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जाने वर्ल्ड स्माइल डे का इतिहास


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नई दिल्ली – छोटी सी मुस्कान हमारे पॉजिटिव होने को दर्शाती है. कहते हैं मुस्कुराना बहुत जरूरी है क्योंकि ये बड़े से बड़े तनाव को कम करने की क्षमता रखती है. आज की बिजी लाइफ या स्ट्रेस के माहौल में ज्यादातर लोगों की मुस्कुराहट गायब रहती है. वर्ल्ड स्माइल डे के जरिए लोगों को बताया जाता है कि हमारा मुस्कुराना कितना जरूरी है.

कब मनाया जाता है वर्ल्ड स्माइल डे

हर साल अक्तूबर के पहले शुक्रवार को वर्ल्ड स्माइल डे (World Smile Day) मनाया जाता है.साल 1999 में होर्वे बॉल ने वर्ल्ड स्माइल कॉर्पोरेशन का गठन किया था.यह कॉर्पोरेशन हार्वे बॉल वर्ल्ड स्माइल फाउंडेशन (एनजीओ) के जरिए जरूरतमंद बच्चों की मदद करती ह.साचुसेट्स के एक कमर्शियल आर्टिस्ट ने इस दिन की शुरुआत की थी. इस आर्टिस्ट का नाम हार्वे बॉल है और इन्होंने साल 1963 में आईकॉनिक स्माइली बनाया था. ये स्माइली काफी चर्चा में रहा. इसके बाद साल 1999 में पहला वर्ल्ड स्माइल डे सेलिब्रेट किया गया. इसका उद्देश्य था कि लोग एक-दूसरे का साथ अच्छे से पेश आएं और खुशियां फैलाएं. इसके बाद से अक्टूबर के पहले शुक्रवार पर वर्ल्ड स्माइल डे मनाया जाने लगा.

हार्वे बॉल का निधन

अमेरिकी कर्मशियल आर्टिस्ट हार्वे बॉल का साल 2001 में निधन हो गया था, लेकिन उनकी दी गई ‘हंसी और खुशी’से आज भी आज भी दुनियाभर में लोग अपने इमोशन को शेयर करते हैं.

स्माइल करने के फायदे

अगर आप स्माइल करेंगे तो इससे आप स्ट्रेस और डिप्रेशन को आसानी से दूर भगा देंगे. मुस्कुराने से हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है,मुस्कुराने से वर्ल्ड स्माइल डे का मकसद पूरा होता है, यानी आप अगर मुस्कुराएंगे तो दूसरे इंसान में पॉजिटिव वाइब्स ट्रांस्फर होगी. इससे सामने वाले शख्स को भी खुशी का अहसास होगा. अगर आप हैप्पी रहेंगे तो खुद की और दूसरे इंसान की वर्क प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी.आप मुस्कुराते हैं तो ब्रेन हैप्पी हार्मोंस रिलीज करता है, जिनमें सेरोटोनिन (Serotonin), डोपामाइन (Dopamine) और एंडोर्फिन (Endorphins) शामिल हैं. ये नेचुरल पेन रिलीवर हैं. इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आप दिल से स्माइल कर रहे हैं, या जबरदस्ती मुस्कुरा रहे हैं, इससे आपका मूड जरूर बेहतर होगा.

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