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लोकप्रिय रेडियो होस्ट अमीन सयानी का 91 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा , 42 साल तक सुपरहिट शो गीतमाला को होस्ट किया


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मुंबई – ‘नमस्कार भाइयों और बहनों, मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं’ अब यह परिचय फिर कभी नहीं सुना जा सकेगा। अपनी जादुई आवाज और मस्त अंदाज से बरसों दुनिया के कई देशों के श्रोताओं के दिलों पर राज करने वाले सयानी का निधन हो गया है। 91 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। रेडियो की दुनिया में आवाज के जादूगर कहे जाने वाले दिग्गज के निधन की पुष्टि उनके बेटे रजिल सयानी ने की है।

बिनाका गीत माला से मिली पहचान

अमीन सयानी देश के ऐसे पहले रेडियो स्टार रहे हैं, जिनका बड़े-बड़े फिल्म स्टार भी सम्मान करते थे। एक जमाना था जब अपने ‘बिनाका गीत माला’ कार्यक्रम के माध्यम से आवाज के इस शहंशाह ने अपने नाम और काम की धूम मचा दी थी। हालांकि, पिछले कुछ बरसों से सयानी की तबियत सही नहीं थी।

सदमे में परिवार

अमीन सयानी की मौत से उनके बेटे रजिल सायानी गहरे सदमे में हैं। उन्होंने बताया कि सयानी को मंगलवार रात को दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें तुरंत एचएन रिलायंस अस्पताल ले जाया गया। शाम करीब सात बजे उनका निधन हो गया। राजिल ने कहा कि उनके पिता का अंतिम संस्कार कल किया जाएगा और परिवार जल्द ही एक बयान जारी करेगा।

महज 13 वर्ष की उम्र में लिखना शुरू कर दिया था

रेडियो सुनने का शौक रखने वालों के कानों में आज भी सयानी की आवाज में ‘नमस्कार बहनों और भाइयो, मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं’ गूंजता है। कार्यक्रम ‘बिनाका गीतमाला’ ने उन्हें काफी लोकप्रियता दिलाई। उनका जन्म 21 दिसंबर, 1932 को मुंबई में हुआ था। उन्हें बचपन से ही लिखने का शौक था और महज 13 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी मां की पाक्षिक पत्रिका ‘रहबर’ के लिए लिखना शुरू कर दिया था। यही वह उम्र थी जब वह अंग्रेजी भाषा में एक कुशल प्रस्तोता बन गए थे और उन्होंने आकाशवाणी मुंबई की अंग्रेजी सेवा में बच्चों के कार्यक्रमों में भाग लेना शुरू कर दिया था।

गुजराती लहजा होने के कारण नहीं हुआ चयन

हालांकि, जब सयानी ने ‘हिंदुस्तानी’ में प्रस्तुति देने के लिए ऑडिशन दिया तो उनकी आवाज में हल्का गुजराती लहजा होने के कारण उनका चयन नहीं किया गया। जब तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री बी वी केसकर ने आकाशवाणी से हिंदी गानों पर प्रतिबंध लगा दिया तो रेडियो सीलोन लोकप्रिय होने लगा। सयानी को दिसंबर 1952 में रेडियो सीलोन पर ‘बिनाका गीतमाला’ पेश करने का मौका मिला और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। यह शो 1952 से 1994 तक 42 वर्षों तक भारी लोकप्रियता हासिल करता रहा।

पीएम मोदी बोले- अमीन सयानी भारतीय ब्रॉडकास्टिंग में क्रांति लाए

पीएम मोदी ने अमीन सयानी के निधन पर शाेक जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- अमीन सयानी जी की सुनहरी आवाज में वो खूबसूरती और गर्मजोशी थी, जिसने उन्हें कई पीढ़ियों के लोगों से जोड़े रखा। अपने काम के जरिए वे भारतीय ब्रॉडकास्टिंग की दुनिया में क्रांति लाए और अपने श्रोताओं के साथ खास बॉन्ड बनाया। उनके जाने से दुखी हूं। उनके परिवार, चाहने वालों और सभी रेडियो प्रेमियों को सांत्वनाएं। उनकी आत्मा को शांति मिले।

करियर की शुरुआत इंग्लिश ब्रॉडकास्टर के तौर पर की

21 दिसंबर 1932 को मुंबई में जन्मे अमीन मल्टीलिंगुअल फैमिली से ताल्लुक रखते थे। सयानी ने रेडियो प्रेजेंटर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो, मुंबई से की थी। उनके भाई हामिद सयानी ने उन्हें यहां इंट्रोड्यूस कराया था। 10 साल तक वे इंग्लिश प्रोग्राम्स का हिस्सा रहे। आजादी के बाद उन्होंने हिंदी की ओर रुख किया। सयानी को असल पहचान दिसंबर 1952 में शुरू हुए रेडियो शो गीतमाला से मिली।

30 मिनट का रेडियो शो, तीन नाम बदले

सयानी का शो बिनाका गीतमाला पहले रेडियो सिलोन पर ब्रॉडकास्ट होता था। ये 30 मिनट का प्रोग्राम था। 1952 में शुरू हुआ ये शो सेंसेशन बन गया। बिनाका गीतमाला से ये सिबाका गीतमाला हुआ और बाद में हिट परेड नाम से भी ब्रॉडकास्ट हुआ, लेकिन कभी भी इसकी लोकप्रियता कम नहीं हुई। इसके बाद गीतमाला शो ऑल इंडिया रेडियो और विविध भारती पर ब्रॉडकास्ट हुआ।

