकेट इतना पसंद आया कि उन्होंने तैराकी से अपना नाम हटाकर क्रिकेट में लिखा लिया। जब उनके पिता कोइसका पता चला तो वह काफी गुस्सा हुए, लेकिन बाद में मान गए। ध्रुव को जब बैट चाहिए था, तो उनके पिता ने बल्ला लाने के लिए अपने दोस्तों से 800 रुपये कर्ज लिए थे।

इंग्लैंड के लिए बने मुसीबत

23 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज ने रांची टेस्ट में छह चौके और चार छक्के लगाकर इंग्लिश गेंदबाजों की जमकर खबर ली। ध्रुव जुरेल ने इंग्लैंड के खिलाफ रांची में खेले जा रहे चौथे टेस्ट में शानदार बैटिंग करते हुए 149 गेंदों में 6 चौके और 4 छक्कों की मदद से 90 रनों की पारी खेली और टीम इंडिया को 300 रनों का आंकड़ा पार करने में अहम योगदान दिया. जुरेल भारत के लिए उस वक़्त डटे रहे जब बड़े-बड़े दिग्गज आउट होकर पवेलियन लौट रहे थे.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेब्यू सीरीज में ध्रुव के दमदार प्रदर्शन से टीम मैनेजमेंट काफी खुश है। माना जा रहा है कि धर्मशाला टेस्ट (7-11 मार्च) में उन्हें मौका दिया जा सकता है।

पिता की इच्छा के बिना क्रिकेट खेलना किया शुरु

उत्तर प्रदेश के आगरा में जन्म लेने वाले ध्रुव जुरेल के लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं रहा। उनके संघर्ष की कहानी युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक है। 22 वर्षीय खिलाड़ी के पिता नहीं चाहते थे कि वह क्रिकेटर बने। वह बेटे को अपनी तरह देश की सेवा में समर्पित करना चाहते थे। दरअल, ध्रुव के पिता नेम सिंह सेना में थे, जिन्होंने कारगिल युद्ध में भाग लिया था। 2001 में ध्रुव का जन्म हुआ। छोटी उम्र से ही वह क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन पिता से वह डरते थे।

टीम को जिताया अंडर-19 एशिया कप

ध्रुव उत्तर प्रदेश के लिए अंडर-14 और अंडर-16 आयु वर्ग क्रिकेट खेल चुके हैं। इसके बाद उन्हें 2020 में विश्व कप के लिए भारत की अंडर -19 टीम के लिए चुना गया। यहां से ध्रुव ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह 2020 में देश की अंडर-19 टीम के उपकप्तान भी बनाए गए। उनकी टीम अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में बांग्लादेश से हार गई, लेकिन ध्रुव ने अपनी कप्तानी में अंडर-19 एशिया कप जीता। करियर की शुरुआत में ध्रुव ऑफ स्पिन गेंदबाजी करते थे, लेकिन उनकी गेंदबाजी कुछ खास नहीं थी। ऐसे में उन्होंने विकेटकीपिंग में हाथ आजमाया और इस रोल में उन्होंने सभी को प्रभावित किया। इसके साथ ही वह मध्यक्रम बल्लेबाज होने के साथ ही विकेटकीपर भी बन गए।

आईपीएल 2023 में चर्चा में आए थे ध्रुव जुरेल

ध्रुव ने 2022 में विदर्भ के खिलाफ उत्तर प्रदेश के लिए रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया और अब तक उन्होंने 15 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं, जिसमें 790 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और पांच अर्धशतक शामिल हैं। उनका बेस्ट स्कोर 249 रन है। ध्रुव ने 10 लिस्ट-ए और 23 टी-20 मैच भी खेले हैं। उन्हें आईपीएल 2022 के मेगा ऑक्शन में राजस्थान रॉयल्स (आरआर) ने 20 लाख रुपये में अपनी टीम में शामिल किया था।

पहला मौका आईपीएल 2023 में मिला

हालांकि, उन्हें पहला मौका आईपीएल 2023 में मिला। आईपीएल में ध्रुव ने 5 अप्रैल 2023 को गुवाहाटी में पंजाब किंग्स के खिलाफ बतौर इम्पैक्ट प्लेयर डेब्यू किया। अपने पहले ही मैच में उन्होंने 15 गेंद पर 32 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली। इसके बाद से ही वह चर्चा में आ गए। ध्रुव ने अब तक 13 आईपीएल मैच खेले हैं, जिसमें 172.72 के स्ट्राइक रेट से 152 रन बनाए हैं और आईपीएल 2024 के लिए राजस्थान ने इस विस्फोटक विकेटकीपर बल्लेबाज को रिटेन किया।

