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मालदीव की सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंचे राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू,पीएम मोदी से माफी मांगने का दबाव


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नई दिल्लीः मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को सत्ता जाने का डर सता रहा है। उनके खिलाफ विपक्षी सांसद महाभियोग लाना चाहते हैं। इसे देखते हुए अब सरकार महाभियोग प्रक्रिया के संबंध में संसद की प्रक्रिया के नियमों में बदलाव के लिए सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंची है। मालदीव की न्यूज वेबसाइस अधधू की रिपोर्ट के मुताबिक अटॉर्नी जनरल अहमद उशम ने मंगलवार को पुष्टि की है कि सुप्रीम कोर्ट में एक संवैधानिक मामला दायर किया गया है। हालांकि उन्होंने इससे जुड़ी और जानकारी देने से मना कर दिया।

महाभियोग से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मुइज्जू

मालदीव सरकार ने विपक्ष को राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने में सक्षम बनाने वाले नियमों में संशोधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सन.कॉम के अनुसार 87 सदस्यों वाली संसद ने महाभियोग प्रस्ताव को प्रस्तुत करने के नियमों को आसान बनाने के लिए हाल ही में अपने स्थायी आदेशों में संशोधन किया था।

MDP इस समय संसद में बहुमत में है

मालदीव के संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को सांसदों की कुल संख्या के दो तिहाई बहुमत से पद से हटाया जा सकता है। यानी पीपुल्स मजलिस (मालदीव की संसद) में मौजूदा सत्र में 87 सांसदों में से 58 चाहें तो मुइज्जू को सरकार से हटा सकते हैं। सोमवार को सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक विपक्षी दल मालदिवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग लाना चाहती है। MDP इस समय संसद में बहुमत में है।

मुइज्जू सरकार महाभियोग संशोधन में बदलाव लाना चाहती है

मुइज्जू सरकार इन्हीं संशोधन में बदलाव चाहती है। संसद को वर्तमान में राष्ट्रपति मुइज्जू पर महाभियोग चलाने के लिए 58 के बजाय 54 वोटों की जरूरत है, क्योंकि स्थायी आदेशों में संशोधन के अनुसार सांसदों की कुल संख्या अब 87 के बजाय 80 है। पिछले हफ्ते एमडीपी व डेमोक्रेट्स ने गठबंधन की घोषणा की थी। एमडीपी और डेमोक्रेट्स के कुल 56 सांसद हैं। इसलिए अगर वे चाहें तो उनके पास राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की शक्ति है।

विपक्षी नेताओं ने कहा- विकास भागीदारों के साथ काम करे सरकार

कुछ दिनों पहले कई विपक्षी नेताओं ने एक साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया था। एमडीपी अध्यक्ष व पूर्व मंत्री फैयाज इस्माइल व संसद उपाध्यक्ष सांसद अहमद सलीम ने डेमोक्रेट पार्टी अध्यक्ष सांसद हसन लतीफ और संसदीय समूह के नेता सांसद अली अजीम के साथ बुधवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

संसद पर MDP का कंट्रोल

विपक्षी दल एमडीपी का कंट्रोल इस समय संसद पर है। 7 सदस्यों ने मंत्री बनने के लिए सदन से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कुल सांसदों की संख्या 87 से घटकर 80 हो गई है। MDP की ओर से महाभियोग के नियम बदले गए हैं। पहले महाभियोग के लिए कुल सदस्यों का दो तिहाई मत जरूरी होता था। लेकिन नए नियम के मुताबिक संसद में मौजूद सदस्यों की संख्या के आधार पर दो तिहाई मतों को गिना जाएगा। ऐसे में 54 सांसद राष्ट्रपति को हटा सकते हैं।

पीएम मोदी से माफी मांगेें मुइज्जू : विपक्ष

मालदीव की जम्हूरी पार्टी के नेता कासिम इब्राहिम ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से अनुरोध किया है कि देशहित में वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वहां की जनता से माफी मांग लें। उन्होंने कहा, किसी भी देश, खासकर अपने पड़ोसी के बारे में हमें ऐसा कुछ नहीं बोलना चाहिए जिससे रिश्तों पर असर पड़े। राष्ट्रपति सोलिह ने इस जिम्मेदारी को समझा और भारत को बाहर निकालने के अभियान के खिलाफ आदेश जारी किया। अब यामीन प्रश्न उठा रहे हैं कि इस अभियान में उनका साथ देने वाले मुइज्जू इस आदेश को रद्द क्यों नहीं कर रहे।

मुइज्जू को हटाने की तैयारी

कथित तौर पर MDP के पास 54 सांसद हैं, जो राष्ट्रपति को हटा सकते हैं। अब इसी कारण मुइज्जू सरकार डरी हुई है। वर्तमान में एमडीपी के पास 44 सांसद हैं। वहीं डेमोक्रेट्स के 13 सांसद हैं। दोनों दलों के पास कुल मिलाकर 57 सांसद हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक एमडीपी ने महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए पर्याप्त हस्ताक्षर पा लिया है। प्रस्ताव लाने के लिए 26 सांसदों का हस्ताक्षर जरूरी होता है। एमडीपी ने कहा है कि वह डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

