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बिहार में सियासी हलचल तेज,नीतीश कैबिनेट में फेरबदल, आलोक मेहता बने शिक्षा मंत्री


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नई दिल्ली – लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की नीतीश कैबिनेट में शनिवार को फेरबदल हुआ है. मंत्रिमंडल में तीन मंत्रियों की जिम्मेदारयों में बदलाव किया गया है. राज्य के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अब गन्ना विकास विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे. वहीं आलोक मेहता को शिक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा ललित यादव को भूमि राजस्व का अलग से प्रभार दिया गया है. ये तीनों ही नेता राष्ट्रीय जनता दल से हैं और पार्टी के कोटे से मंत्री हैं. विभिन्न मुद्दों पर विवादास्पद बयान देने के अलावा चंद्रशेखर का शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के. के. पाठक के साथ कथित रूप से मनमुटाव था.

बिहार कैबिनेट में बदलाव

बिहार कैबिनेट में बदलाव की जानकारी सचिवालय विभाग की ओर से शनिवार देर शाम जारी की गई तो सियासी बाजार चर्चाओं से गरम हो गया. चर्चा इस बात की हो रही है कि नीतीश कुमार ने राजद कोटे के मंत्रियों के विभाग क्यों बदल दिए. जिन नेताओं के विभाग में बदलाव किया गया है वे प्रो. चंद्रशेखर, आलोक कुमार मेहता और ललित कुमार यादव हैं.

आज ही आई जेडीयू के नए पदाधिकारियों की लिस्ट

इससे पहले शनिवार को ही जनता दल यूनाइटेड ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों की एक नई सूची घोषित की. इस लिस्ट को नीतीश कुमार ने मंजूरी दी है. वरिष्ठ समाजवादी नेता और कुमार के करीबी वशिष्ठ नारायण सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. सिंह ने मंगनी लाल मंडल की जगह ली है. मंडल को अब राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है.

बिहार में बदले तीन मत्रियों के विभाग

बिहार सरकार मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की अधिसूचना में कहा गया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सलाह से मंत्री आलोक कुमार मेहता, मंत्री चंद्रशेखर और मंत्री ललित कुमार यादव को पहले से आवंटित विभागों को संशोधित किया जाता है.आलोक कुमार मेहता को शिक्षा विभाग, चंद्रशेखर को गन्ना उद्योग विभाग और ललित कुमार यादव को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के साथ लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग का कार्य अगले आदेश तक आवंटित किया जाता है.

केके पाठक छुट्टी से लौटे

बिहार में कैबिनेट की इस फेरबदल से एक दिन पहले केके पाठक छुट्टी से लौटे हैं. केके पाठक बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव है. जब तक वे लौटे नहीं थे तब तक उनके बारे में खूब अटकलें लगाई जा रहीं थीं. उनके काम पर लौटने के साथ ही सभी चर्चाओं पर विराम लग गया है. लेकिन केके पाठक के छुट्टी जाने से पहले बिहार के शिक्षा विभाग में बड़ा घमासान देखने को मिला था. छुट्टियों को लेकर केके पाठक की सख्ती से नेताओं में भी नाराजगी देखने को मिली थी. केके पाठक ने कहा था छुट्टियां अगर स्कूलों में हो रहीं हैं तो कोचिंग सेंटर्स में क्यों नहीं हो रहीं.

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