कैंसर से भी बचाता है विटामिन डी,आज ही डाइट में शामिल करें ये ड्राई फ्रूट्स
नई दिल्लीः विटामिन डी शरीर के लिए सबसे महत्वपूर्ण विटामिन में से एक है. यह सिर्फ विटामिन भर नहीं है बल्कि यह हार्मोन का भी का करता है. विटामिन डी पानी नहीं बल्कि वसा में घुलनशील विटामिन है जिसके कई जरूरी काम है. इसके बिना जीवन खतरे में पड़ जाता है. विटामिन डी अगर शरीर में पर्याप्त मात्रा में होगी, तभी कैल्शियम और फॉस्फोरिस शरीर में एब्जॉर्ब हो सकेगा. अगर विटामिन डी की कमी हुई तो शरीर में कैल्शियम का अवशोषण नहीं होगा जिसके कारण हड्डियां कमजोर होने लगेगी. विटामिन डी शरीर में कई तरह के इंफेक्शन को होने से बचाता है. विटामिन डी शरीर में इंफ्लामेशन को नहीं होने देता जिसके कारण क्रोनिक बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. हार्वर्ड मेडिकल के मुताबिक नई रिसर्च में पाया गया है कि विटामिन डी कैंसर सेल्स के ग्रोथ को भी रोकने में सक्षम है. इन सारी बातों के मद्देनजर शरीर में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा होनी जरूरी है. लेकिन कुछ लोगों में विटामिन डी की कमी सर्दियों में ज्यादा हो जाती है.
शरीर के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण विटामिन
विटामिन डी शरीर के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण विटामिन है, जो आपके मूड को अच्छा करता है, अच्छी नींद सुनिश्चित करता है और आपके स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। यह आपकी हड्डियों को मजबूत रखने के लिए कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फेट जैसे अन्य जरूरी मिनरल के साथ काम करता है। इसलिए इस विटामिन की या कमी आपके स्वास्थ्य में हानिकारक प्रभाव डाल सकती है। इसकी कमी से कैंसर, डायबिटीज, हार्ट डिजीज जैसी गंभीर बीमारियों हो सकती हैं। ऐसे में आप कुछ लक्षणों की मदद से इसकी कमी की पहचान कर समय रहते गंभीर नतीजों से बच सकते हैं। आइए जानते हैं विटामिन डी की कमी के कुछ प्रमुख लक्षणों के बारे में-
विटामिन डी की कमी के कुछ प्रमुख लक्षण
मूड में बदलाव और डिप्रेशन
विटामिन डी हमारे मूड को रेगुलेट करने में काफी अहम भूमिका निभाता है। शरीर में इसकी कमी का सीधा असर हमारे मूड पर दिखाई देता है। अध्ययनों की मानें तो विटामिन डी की कमी डिप्रेशन समेत मनोदशा संबंधी विकारों से जुड़ी हुई है।
कमजोर इम्युनिटी
शरीर में अपर्याप्त विटामिन डी हमारी इम्युनिटी को भी कमजोर कर सकता है, जिससे संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इस विटामिन की कमी से विभिन्न बीमारियों के खिलाफ शरीर की सुरक्षा कमजोर हो सकती है और नतीजतन बार-बार संक्रमण हो सकता है।
घाव भरने में देरी
अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर अक्सर किसी घाव या चोट को ठीक होने में सामान्य से ज्यादा समय लग सकता है। अपर्याप्त विटामिन डी का लेवल शरीर के घावों को प्रभावी ढंग से ठीक करने की क्षमता में बाधा डाल सकता है।
थकान और कमजोरी
थकान और मांसपेशियों की कमजोरी विटामिन डी की कमी के बड़े चेतावनी संकेत हैं। इस विटामिन के अपर्याप्त स्तर की वजह से लगातार थकान हो सकती है और मांसपेशियों की ताकत कम हो सकती है, क्योंकि यह ऊर्जा मेटाबॉलिज्म और मांसपेशियों के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हड्डी में दर्द और ऑस्टियोपोरोसिस
कैल्शियम अब्जॉर्प्शन के लिए विटामिन डी काफी जरूरी है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन डी और कैल्शियम की कमी से हड्डियों में दर्द हो सकता है और गंभीर मामलों में, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
बालों का झड़ना
विटामिन डी बालों के पोर्स की वृद्धि और विकास में अहम भूमिका निभाता है। कई अध्ययनों ने खून में विटामिन डी के निम्न स्तर को टेलोजन एफ्लुवियम, एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया, एलोपेसिया एरीटा और ट्राइकोटिलोमेनिया जैसी सामान्य बालों के झड़ने की स्थितियों से जोड़ा है।
सर्दी में किन लोगों को विटामिन डी की कमी का खतरा
डार्क स्किन- अमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों की स्किन डार्क होती है यानी ज्यादा गहरा होती है, उन्हें सर्दियों में विटामिन डी की कमी का खतरा ज्यादा रहता है. दरअसल, सर्दियों में इनकी स्किन में मेलेनिन पिंगमेंट कम हो जाता है जिसके कारण सूर्य की रोशनी से स्किन विटामिन डी को सिंथेसिस करने में कमजोर होने लगती है. वहीं दूसरी ओर सर्दियों में बुजुर्गों की स्किन भी डार्क होने लगती है. इसलिए इन्हें भी सर्दियों में विटामिन डी की कमी होने लगती है.