आखिर क्यों बिगड़े दोनों देशों के रिश्ते

कुछ दिनों पहले पीएम मोदी ने लक्षद्वीप में ‘स्नॉर्कलिंग’ का मजा उठाया था। वहीं, सोशल मीडिया पर उन्होंने लक्षद्वीप की कई सुंदर तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर किया था। पीएम मोदी के पोस्ट पर कुछ यूजर्स ने कमेंट करते हुए कहा था कि पर्यटन के लिहाज से लक्षद्वीप एक अच्छी जगह है।वहीं, कुछ लोगों ने भारतीय लोगों को मालदीव जाने के बजाय लक्षद्वीप जाने की सलाह दी। मालदीव सरकार के कुछ नेताओं को लक्षद्वीप की तारीफ रास नहीं आई और उन्होंने भारत के खिलाफ तंज कसा।

भारत के लोगों का मालदीव सरकार पर फूटा गुस्सा

मालदीव के तीन मंत्री मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महजूम माजिद ने भारत और पीएम मोदी के खिलाफ विवादित टिप्पणी की। इसके बाद भारत के लोगों ने आक्रोश में आकर सोशल मीडिया पर ‘बॉयकॉट मालदीव’ हैशटैग के साथ मालदीव सरकार के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया साझा करनी शुरू कर दी। कई भारतीयों ने मालदीव जाने का प्लान कैंसिल कर लिया।

भारतीय पर्यटकों का हो रहा मोहभंग

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि भारतीय पर्यटक लंबे समय से मालदीव के पर्यटन क्षेत्र का प्रमुख हिस्सा रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में मालदीव के पर्यटन बाजार का करीब 11 फीसदी हिस्सा भारतीय पर्यटकों का रहा था.बीती 2 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे और वहां के समुद्र तटों को लेकर की गई पोस्ट से छिड़े विवाद के बाद से भारतीय पर्यटकों के मालदीव जाने में गिरावट दर्ज की गई है.

टॉप 10 लिस्ट में 5वें पर पहुंचा भारत

मालदीव में टूरिस्ट की संख्या में भारत अभी तक टॉप पर था, वह खिसक कर दूसरे या तीसरे नहीं बल्कि पांचवें नंबर पर पहुंच गया है। वहीं टूरिस्ट की संख्या बढ़ने के बावजूद चीन अभी तीसरे नंबर पर ही है। सोमवार को मालदीव के पर्यटन मंत्रालय की ओर से आंकड़े जारी किए गए हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि मालदीव में चीनी टूरिस्ट की संख्या 21 जनवरी को भारत से आगे निकल गई। पिछले साल मालदीव में सबसे ज्यादा संख्या भारतीयों की रही है।

क्यों हुआ मालदीव का बायकॉट

जनवरी 2024 में पीएम मोदी लक्षद्वीप की यात्रा पर गए थे। उन्होंने यहां की कुछ तस्वीरें शेयर की थीं। इसे देख कर कुछ लोगों ने कहा कि मालदीव जाने से अच्छा है कि लक्षद्वीप जाया जाए। मालदीव के कुछ मंत्रियों को यह बिल्कुल भी पसंद नहीं आया और उन्होंने पीएम मोदी और भारत को लेकर आपत्तिजनक बयान दिए। इसके बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर मालदीव के बायकॉट की मुहिम चलाई। मालदीव में पिछले साल हुए चुनाव में मोहम्मद मुइज्जू राष्ट्रपति बने हैं। उन्होंने अपना पूरा चुनाव प्रचार भारत के विरोध में किया। इस समय मालदीव में एक भारत विरोधी सरकार है।

बनी हुई है तनाव की स्थिति

उल्लेखनीय है कि बीते कुछ समय से भारत और मालदीव के बीच गंभीर तनाव की स्थिति बनी हुई है। यह विवाद तब से चल रहा है जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप गए थे और लोगों से यहां घूमने आने की अपील की थी। इसे लेकर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार में कुछ मंत्रियों ने इस पर बेहद अभद्र और आपत्तिजनक पोस्ट किए थे। इसके बाद भारत में सोशल मीडिया पर मालदीव के विरोध में एक तेज लहर चलने लगी थी और इसका असर साफ देखने को मिला।इस दौरान बायकॉट मालदीव हैशटैग सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रहा था। बड़ी संख्या में भारतीय मालदीव की ट्रिप कैंसल करने लगे थे। मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू का रुख भी भारत विरोधी है। एक ट्रैवल कंपनी ईजमाईट्रिप ने तो मालदीव के लिए फ्लाइट्स की बुकिंग ही बंद कर दी। कई सेलेब्रिटीज ने भी लोगों से अपील की है कि घूमने के लिए मालदीव जाने के बजाय भारत में ही खूबसूरत जगहों को एक्सप्लोर करें। इस विवाद के बीच लक्षद्वीप में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ी है।

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