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राजनीति

चंडीगढ़ में AAP उम्मीदवार कुलदीप कुमार बने मेयर,सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला


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नई दिल्लीः चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी कुलदीप कुमार को विजयी घोषित किया है. सुप्रीम कोर्ट ने उन 8 अमान्य घोषित किए गए वोट को भी वैलिड बताया है, जिन्हें रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने अवैध बताया था. लोकसभा चुनाव से पहले चंडीगढ़ के मेयर पद के चुनाव को लिटमस टेस्ट कहने वाली आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साझा उम्मीदवार को गत 30 जनवरी को हार का सामना करना पड़ा था.

मसीह के खिलाफ झूठे बयान का मुकदमा

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले घोषित किए गए मेयर चुनाव के रिजल्ट को रद्द कर दिया। शीर्ष अदालत ने चुनाव अधिकारी अनिल मसीह के खिलाफ झूठा बयान देने के केस में मुकदमा चलाने के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया। साथ ही शीर्ष अदालत ने सीधे तौर पर याचिकाकर्ता कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद याचिकाकर्ता कुलदीप कुमार ने इसे इंडिया गठबंधन की जीत बताया। उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भी यहां से इंडिया गठबंधन का उम्मीदवार जीत हासिल करेगा।

मनोज सोनकर 16 वोट हासिल कर मेयर चुने गए थे

चंडीगढ़ नगर निगम में बीजेपी उम्मीदवार मनोज सोनकर 16 वोट हासिल कर मेयर चुने गए थे. इसकी वजह है कि 36 (35 पार्षदों और एक सांसद) मतदान की क्षमता वाले इस नगर निगम के मेयर पद के चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मिले 20 वोटों में से 8 मतदान को रद्द कर दिया गया था. इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी, जिस पर आज यानी मंगलवार (20 फरवरी) को फैसला सुनाया गया है.

‘थैंक्यू सुप्रीम कोर्ट’

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का आम आदमी पार्टी ने स्वागत किया है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा किया है। केजरीवाल ने लिखा कि इस मुश्किल समय में लोकतंत्र को बचाने के लिए थैंक्यू सुप्रीम कोर्ट। दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि देश की सबसे बड़ी पार्टी का दंभ भरने वाली बीजेपी देश की सबसे युवा पार्टी से चुनाव जीतने के क्या-क्या कर रही है। उन्होंने कहा कि ये लोग कैमरे के सामने ऐसा कर रहे हैं तो जहां कैमरे नहीं है वहां ये लोग क्या करते होंगे।

चंडीगढ़ नगर निगम का समीकरण

चंडीगढ़ नगर निगम में बीजेपी के 14 पार्षद हैं. संख्याबल के लिहाज से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. इसके बाद 13 पार्षदों के साथ AAP चंडीगढ़ नगर निगम में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. कांग्रेस के 7 पार्षद हैं और एक पार्षद शिरोमणि अकाली दल के है. चंडीगढ़ मेयर चुनाव में स्थानीय सांसद को भी मतदान का अधिकार है. बीजेपी की किरण खेर यहां की सांसद हैं.

किसे मिले थे कितने वोट

चंडीगढ़ नगर निगम में जीत के लिए 19 वोट के आंकड़े तक पहुंचना जरूरी था. बीजेपी के पास उसके अपने पार्षदों और सांसद के एक वोट को मिलाकर कुल 15 वोट थे. निर्दलीय शिरोमणि अकाली दल के एकमात्र पार्षद का वोट भी जोड़ लें तो बीजेपी का आंकड़ा 16 तक ही पहुंच रहा था. 30 जनवरी को मेयर इलेक्शन में बीजेपी उम्मीदवार को इतने ही वोट मिले भी थे. वहीं दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी के 13 और कांग्रेस के 7 पार्षदों को मिलाकर वोटों का आंकड़ा 20 था. वोटिंग के बाद गिनती पूरी हुई तब बताया गया कि कांग्रेस और AAP के साझा उम्मीदवार के पक्ष में पड़े 20 में से 8 वोट रिजेक्ट हो गए. इसके बाद दोनों दलों के साझा उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मिले वैलिड वोट 12 ही बचे थे. इसके बाद बीजेपी उम्मीदवार को विजयी घोषित कर दिया गया था.

मेयर चुनाव में धांधली तो देश में क्या होगा- केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने इस हार को बेईमानी करार दिया था. उन्होंने कहा, ‘चंडीगढ़ मेयर चुनाव में दिन दहाड़े जिस तरह से बेईमानी की गई है, वो बेहद चिंताजनक है. यदि एक मेयर चुनाव में ये लोग इतना गिर सकते हैं तो देश के चुनाव में तो ये किसी भी हद तक जा सकते हैं. ये बेहद चिंताजनक है.’ अब जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आम आदमी पार्टी के पक्ष में गया है तो अरविंद केजरीवाल ने इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद कहा है.सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव का विजेता आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को घोषित किया है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अहम फैसला सुनाया.सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के रिटर्निंग ऑफ़िसर अनिल मसीह को कारण बताओ नोटिस दिया है. अनिल मसीह पर आरोप हैं कि उन्होंने आम उम्मीदवार को मिले आठ वोटों के साथ छेड़छाड़ की थी.

मसीह को इस नोटिस का तीन हफ़्तों के अंदर जवाब देना है.

आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को ‘लोकतंत्र की जीत’ बताया है. कुलदीप कुमार ने इसे ‘चंडीगढ़ के लोगों की जीत’ कहा है.इसके पहले सोमवार को कोर्ट ने आदेश दिया था कि मंगलवार को होने वाली सुनवाई के दौरान सारे बैलट पेपर पेश किए जाएं. कोर्ट ने वीडियो भी मंगाए थे.

मनोज सोनकर बने थे विजेता

बीजेपी ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन के खिलाफ जीत हासिल की थी। मेयर पद के लिए बीजेपी के मनोज सोनकर ने आम आदमी पार्टी के के कुलदीप कुमार को हराया। चुनाव के दौरान 8 मत खारिज कर दिए गए थे। ऐसे में सोनकर को अपने प्रतिद्वंद्वी के 12 मतों के मुकाबले 16 मत मिले थे।

क्या बोले कुलदीप कुमार?

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कुलदीप कुमार ने कहा कि विश्वास था कि जीत मिलेगी. उन्होंने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि सच को परेशान किया जा सकता है लेकिन दबाया और कुचला नहीं जा सकता. ये आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बताया है. इन लोगों ने लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश की.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट में फिर 19 फरवरी को सुनवाई हुई. इस दौरान अनिल मसीह भी कोर्ट में पेश हुए. इस दौरान चंद्रचूड़ ने तीखे सवाल किए. इसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव परिणाम को निरस्त करदिया.कोर्ट ने कहा कि कुलदीप कुमार को मिले 8 वोट गलत तरीके से अमान्य करार दिए गए थे. पीठासीन अधिकारी रहे अनिल मसीह को उनके आचरण के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है. मसीह को 3 हफ्ते में जवाब देना होगा.

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