इंडोर में रहने वाले-जो लोग अक्सर घरों के अंदर रहना ज्यादा पसंद करते हैं, उनमें विटामिन डी की कमी की आशंका हमेशा बनी रहती है. सर्दियों में खासकर इन लोगों को विटामिन डी की कमी ज्यादा होती है. हालांकि सर्दियों में जब कोहरा ज्यादा रहता है तब बाहर निकलना नहीं चाहिए लेकिन जब धूप निकलती है तब बाहर जरूर निकलना चाहिए. वरना विटामिन डी की गंभीर कमी हो सकती है.
ज्यादा वजन वाले-जिन लोगों का वजन ज्यादा रहता है उन्हें सर्दियों में विटामिन डी का खतरा ज्यादा रहता है. क्योंकि जब शरीर में फैट की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो यह अतिरिक्त फैट सूरज की रोशनी से विटामिन डी ग्रहण करने की क्षमता को कम कर देता है. इस कारण ज्यादा वजन वाले लोगों को विटामिन डी की भरपूर खुराक लेनी चाहिए.
कैसे मिलेगा विटामिन डी
एक वयस्क इंसान में प्रति मिलीलीटर ब्लड में 20 नैनोग्राम से 50 नैनोग्राम के बीच विटामिन डी होना चाहिए. विटामिन डी को सबसे अधिक सूरज की रोशनी से प्राप्त किया जा सकता है. इसके अलावा कुछ फूड में भी विटामिन डी पाया जाता है. जो मछलियां ज्यादा ऑयली होती है जैसे कि टूना, सेलमन, मर्केल आदि में विटामिन डी ज्यादा होता है. वहीं अंडा और एनिमल लिवर में भी विटामिन डी पाया जाता है. इसके अलावा बेजिटेरियन लोगों को मशरूम, बादाम, ओट्स, सोया आदि का सेवन करना चाहिए.
