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चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने की कड़ी आलोचना, चुनाव में लोकतंत्र का बना भद्दा मजाक


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नई दिल्लीः हाल में हुए चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन को लेकर बवाल मचा हुआ है. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और इस पर सुनवाई भी हुई. इलेक्शन कराने वाले निर्वाचन अधिकारी को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (05 फरवरी) को फटकार लगाते हुए कहा कि ये साफ है कि उन्होंने बैलेट पेपर्स के साथ छेड़छाड़ की जिसके लिए उन पर मुकदमा चलना चाहिए और उनका ये कृत्य लोकतंत्र की हत्या व माखौल है.

लोकतंत्र की हत्या की गई

इस चुनाव में गड़बड़ी से ‘स्तब्ध’ चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि यह इस प्रकार से लोकतंत्र की हत्या नहीं करने देगी और अदालत चुनावी प्रक्रिया की शुचिता से संतुष्ट नहीं होने पर नये सिरे से चुनाव कराने का आदेश देगी. कोर्ट ने पूछा कि निर्वाचन अधिकारी एक अधिकारी हैं या भगोड़ा.सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव मामले में 19 फरवरी को अगली सुनवाई के दौरान उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति का निर्देश देने के अलावा मतपत्रों और चुनाव कार्यवाही के वीडियो को संरक्षित करने का भी आदेश दिया.महापौर पद के लिए हुए चुनाव में बीजेपी के मनोज सोनकर ने आप के कुलदीप कुमार को हराया. मनोज सोनकर को 16, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कुलदीप कुमार को 12 वोट मिले थे. वहीं, आठ वोट को अवैध घोषित कर दिया गया था.

सुप्रीम कोर्ट सब देख रहा है

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि क्या चुनाव कराए जाने का यह तरीका है? यह लोकतंत्र का मजाक है। शीर्ष अदालत ने सख्त टिप्पणी में कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है। इस प्रकरण के लिए जिम्मेदार शख्स पर मुकदमा होना चाहिए। इससे पहले मेयर चुनाव की मतगणना से संबंधित विडियो चीफ जस्टिस ने देखा। इस चुनाव में बीजेपी कैंडिडेंट को 16 मत के साथ विजयी घोषित किया गया और 8 कैंडिडेट के मत को रद्द कर दिया गया था। चीफ जस्टिस ने कहा कि अदालत पीठासीन अधिकारी के व्यवहार को देखकर स्तब्ध है। चीफ जस्टिस ने टिप्पणी में कहा कि आखिर वह कैमरा क्यों देख रहे हैं? चीफ जस्टिस ने इस पूरे प्रकरण का विडियो देखने के बाद कहा कि पीठासीन अधिकारी वैलेट पेपर में फेरबदल करते देखे जा रहे हैं। उन्हें बताया जाए कि सुप्रीम कोर्ट यह सब देख रहा है।

आप पार्षद पहुंचे थे सुप्रीम कोर्ट

न्यायालय ने यह आदेश महापौर का चुनाव हारने वाले आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षद कुलदीप कुमार की उस याचिका पर गौर करने के बाद दिया, जिसमें कहा गया था कि निर्वाचन अधिकारी ने कांग्रेस-आप गठबंधन के पार्षदों के आठ मत पत्रों पर निशान लगाते हुए उन्हें अमान्य करार दिया. बीजेपी ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ महापौर चुनाव में जीत हासिल की और सभी तीन पद बरकरार रखे, जिसपर कांग्रेस-आप गठबंधन ने निर्वाचन अधिकारी पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था.

वीडियो देखने के बाद क्या बोले चीफ जस्टिस?

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने चुनावी प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग देखने के बाद कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि उन्होंने (निर्वाचन अधिकारी) मतपत्रों को विरूपित कर दिया. इस व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. देखिये, वह कैमरे की ओर क्यों देख रहे हैं. श्रीमान सॉलिसिटर (जनरल), यह लोकतंत्र का माखौल है और लोकतंत्र की हत्या है, हम स्तब्ध हैं. क्या यह एक निर्वाचन अधिकारी का आचरण है.’’चंडीगढ़ के अधिकारियों की ओर से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा, ‘‘कोर्ट के पास तस्वीर का केवल एक पहलू है. चुनिंदा रूप से कही गई किसी बात के आधार पर कोई राय न बनाएं.’’पीठ में, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं. पीठ ने कहा, ‘‘…यह व्यक्ति मतपत्र को विरूपित कर देता है और कैमरे की ओर देखता है. कृपया अपने चुनाव अधिकारी को बताएं कि सुप्रीम कोर्ट उन पर नजर रख रहा है. हम इस तरह लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे. सबसे बड़ी स्थिरकारी शक्ति चुनाव प्रक्रिया की शुचिता है और यहां क्या हुआ.’’

हाईकोर्ट को दीजिए रेकॉर्ड

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच के सामने आप पार्षद व मेयर चुनाव में हारे घोषित किए गए कैंडिडेट कुलदीप कुमार ने अर्जी दाखिल कर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने इस चुनाव पर रोक लगाने से मना कर दिया था जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के दौरान नोटिस जारी किया है और साथ ही चंगीगढ़ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की मीटिंग को स्थगित करने को कहा है। यह मीटिंग 7 फरवरी को होने वाली थी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि मेयर चुनाव से संबंधित तमाम रेकॉर्ड पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के सामने सुरक्षित रखा जाए और साथ ही कहा कि जो विडियोग्राफी है उसे भी संरक्षित रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सोमवार शाम पांच बजे तक तमाम रेकॉर्ड जो चंगीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर के पास हैं उसे हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के हवाले किया जाए।

नगर निकाय की बैठकें स्थगित रहेंगी

अदालत ने यह भी आदेश दिया कि 7 फरवरी की चंडीगढ़ नगर निकाय की निर्धारित बैठक अगले आदेश तक स्थगित रहेगी. कोर्ट ने याचिका की अगली सुनवाई 19 फरवरी के लिए तय करते हुए कहा, ‘‘निर्वाचन अधिकारी अपने आचरण के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए अगली तारीख पर इस न्यायालय के समक्ष उपस्थित रहेंगे.’’

सिंघवी और मेहता ने रखी दलीलें

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता आप पार्षद की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए और कहा कि बीजेपी कैंडिडेट को पीठासीन अधिकारी ने चुना और उन्होंने जिस तरह से एक्ट किया है उससे जाहिर होता है कि उन्होंने बीजेपी कैंडिडेट को फेवर किया और इसके लिए कांग्रेस व आप पार्षदों के आठ बैलेट पेपर को विकृत किया और जानबूझकर उन मतों को रद्द किया गया। सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि विडियो एक पक्षीय तस्व

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