भारतीय टीम में शामिल होना बड़ी बात

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन की बदौलत ध्रुव को भारत ए की टीम में भी जगह मिली। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर गई इंडिया-ए टीम का वह हिस्सा थे। ध्रुव ने चार दिवसीय मैचों में से एक में 69 रन बनाए और तीन कैच भी लपके। इसके बाद चयनकर्ताओं ने इस युवा खिलाड़ी को इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में मौका देने का फैसला किया। वह भले ही पहले दो टेस्ट में बतौर विकेटकीपर टीम मैनेजमेंट की पहली पसंद न हों, लेकिन सीनियर भारतीय पुरुष ड्रेसिंग रूम में होने का अनुभव आगरा में जन्मे दाएं हाथ के इस बल्लेबाज के लिये काफी अहम होगा। महेंद्र सिंह धोनी के प्रशंसक ध्रुव को उम्मीद है कि वह अपने आदर्श के नक्शेकदम पर चलते हुए रांची के इस दिग्गज क्रिकेटर की तरह ही सफल क्रिकेट खिलाड़ी बनेंगे।

धोनी को मानते हैं आदर्श

ध्रुव धोनी की तरह भारतीय टीम की कप्तानी भी करना चाहते हैं। विकेट के पीछे धैर्य और चतुराई के साथ विपक्षी बल्लेबाजों को फंसाने में उन्हें महारत हासिल है। वहीं, बल्लेबाजी में वह एबी डिविलियर्स को अपना आदर्श मानते हैं। फिटनेस के मामले में जुरेल विराट कोहली के कायल हैं.प्रतिभा दिखाने के बाद अब उनके पास देश को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका है। रोहित और विराट सरीखे दिग्गज बल्लेबाजों की देखरेख में 22 साल के ध्रुव के पास अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए अभी काफी समय भी है।

पिता बेटे को क्रिकेट दूर रखना चाहते थे

पिता इस हद तक बेटे को क्रिकेट दूर रखना चाहते थे कि उन्होंने ध्रुव को किट खरीदने के लिए पैसे नहीं दिए थे, तब उनकी मां ने गहने बेचकर उन्हें क्रिकेट किट दिलाई थी.क्रिकेट का जुनून ध्रुव को सिर्फ 13 साल उम्र में आगरा से नोएडा ले आया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ वक़्त ध्रुव की मां भी उनके साथ नोएडा में रहने लगी थी.

डेब्यू सीरीज में खेली शानदार पारी

बता दें कि ध्रुव ने राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए तीसरे टेस्ट के ज़रिए भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया. अब रांची में वो अपने करियर का दूसरा टेस्ट खेल रहे हैं.ध्रुव जुरेल ने फिफ्टी जड़ने के बाद एक फौजी की तरह तनकर सैल्यूट मारा और सेलिब्रेट किया। आम तौर पर बल्ला ऊपर करते हुए फैन्स का अभिवादन स्वीकार किया जाता है लेकिन जुरेल का अंदाज अलग था। फैन्स ने भी उनके इस उत्साह की तारीफ की है।

सैल्यूट मारते हुए फिफ्टी का सेलिब्रेशन किया

जुरेल ने खुद बताया है कि क्यों उन्होंने सैल्यूट मारते हुए फिफ्टी का सेलिब्रेशन किया। जुरेल ने कहा कि पचास रन बनाने के बाद का जश्न मेरे पिता के लिए था। वह कारगिल युद्ध के वेटरन हैं। कल शाम को मैं अपने पापा से फोन पर बात कर रहा था तो उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से मुझसे कहा ‘बेटा, एक बार तो सलाम करके दिखाओ।’ मैं तो बचपन से करता आ रहा हूं। इस वजह से मैंने यह सलाम उनको किया।

टीम इंडिया को जुरेल ने संकट से बाहर निकाल लिया

इसके बाद ध्रुव ने मेहनत करना जारी रखा और आज परिणाम सबके सामने है। टीम इंडिया ने रांची टेस्ट में पहली पारी के दौरान 7 विकेट महज 177 रनों के स्कोर पर गंवा दिए थे। जुरेल ने टिककर कुलदीप यादव के साथ एक बेहतरीन भागीदारी की। जुरेल 90 रन बनाकर आउट हुए। दुर्भाग्य से वह अपना शतक पूरा करने से चूक गए लेकिन टीम इंडिया को 300 पर पहुंचाने में सफल रहे। टीम इंडिया को जुरेल ने संकट से बाहर निकाल लिया।

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