विटामिन डी के फायदे
कड़क बनेंगी सारी 206 हड्डियां
हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम जरूरी है मगर विटामिन डी के बिना यह किसी काम का नहीं। इस विटामिन की वजह से ही हड्डियां कैल्शियम का इस्तेमाल कर पाती हैं। NIAMS (ref.) कहता है किं को ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी से भी बचाता है।
दिमाग बनेगा रॉकेट से भी तेज
कॉग्नीटिव फंक्शन को सुधारने के लिए धूप बहुत आवश्यक है। इसे लेने से आप ज्यादा एक्टिव, तरोताजा और खुशनुमा महसूस करते हैं। शोध कहते हैं कि विटामिन डी से कॉग्निटिव फंक्शन सुधरता है। इसमें आपकी याददाश्त, सीखने की क्षमता, तेजी से निर्णय लेने की ताकत शामिल होती है।
स्किन डिजीज से छुटकारा
पश्चिमी देशों में सनबाथ लेने का काफी चलन है, इसमें कम या हल्के रंग के कपड़े पहनकर घंटों बीच पर लेटा जाता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक सन एक्सपोजर हेल्दी स्किन के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह आपको सोरायसिस, एक्जिमा, मुंहासों से बचा सकता है। हालांकि स्किन डिजीज में धूप लेने से पहले अपने एक्सपर्ट्स से जरूर बात कर लें।
इस महामारी का इलाज
मेंटल हेल्थ बिगड़ती जा रही है और यह एक महामारी की तरह फैलती जा रही है। हर दूसरा व्यक्ति चिंता, स्ट्रेस या डिप्रेशन का शिकार है। इसे दूर करने के लिए धूप में बैठना चाहिए। इससे फील गुड हॉर्मोन बढ़ते हैं, जो मस्तिष्क को खुश रखने में मदद करते हैं।
नहीं होगा इंसोम्निया
इंसोम्निया एक ऐसी बीमारी है जिसमें रात के वक्त नींद नहीं आती या बहुत कम आती है। दिन के वक्त धूप लेने से विटामिन डी तो मिलता ही है मगर सर्काडियन रिदम भी सुधरती है। इसके बाद आपको रात के वक्त नेचुरली नींद आने लगती है। इसके साथ दूसरे स्लीप हाइजीन टिप्स अपनाने से भी मदद मिलती है।
पैदा नहीं होगी कैंसर की जड़
विटामिन डी और धूप दोनों ही कई तरह के कैंसर से बचाने वाले देखे गए हैं। यह आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं जिससे शरीर किसी भी खतरनाक तत्व से बेहतर तरीके से लड़ता है। आपकी सेल्स को हेल्दी रहने के लिए भी धूप की जरूरत होती है।
आज ही डाइट में शामिल करें ये ड्राई फ्रूट्स
बादाम
ठंड में बादाम के सेवन से शरीर के लिए जरूरी विटामिन-डी की कमी को दूर करने में मदद मिलती है. इसके अलावा बादाम खाने से दिमाग भी तेज होता है. यही नहीं बादाम न्यूरो गतिविधियों को भी बेहतर बनाने का काम करता है. रात भर पानी में भिगोने के बाद सुबह बादाम का सेवन करें. भीगे हुए बादाम में हमारे लिए पूरे दिन में जरूरी विटामिन-डी का 9 प्रतिशत मात्रा मिल जाता है.
खजूर
खजूर विटामिन-डी का एक अच्छा स्रोत है. सर्दियों में सामान्य तौर पर शरीर में विटामिन-डी की कमी हो जाती है और इसकी कमी को दूर करने के लिए आप खजूर का सेवन कर सकते हैं. इसके अलावा खजूर में एंटी-एजिंग गुण भी मौजूद होता है. इसके सेवन से त्वचा सॉफ्ट रहती है और चेहरे पर नजर आने वाले झुर्रियों के असर को कम करने में मदद करती है.
सूखे अंजीर
अंजीर भी विटामिन-डी से भरपूर होता है. सूखे अंजीर को पानी में भिगोकर खाने से विटामिन-डी की कमी को दूर किया जा सकता है. इसके अलावा अंजीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड भी होता है जो शरीर को एनर्जी देने के साथ हार्मोनल बैलेंस के लिए भी बेहतर होता है. इसमें अच्छी मात्रा में फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम भी पाया जाता है. सर्दियों में विटामिन-डी की कमी को पूरा करने के लिए रोज भिगोए हुए अंजीर खाएं.
किशमिश
किशमिश एक नेचुरल स्वीटनर होने के साथ फैट रहित भी होता है. इसमें फाइबर, आयरन, कैल्शियम और बेरॉन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. यही नहीं किशमिश खाने से शरीर को विटामिन-डी भी मिलता है. खासतौर पर सर्दियों में जब हम सूरज की रोशनी से विटामिन-डी नहीं ले पाते तो ऐसे में किशमिश विटामिन-डी का एक अच्छा विकल्प है.
क्रैनबेरी
क्रैनबेरी में लगभग 0.7 एम जी विटामिन-डी मौजूद रहता है. इसलिए सर्दियों में इसके नियमित सेवन से शरीर में होने वाले विटामिन-डी की कमी को दूर किया जा सकता है. कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर क्रैनबेरी को सुपर फूड माना जाता है. यह आपके शरीर को विटामिन-डी के साथ फाइबर, विटामिन-सी और एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे जरूरी तत्व भी प्रदान करता है.