सयानी के अंदाज का हर कोई दीवाना

गीतमाला शो रेडियो पर बुधवार रात 8 बजे ब्रॉडकास्ट होता था। आलम यह था कि हर कोई इस शो का इंतजार करता था। घर, दुकान, बाजार हर जगह लोग सयानी को सुनने के लिए बेकरार रहते थे। फिर गूंजती थी एक आवाज- बहनो और भाइयो, मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं। और अब इस बरस बिनाका गीतमाला की वार्षिक हिट परेड का सरताज गीत।इसके बाद बिगुल की आवाज गूंजती और फिर अमीन सयानी कहते, ‘फिल्म सूरज का गाना है ये बहनो और भाइयो। इसे गाया है मोहम्मद रफी ने।’चार्ट-टॉपिंग हिट्स वाला रेडियो शो गीतमाला दक्षिण एशिया में खूब लोकप्रिय हुआ। सफलता के कारण गीतमाला शो 42 साल तक चला। बाद में 2000-2001 और 2001-2003 में इसके नाम में मामूली बदलाव के साथ इसे फिर से शुरू किया गया।

5 हजार रेडियो प्रोग्राम्स में अपनी आवाज दी

एक वॉयस ओवर आर्टिस्ट के तौर पर अमीन सयानी ने रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने 54 हजार से ज्यादा रेडियो प्रोग्राम होस्ट किए और उनमें अपनी आवाज दी। लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में उनके नाम सबसे ज्यादा 19000 जिंगल्स और वॉयस ओवर का रिकॉर्ड है।सयानी कई फिल्मों में भी रेडियो अनाउंसर के तौर पर नजर आए। इनमें ‘भूत बंगला’, ‘तीन देवियां’, ‘बॉक्सर’ और ‘कत्ल’ जैसी मूवीज शामिल हैं। लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, किशोर कुमार और राजकपूर जैसी हस्तियों के साथ उनके इंटरव्यूज ने भी उनकी फैन फॉलोइंग में बहुत ही ज्यादा इजाफा किया था।

अमिताभ से मुलाकात करने से इनकार कर दिया था

अपने स्ट्रगल के दिनों में अमिताभ बच्चन मुंबई के रेडियो स्टूडियो में भी ऑडिशन देने पहुंचे थे। बिना अपॉइंटमेंट लिए बिग-बी सयानी से मिलने चले गए। उस वक्त सयानी ने उनसे मिलने से मना कर दिया था। सयानी ने बिना आवाज सुने ही अमिताभ को रिजेक्ट कर दिया था। बाद में उन्होंने बिग बी की आवाज सुनी तो कहा था- तुम्हारी आवाज सुनकर लोग डर जाएंगे।

कैसे हुआ अमीन सयानी का निधन

दिवंगत अमीन सयानी के बेटे ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि अमीन‌ सयानी को मंगलवार को उनके दक्षिण मुम्बई स्थित घर पर शाम 6.00 बजे आया हार्ट अटैक.हार्ट अटैक आने के बाद उनके बेटे राजील उन्हें फौरन दक्षिण मुम्बई स्थित एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल मे ले गये जहां पर इलाज करने के कुछ देर बाद ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

क्या थी अमीन सयानी को बीमारी

अमीन सयानी को हाई ब्लड प्रेशन और उम्र संबंधी अन्य बीमारियां थीं और पिछले 12 साल से पीठ दर्द‌ की भी शिकायत थी और यही वजह है कि उन्हें चलने‌ के लिए वॉकर‌ का इस्तेमाल करना पड़ता था.

अमीन सयानी रेडियो के सबसे फेमस अनाउंस थे

रेडियो सिलोन और फिर विविध भारती पर‌ लगभग 42 सालों तक चलने वाला हिंदी गीतों का उनका कार्यक्रम ‘बिनाका गीतमाला’ ने सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़े थे और लोग हर हफ्ते उन्हें सुनने के लिए बेकरार रहा करते थे.’गीतमाला’ के साथ अमीन भारत के पहले होस्ट गए थे जिन्होंने उभरते संगीत परिदृश्य के बारे में अपनी गहरी समझ को प्रदर्शित करते हुए एक कंप्लीट शो को क्यूरेट किया और प्रेजेंट किया था. शो की सक्सेस ने एक रेडियो वादक के रूप में सयानी की स्थिति को मजबूत कर दिया था.

अमीन सयानी के नाम कईं रिकॉर्ड दर्ज हैं


अमीन सयानी ने‌ नाम पर 54,000 से ज्यादा रेडियो कार्यक्रम प्रोड्यूस/कम्पेअर/ वॉयसओवर करने का रिकॉर्ड दर्ज है. लगभग 19,000 जिंगल्स के लिए आवाज़ देने‌ के लिए भी अमीन सयानी का नाम लिम्का बुक्स ऑफ़ रिकॉर्ड्स में दर्ज है.उन्होंने भूत बंगला, तीन देवियां, कत्ल जैसी फिल्मों में अनाउंसर के तौर पर भी काम किया था.रेडियो पर सितारों पर आधारित उनका शो ‘एस कुमार्स का फ़िल्मी मुकदमा’ भी काफ़ी लोकप्रिय साबित हुआ था. कल दक्षिण मुम्बई में अमीन सयानी का अंतिम संस्कार होने की उम्मीद है..

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